कब्ज (कांस्टीपेशन) कैसे मिटाएं। जाने घरेलू देशी इलाज ||

    • आयुर्वेदिक इलाज़ पूरी तरह प्राकृतिक है जिसका आपके शरीर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। इसके कोइवसाइद इफेक्ट नहीं होते। आयुर्वेद में आपको उन सभी रोग ठीक हो जाते हैं। जिनकी चिकित्सा एलॉपथी में भी नहीं है| जैसे:
      • गर्दा यानि किडनी की खराबी के लिए एलॉपथी में डायलिसिस जैसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो कि काफी दर्दनाक है|
      • यकृत रोग होने पर कई बार डॉक्टर लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं|
      • बढ़ते ब्लड शुगर के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन भी लगाये जाते हैं|
      • अर्श बवासीर या पाइल्स जैसी गंभीर रोग के लिए एलॉपथी में सर्जरी करने की सलाह दी जाती है|
      • वात विकार, आर्थराइटिस में दर्द के लिए डॉक्टर दर्द की दवा या दर्द के इंजेक्शन लगाते हैं|
      • एलोपैथिक दवाइयों का सेवन करने से रोग वश में रहते हैं। लेकिन जैसे ही आप दवा खाना बंद कर देते है कुछ दिनों के बाद ही फिर से आपको वही समस्याएं होने लगती है| क्योंकि एलोपैथिक दवाइयों फिर आपकी बीमारी को कुछ दिनों के लिए राहत देता है लेकिन आपकी परेशा
    • कब्ज का शर्तिया इलाज आयुर्वेद में लेकिन सनाय, कालादाना, शुद्ध जयपाल (जमालघोटा) ये खतरनाक दस्तावार घटक हैं, इन्हें अधिक मात्रा में लेने से आंतें, यकृत में छाले, जख्म होकर खराब हो जाते हैं।
  • देश में जितने भी कब्जनाशक चूर्ण, टैबलेट, सिरप बिक रहे हैं, वे सब सनाय, कालादाना से निर्मित हैं। एक बार इसे खाने की आदत पड़ जाए, तो एक दिन ऐसी स्थिति बन जाती है कि इनके इस्तेमाल के बिना पखाना उतरता नहीं है।
  • ज्यादातर लोगों को पित्त दोष के कारण कब्ज की समस्या होती है। कब्ज के कारण ही महिलाओं को सोमरोग या पीसीओडी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
  • पुरुषों को कम उम्र में ही काम हीनता, नपुंसकता की बड़ी वजह पित्त दोष तथा कब्ज या कांस्टीपेशन ही है।
  • 15 दिनों तक नियमित पेट साफ न होने से कफ विकार उत्पन्न होने लगते हैं।

कब्ज की कलाकारी …माधव निदान ग्रंथ के अनुसार जब यह मल उदर से बाहर नहीं निकलता, तो मल सड़ने लगता है, जो भविष्य में ग्रंथिशोथ या थायराइड, वात विकार पैदा करता है। कमर, हाथ, पैर, जोड़ों में दर्द भी कब्ज से होने लगता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में सभी रोगों की जड़ कब्ज ही बताया है।

  • द्रव्यगुण विज्ञान शास्त्रानुसार सिरदर्द, माइग्रेन, मानसिक क्लेश, तनाव, लिवर की खराबी, कमजोर रोगप्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी), मानसिक क्लेश, भूलने की आदत आदि की दिक्कतें कब्ज के कारण होने लगती है।
  • आयुर्वेद में गुलकंद, हरड़ चूर्ण, हरितकी मुरब्बा, करौंदा मुरब्बा, गुलाब पुष्प, अमलताश, पुनर्नवा, नागरमोथा, घृतकुमारि, एलुआ आदि ये सभी द्रव्य हल्के दस्तावर योग हैं।
  • अगर हमेशा के लिए कब्ज की समस्या से मुक्ति चाहिए, तो बहुत देरी के साथ सुबह खाली पेट, खाने के बाद एक चम्मच गुलकंद, आधा चम्मच हरड़ चूर्ण का 2 से तीन महीने तक सेवन करे।

Gulkand – Ayurvedic Rose Petals Jam

Gulkand is a powerful antioxidant and a very good rejuvenator. Consuming 1 – 2 teaspoons of Gulkand helps reduce acidity and stomach heat. It also helps in treating ulcers and prevents swelling in the intestine. Additionally, Gulkand helps treat mouth ulcers, strengthens teeth and gums and aids digestion.

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  • हरड़ चूर्ण उम्र रोधी यानि एंटीएजिंग ओषधि भी है अर्थात इसे जीवन भर जेल या दूध से लेते रहें, तो बुढ़ापा जल्दी नहीं आता। महिलाओं की रजो: निवृत्ति (मासिक धर्म अवरोध )बिलंब से होता है।

Harad Churna – 100% Ayurvedic Anti-Ageing

    • Amrutam’s Harad Churna is an anti-ageing Ayurvedic churna that prevents any age-related diseases. Infused with the goodness Glutathione, Vitamin C, Gallic Acid and Ellagic Acid, this single herb churna helps fight oxidative stress. Harad Churna boosts immunity and is used to cure gastrointestinal infections, piles, diarrhea and other digestive tract-related disorders. It helps increase appetite and improve digestion. Rubbing Harad Churna on gums and teeth is also helpful in treating dental ailments like Pyorrhea.
  • आयुर्वेद के बारे में गहराई से जानकार आप जीवन भर निरोग, सुखी रह सकते हैं।
  • आयुर्वेद यानि सम्पूर्ण शुद्धता। बार बार बीमारी के झंझट से मुक्ति। अपनाएं स्वास्थ्य वर्धक भरोसेमंद चिकित्सा…amrutam
    • एक आयुर्वेद ही है जहां आपको सभी साध्य असाध्य, ज्ञात अज्ञात हरेक बीमारी का इलाज़ मिलता है| जिसकी चिकित्सा करने में एलोपैथिक हार मान लेती है, वहां भी अंत में आयुर्वेद द्वारा मरीज ठीक किया जाता है।
    • नी को जड़ से ख़त्म नहीं कर पाता।
    • आयुर्वेदिक दवाओं में कई जड़ी बुटी का उपयोग किया जाता है। जो पूरी तरह प्राकृतिक होती हैं| ये सभी जड़ी बूटी हज़ारो सालो से सभी प्रकार की बीमारियों में एक रामबाण की तरह काम करती आयी है।
    • करकट विकार यानि कैंसर के कारण लोग जो ठीक होने की उम्मीद खो बैठते है उन सभी को आयुर्वेद में एक उम्मीद दिखाई देती है।
    • आयुर्वेदा उपचार की मदद से ऐसे कई चमत्कार देखने को मिले है जिसमे कैंसर जैसे असाध्य खतरनाक बीमारियों को भी मात दी है।
    • आयुर्वेदिक दवाओं की एक बहुत बड़ी विशेषता यह भी है कि इन्हें बिना किसी रोग के भी लिया जा सकता है।

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