- चरक सहिंता, चक्रदत्त, सुश्रुत सहिंता आदि शास्त्रों के हिसाब से रक्तचाप यानी बीपी का घटना या बढ़ने का सीधा सम्बन्ध हमारी श्वांसों से है।
- हमारा शरीर महादेव की विशाल रचना है, जो भोजन से कम और साँसों से ज्यादा चलायमान है।
- हमारी सारी बीमारी की वजह शहर्रिर में प्राणवायु की कमी है।
- आप किसी योग गुरु या प्राकृतिक चिकित्सक से सलाह लेकर केवल आती जाती श्वांस पर निगाह रखने की आदत बनाएं।
- सांस को धीरे धीरे नाभि तक ले जाकर रोकें। फिर पुनः धीरे से बाहर निकालकर रोकें रहे।
- जब तन-मन में पूरी तरह सांस का आवागमन होने लगेगा, तो आपके सभी असाध्य रोग जड़ से मिट जाएंगे।
- अवधूत-अघोरी, योगीगण केवल श्वांस प्रक्रिया द्वारा हजारों साल स्वस्थ्य रहकर जीवित रहते हैं।
- एक बात विशेष ध्यान रखें कि दवा कोई भी हो, वह रोग को दबाती है। इसलिए इसे दवा कहा जाता है।
- दवा की दम पर कोई भी कोई भी पूर्ण आयु पाकर लम्बे समय तक जीवित नहीं रहता।
- तंदरुस्ती के लिए आप योगा, ध्यान, शिव साधना तथा प्राकृतिक चिकित्सा जैसे मार्ग अपनाएं।
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