छुहारा खाना हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है?

छुआरा या पिंडखजूर एक अमृतम ओषधि…

छुआरा/,पिंडखजूर के चमत्कारी इकत्तीस/31

फायदे जानकार हो जाएंगे हैरान—

【१】पिंडखजूर को सुखाकर छुआरा बनता है यह बहुत ही पौष्टिकता से भरा हुआ फल है।

【२】मुस्लिम धर्म के लोग रोजा खोलने से पहले छुआरा खाते हैं, फिर अन्न ग्रहण करते हैं।

【३】राहु की शांति और कृपा पाने के लिए दक्षिण भारत के त्रिनागेश्वर राहु मन्दिर में राहुकाल के समय शिवलिंग के समक्ष पिंडखजूर, छुआरा का नैवेद्य अर्पित करते हैं।

【४】श्री कालहस्ती राहु शिवालय में सूर्य-चन्द्र ग्रहण के वक्त छुआरे के रस, काढ़े से शिवलिंग पर रुद्राभिषेक किया जाता है।

【५】पिंडखजूर, छुआरे के वृक्ष मुस्लिम देशो में सर्वाधिक पाए जाते हैं।

【६】यह छुआरा बहुत अच्छी क्वालिटी का होता है। जिसकी कीमत 1000 से 2000 किलो तक होती है।

【७】इसे शेख-पठान अधिक खाते हैं।

【८】आयुर्वेदिक ग्रन्थ भावप्रकाश में छुआरे के बारे में विस्तार से लिखा है।

【९】स्कंदपुराण के अनुसार ऐसा मानते हैं कि इस वृक्ष की उत्पत्ति भगवान कार्तिकेय के द्वारा की गई थी अर्थात इसे लगाने, उगाने की विधि श्री कार्तिकेय ने ही खोजी थी।

【१०】ज्योतिष रत्नाकर ग्रन्थ, रावण सहिंता, लालकिताब आदि में मंगल दोष दूर करने एवं की शांति और कैंसर रोग से मुक्ति के लिए छुआरा, कालीमिर्च, गुड़, सादा खड़ा नमक आदि प्रत्येक मंगलवार को किसी शिवालय में दान कर, अमृतम राहु की तेल

के 5 दीपक जलाने से बहुत ही ज्यादा फायदा होता है। 9 मंगलवार नियमित यह प्रयोग करने की सलाह दी गई है।

【११】सँस्कृत के एक श्लोक के मुताबिक-

भूमिखर्जुरिका स्वाद्वि दुरारोहा मृदुच्छदा।

तथा स्कन्धफला काककर्कटी स्वादुमस्तका।।

पिण्डभूमिखर्जुरिका त्वन्या सा देशे पश्चिम भवेत्।

खर्जुरी गोस्तनाकारा परद्वीपादिहागता।।

स्निग्ध रुचिकरं…. दीपनं बलशुक्रकृत्- आदि

【१२】यह फल काबुल, कंधार, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, इजिप्ट में अधिक पैदा होता है।

【१३】वणौषधि सहिंता के हिसाब से छुआरा 33 तरह का होता है। जिसमें किसी-किसी फल का आकार छोटे सेव फल की तरह बड़ा रहता है।

【१४】मुस्लिम धर्म में यह सबसे पवित्र और पूज्यनीय फल माना गया है।

ओर भी हैं-छुआरा के फायदे—

【१४】ह्रदय हितकारी, हार्ट को मजबूत बनाये।

【१५】सेक्स की समय सीमा बढ़ाता है।

【१६】वीर्यवर्धक यानि वीर्य की वृद्धि करता है।

【१७】भूख, प्यास, काम/सेक्स बढ़ाता है।

【१८】माधव निदान नामक ग्रन्थ के अनुसार

जिन लोगों का यकॄत/लिवर शराब पीने के कारण खराब हो गया हो, उन्हें सुबह खाली पेट 3 से 5 छुआरे या पिंडखजूर अवश्य खाना चाहिए।

【१९】राहु की महादशा या अंतर्दशा के समय जब एसिडिटी, गैस विकार, लिवर की परेशानी आदि तकलीफें जब किसी भी ओषधि से दूर नहीं हो रहीं हो, तो 11 अच्छे छुआरे पान के पत्ते पर रखकर किसी शिवमन्दिर में शुक्रवार या शनिवार के दिन नैवेद्य के रूप में अर्पित करें। 11 दीपक राहु की तेल के जलाएं ओर 5 छुआरे या पिंडखजूर खुद भी खाएं।

【२०】खजूर के पेड़ का पानी असाध्य कैंसर, मधुमेह/डाइबिटीज का इलाज करने में सहायक है। सुबह खाली पेट लें।

【२१】अमृतम द्वारा जिओ माल्ट छुआरा/पिंडखजूर युक्त ओषधि है। पेट की किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए इसे 3 महीने नियम से लेना हितकारी है।

【२२】छुआरे को मृदुला, पिंडखजूर, सुलेमानी, दलहीनफला भी कहते हैं। यह रक्तपित्त व पित्तदोषों को हरता है।

【२३】किसी बीमारी की वजह से आई दुर्बलता मिटाने के लिए इसका अवलेह खिलाना लाभप्रद रहता है।

【२४】रात को 3 से 4 पिंडखजूर या छुआरा खाने से मानसिक रोगों में राहत मिलती है।

【२५】यदि रोज 2 छुआरे, 8 मुनक्के, 4 बादाम को दूध में अच्छी तरह उबालकर 3 महीने पियें, तो शुक्राणुओं में बढ़ोतरी होती है, जिससे सन्तान उत्पति की संभावना बढ़ जाती है। स्त्री-,पुरुष दोनों सेवन करें।

【२६】छुआरे के उपयोग से बुढापा जल्दी नहीं आता।

【२७】यह आंतों की मरम्मत करने में चमत्कारी है।

【२८】ग्रन्थों में छुआरे के विषय पर लगभग 80 पृष्ठ लिखे गए हैं जिसमें 50 फीसदी सारतत्व प्रस्तुत है। कभी पृरी जानकारी विस्तार से बताई जाएगी।

【२९】हर शिवरात्र और श्रवण मास/सावन के महीने में कांवरिया भक्त गंगाजी का पवित्रजल भरकर लाते हुए रास्ते भर कुछ न कुछ गाते हैं, जिन्हें भोला, कन्हैया आदि लोकगीत कहते हैं-

【३०】आपने कभी सुना होगा कि वे पिंडखजूर के लिए कावरियों के मुख से भी गीत गूंजते हैं। एक बानगी देखिए-

【३१】आगरा की गैल में लम्बो पेड़ खजूर,

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