डिप्रेशन, माइग्रेन, मनोविकार और मानसिक अशान्ति से बचाएंगे ये 25 उपाय

डिप्रेशन, माइग्रेन, मनोविकार और मानसिक अशान्ति से बचाएंगे ये 25 उपाय
 
दुनिया में 90 करोड़ और भारत में 15 करोड़ से भी ज्यादा लोग माइग्रेन और डिप्रेशन
जैसे मानसिक रोगों के शिकार हैं।

क्या है माइग्रेन

आधाशीशी/आधे सिर में अचानक होने वाला असहनीय सिरदर्द,अधकपारी या माइग्रेन एक जटिल आधि/विकार है जिसमें बार-बार मध्यम से गंभीर सिरदर्द होता है और अक्सर इसके साथ कई स्वैच्छिक तंत्रिका तंत्र  –  (मुख्य तंत्रिका प्रणाली का एक भाग है जो मूल रूप से चेतना के स्तर के नीचे नियंत्रण तंत्र के रूप में कार्य करती है और सहज प्रकार्यों को नियंत्रित करती है।) से संबंधित लक्षण भी होते हैं।

आजकल के लोग अनेक तरह के मानसिक रोगों जैसे – माइग्रेन, अवसाद/डिप्रेशन, हमेशा तनावग्रस्त रहना, चिन्ता, फ़िक्र, भय-भ्रम,बेचैनी, घबराहट/एंजायटी, दिमागी असंतुलन आदि मनोरोग/मानसिक विकारों से पीड़ित हैं।

मानसिक अशान्ति के 15 कारण  –

1■ तनाव भरी जीवन शैली,
2■ जिम्मेदारियों का बोझ,
3■ केरियर की चिन्ता,
4■बेरोजगारी या कोई काम-धन्धा न होना,
5■ प्रदूषण तथा प्रदूषित वायु व वातावरण
6■ दूषित भोजन, अनियमित दिनचर्या,
7■ पाचन तन्त्र/मेटाबॉलिज्म की खराबी,
8■ हमेशा कब्ज का बने रहना,
8■ शरीर में पानी की कमी बनी रहना,
10■ सदैव चिंतामग्न रहना,
11■ भय-भ्रम, छल-कपट, धोखेबाजी,
12■ प्यार में असफलता या एक तरफा इश्क,
13■ पढ़ाई का बोझ,
14■ प्रतिस्पर्धा/कॉम्पटीशन का भाव
15■ ज्यादा भागदौड़ से भरी जिंदगी एवं ओर भी अनेक अज्ञात  कारणों से सभी उम्र के लोगो के साथ-साथ बच्चों में भी माइग्रेन या अवसाद की शिकायतें बढ़ती जा रही है। ये दिमागी तकलीफें शरीर में कई प्रकार की
 बीमारियों को बुलाबा देती हैं।

सिरदर्द एक घातक बीमारी

वैज्ञानिकों ने माना है कि लगातार माइग्रेन/सिरदर्द रहना, डिप्रेशन का बने रहना आदि परेशानियां एक साइलेंट किलर अर्थात घातक बीमारी है। विश्व में हर 7 लोगों में एक स्त्री-पुरुष माइग्रेन से पीड़ित है। अकेले भारत में ही 15 करोड़ से वही अधिक लोग माइग्रेन की समस्या से और 32 करोड़ लोग
डिप्रेशन से जूझ रहे हैं।
जाने-माने जानकार चिकित्सकों के मुताबिक यदि माइग्रेन और डिप्रेशन की समय पर चिकित्सा न की जाए, तो व्यक्ति लकवाग्रस्त यानि पैरालिसिस हो सकता है।
आजकल लगातार तनाव के चलते बड़े-बुजुर्ग,
महिलाएँ और युवा पीढ़ी यहां तक कि बच्चे भी माइग्रेन तथा डिप्रेशन से पीड़ित हो रहे हैं। इन खतरनाक आधि-व्याधि से बचने के
लिये अपनी दिनचर्या/डेली रूटीन और आदतों को बदलना जरूरी है।
 

ये 25 उपायों को अपनाकर आप काफी हद तक माइग्रेन और डिप्रेशन को कम कर सकते हैं।

【1】”छोड़ो कल बातें“यानी पुरानी बातों को भूलने का प्रयास करें।
【2】व्यस्त रहें – मस्त रहें
【3】प्रेरणादायक पुस्तकों का अध्ययन करें
【4】हमेशा यह विचार करें या सोचें कि आप जैसे भी हैं, बहुत ही अच्छे हैं। आपसे अच्छा कोई दुनिया में है, ही नहीं।
【5】अपना आत्मबल कभी कमजोर न होने दें
【6】”हम होंगे कामयाब” यह विश्वास आपको विश्वविख्यात बना सकता है।
【7】!!श्रीमद्भागवत गीता!! के अनुसार-
“केवल कर्म करो”! फल की चाह न रखो, किसी भी काम को पूरी मेहनत और मन-लग्न से करो, चाहें वह छोटा हो या बड़ा।
【8】मौज करो, रोज करो। नहीं मिले, तो खोज करो। चिन्ता से परहेज करो।
【9】पानी अधिक पियें
【10】ज्यादा समय तक भूखे न रहें।
【11】गहरी और भरपूर नींद लें।
【12】सुबह सूर्योदय से पहले जागने की
कोशिश करें।
【13】सुबह उठते ही खाली पेट अधिक से अधिक पानी पियें।
【14】किसी भी काम को तुरन्त करे,
उसे कल के लिए न टाले।
【15】दिन में सोने की आदत न डालें।
【16】तनाव, बेचैनी, चिन्ता का एक कारण ज्यादा आलस्य भी है, इसे त्यागे।
【17】दिन में 25 से 50 बार धीरे-धीरे
सीधी नाक से श्वांस/सांस लेकर
“सीधी नाक” से ही बाहर निकाले।
【18】व्यायाम-प्राणायाम,योग, करें
【19】सुबह नहाने के पहले पूरे शरीर में
काया की बॉडी मसाज ऑयल” की मालिश करें।
【20】प्रेरक भजन, गाने, शास्त्रीय संगीत सुने।
हिम्मत, शक्ति बढ़ाने वाली एवं कॉमेडी सीरियल, फिल्में देखें।
【21】मनोबल गिरने वाले मित्रो, रिश्तेदारों से एवं क्रोध, चिड़चिड़ाहट से दूर रहें।
【22】थोड़ा समय आध्यात्मिक क्रियायों
को भी दें और ध्यान करें।
【23】रोज एक घंटे अनुभवी, सफल लोगों के साथ गुजारे।
【24】प्रतिदिन मॉर्निंग वॉक कर, 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलें।
【25】फालतू समय में मन्दिर-मस्ज़िद, गुरुद्वारे में कार्यसेवा कर समय गुजारें।

