असली हींग की पहचान केसे करें। हींग मसाला और आयुर्वेदिक ओषधि भी है।

 

असली हींग की पहचान

  • जो हींग रूमी मस्तगी के समान वर्ण वाली, गरम घी में डालने से लाबा के समान खिल जाने वाली तथा लालिमा लिये भूरे या बादामी रंग की हो वह अच्छी मानी जाती है।
  • उत्तम हींग की डली को तोड़ने से वह भाग बादामी रंग का दिखाई पड़ता है।
  • इसका स्वाद कड़वा और लहसुन के समान खराशदार तथा इसकी गन्ध लहसुन के समान तीव्र होती है।
  • पानी में घोलने से सफेद रंग की दीखाई पड़ती है।
  • हींग का वृक्ष झाड़ के समान छोटा, ५ से ८-९ फीट तक ऊँचा होता है।
  • पत्ते अनेक भागों में विभक्त, अजमोदे के पत्तों के समान कटे किनारे वाले एवं १-२ फूट लम्बे होते हैं
  • चार वर्ष का वृक्ष होने पर इसको काटते हैं और भूमि के पास वाली जड़ को तिरछे तराशने से जो रस निकल कर सूख जाता है उसको दो दिन के बाद खुरच कर संग्रह कर लेते हैं।
  • फिर दो दिन के बाद जड़ को उसी प्रकार ऊपर से तराश कर छोड़ देते हैं और सूखने पर खुरच कर इकट्ठा कर लेते हैं।
  • यही सूखा हुआ पदार्थ हींग है । प्रत्येक वृक्ष से २-३ छटांक से ५-६ छटांक तक हींग मिल सकती है।

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