ब्रेन का मुख्य हिस्सा है – हिप्पोकैंपस

हिप्पोकैम्पस मानव तथा अन्य स्तनधारियों के मस्तिष्क का एक प्रमुख घटक है। 

यह दीर्घकालीन स्मृति व स्थानिक दिशा, निर्देशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मस्तिष्क के एक ख़ास हिस्से “हिप्पोकैंपस“पर किए गए ताज़ा शोध के मुताबिक डिप्रेशन (अवसाद) दूर करने के लिए दी जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं जैसे — 

ब्राह्मी, जटामांसी, शंखपुष्पी, वच, मालकांगनी, बादाम एवं आँवला का लक्ष्य ब्रेन की कोशिकाओं का व्यायाम कराना ही होता है।

हमारे मस्तिष्क में कुछ शिथिल 

जीन” होते हैं,  जो ब्रेन की नाडियों को रिचार्ज करने वाली प्राकृतिक ओषधियाँ और आयुर्वेदिक माल्ट सेवन के दौरान ज़्यादा सक्रिय हो जाते हैं.

दिमागी तंत्रिकाओं खोज करने वाले

आयुर्वेद के प्राचीन वैज्ञानिकों में
【१】आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धन्वन्तरि,
【२】वैद्यराज अश्वनी कुमार
【३】महर्षि चरक, सुश्रुत।
【४】ब्रह्मर्षि भारद्वाज और
【5】परम शिवभक्त दशानन

के उस सिद्धांत को भी मज़बूती देता है जिसके अनुसार डिप्रेशन (अवसाद) दूर करने के लिए सिर्फ़ मस्तिष्क कोशिकाओं में रासायनिक बदलाव काफ़ी नहीं हैं, बल्कि कोशिकाओं की संरचना और उनके आपसी संबंधों में बदलाव के लिए ब्रेन की कोशिकाओं में रक्त के संचार (ब्लड सर्कुलेशन) के लिए हर्बल मेडिसिन का उपयोग निरन्तर करना ज़रूरी है।

अतः डिप्रेशन का स्थाई इलाज केे लिए
[[1]] ब्रेन की गोल्ड माल्ट
[[2]] ब्रेन की गोल्ड टेबलेट

तीन महीने तक दूध या पानी के साथ

दिन में 2 से 3 बार सेवन करें

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