होली का उत्सव

ये रंग न जाने कोई जात, न कोई बोली,
मुबारक हो आपको रंग भरी होली
होली का उत्सव
उमंग और उत्साहवर्द्धक

असत्य, काम, क्रोध, नकारात्मक ऊर्जा

वाले बलवान और राक्षस प्रवृत्ति वाले
लोग बहुत तेजी से, तीव्र गति से बढ़ते हैं
और बहुत जल्दी ही नष्ट या बर्बाद भी
हो जाते हैं।
होली का उत्सव- उमंग और उत्साह
वृद्धिकारक होता है। प्रकृति का प्रदूषण,असत्य
और प्राणियों की आसुरी विचार विनाश
करने के लिए होली उत्सव उत्पन्न हुआ।
होली में अग्नि का विशेष महत्व है।
हम अग्नि द्वारा अनेक ज्ञात-अज्ञात
प्रदूषित वातावरण का नाश कर सकते हैं।
राहु की खास मौसी थी होलिका
होलिका परम् शिव भक्त हिरण्यकश्यप
और राहु की मां सिंहिका की सगी बहन थी।
स्वर्ण की खोज सृष्टि में सबसे पहले इनके
परिवार ने ही की थी।
प्राचीन परम्परा के मुताबिक
माँ होलिका मृत यानी पिछले सम्वत्सर
की प्रतीक है। होली जलाने से ब्रह्माण्ड
में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा एवं आसुरी
सोच का नाश हो जाता है, जो स्वास्थ्य
के लिए बहुत ही ज्यादा अनिष्टकारी हैं।
होली जलाने से पृथ्वी में फैले अनेकों रोगादि, कृमि नष्ट हो जाते हैं।
होली से 15 दिन बाद नव वर्ष का आगमन
होता है। 15 दिन के अन्तराल में धरती से
निगेटिव आसुरी शक्तियों का सर्वनाश
होकर पुनः नवीन ऊर्जा का संचरण हो जाता है। वायु मण्डल शुद्ध एव प्रकृति-पृथ्वी
पावन-पुनीत हो जाती है।
  • दूरियाँ दिल की मिटें, हर कहीं अनुराग हो।
    न द्वेष हो, न राग हो, ऐसा यहाँ पर फाग हो।।
अंग्रेजी में होली का अर्थ निम्नलिखित भी
हो सकता है-
H -hate नफरत
O-out बाहर
L-love  प्यार
i-in  अंदर
मतलब साफ है-
होली का त्योहार नफरत को बाहर और
प्यार को अंदर करने के लिए मनाया जाता है।
होली के हुड़दंग-
आज से 25-30 साल पहले होली के
भड़वे या भडुआ गली मोहल्लों में बहुत
हुड़दंग मचाया करते थे। सबके विचित्र
स्वांग होते थे। कोई जूतों की माला
पहनते, तो कोई स्त्रियों का भेष में
मस्ती करते थे। उस समय मस्ती
बहुत ही सस्ती थी। अब उपलब्ध नहीं है।
होली में जूते का महत्व-
ग्वालियर के सुप्रसिद्ध कवि, जो “कमल”
के नाम से दुनिया में प्रसिद्ध थे, उनके द्वारा
एक जूता पुराण लिखा गया था।
उसमें उन्होंने होली के समय
जूतों की तारीफ इस प्रकार लिखी है-
जूतों की महिमा
 
सदा पैरों में रहता हूँ,
स्वयं सरकार होता हूँ।
अगर होली का मौका हो,
तो गले का हार होता हूँ।।
 
कौन सी ऐसी जगह है,
जिस जगह जुटा नहीं।
मुफ्त में मिलते हैं यदि,
क्रय करने का बूता नहीं।।
 
 
अमृतम परिवार की ओर से
होली की शत-शत शुभकामनाएं
दुखियों की होली-
अब क्या खा़क मनाऊँ गा होली।
जब वो ही किसी और की हो ली।।

 
पुराने समय की बातें-
 
  • होली में वो लड़किया भी 
  • अपने अंदर की होलिका जला ले,
    जो दशहरा में
    लड़को से अपने अंदर का 
  • रावण जलाने को कह रही थी !!

 दरूओं का त्योहार

दारु की खुशबू, बियर की मिठास,
गांजे की रोटी, चरस का साग,
भांग के पकोड़े और विल्स का प्यार,
लो आ गया फिर नशेड़ियों का त्यौहार

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