एक बात जो ध्यान रखने योग्य है :-

चील की ऊँची उड़ान देखकर चिड़िया कभी डिप्रेसन में नहीं आती, वो अपने आस्तित्व में मस्त रहती है, मगर इंसान, इंसान की ऊँची उड़ान देखकर बहुत जल्दी डिप्रेसन में आ जाते हैं! तुलना से बचें, और सदाआनंदित रहें…

प्राचीन घरेलू उपाय –

‘मनोदशा सुधारने में ये ओषधियाँ सहायक हैं।’
आयुर्वेद के प्रसिद्ध और विश्वसनीय इन 5 ग्रंथों में मन के कई भ्रम, चिन्ता, अवसाद, माइग्रेन जैसी बीमारियों की चिकित्सा का वर्णन है।
इन ग्रंथों के  नाम निम्न लिखित हैं-
@ रस-तन्त्र सार संग्रह
@ चरक सहिंता
@ बागभट्ट
@ भावप्रकाश निघण्टु
@ आयुर्वेद सिद्ध-योग संग्रह
हर्बल मेडिसिन द्वारा करें–
माइग्रेन और “डिप्रेशन का ऑपरेशन”
नीचे लिखी दवाएँ किसी आयुर्वेदिक स्टोर से
खरीद कर घर पर ही तैयार करें –
1  — पहला स्टेप ;;
¶ ब्राह्मी गोल्ड वटी 1 ग्राम
¶¶ स्मृति सागर रस 3 ग्राम
¶¶¶ त्रिलोक्य चिंतामणि रस स्वर्णयुक्त 1 ग्राम
¶¶¶¶ जहर मोहरा स्वर्णयुक्त 1 ग्राम
¶¶¶¶¶ रजत भस्म 2 ग्राम
ये सब दवाएँ केवल “धुतपापेश्वर कम्पनी की ही
इन सबको मिलाकर अच्छी तरह खरल करें।
2  — दूसरा स्टेप। ;;
कच्ची जड़ीबूटियां —
¶ ब्राह्मी बूटी 5 ग्राम
¶¶ शंखपुष्पी 5 ग्राम
¶¶¶ जटामांसी 3 ग्राम
¶¶¶¶ अश्वगंधा 5 ग्राम
¶¶¶¶¶ शतावर 5 ग्राम
¶¶¶¶¶¶ इलायची 1 ग्राम
¶¶¶¶¶¶¶ कालीमिर्च 2 ग्राम
¶¶¶¶¶¶¶¶ सर्पगंधा, विधारी कंद, बच, कुशा
सोंठ,सौफ, जीरा, धनिया, दालचीनी, खस, मालकांगनी सभी 2-2 ग्राम
इन सभी को साफकर पाउडर बनाकर कपड़छन करें। फिर पहले स्टेप वाली दवाओं को इसमें अच्छी तरीके से मिलाकर सभी की 30 खुराक बनाएं।
दवाई खाने का तरीका —
¶ आवला मुरब्बा 7 ग्राम
¶¶ हरड़ मुरब्बा 7 ग्राम
¶¶¶ गुलकन्द 7 ग्राम
¶¶¶¶ बादाम पाक
सबको मिलाकर इसके साथ एक खुराक गुनगुने दूध के साथ दिन में दो से तीन बार लेवें।
यदि तैयार दवा चाहिए, तो उपरोक्त/ऊपर लिखे फार्मूला के हिसाब से निर्मित
ब्रेन की गोल्ड माल्ट और टेबलेट
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इसके सेवन तन औऱ मन उत्तरोत्तर शुद्ध होते जाते हैं।  3/तीन माह तक नियमित सेवन करने से यह
विचलित, भटकते एवं मलिन मन पर नियंत्रण कर लेता है। मन सत्व गुण से प्रभावित होने लगता है।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट & टेबलेट के उपयोग से हमारी मूल चेतना या आत्मा की झलक मन पर पड़ती है,तो मन सात्विक तथा अच्छा हो जाता है।
आयुर्वेद में ब्राह्मी,शंखपुष्पी को सर्वश्रेष्ठ सात्विक जड़ी कहा है, जो मन व मानसिक विकार उत्पन्न करने वाली ग्रन्थियों को फ़िल्टर कर अवसाद (डिप्रेशन) तथा माइग्रेन जैसे रोगों से मुक्त कर देती हैं। ब्रेन की गोल्ड माल्ट में मिलाया मुरब्बा मेटाबोलिज्म को ठीक करने में मदद करता है।
जड़ीबूटियों प्रकाण्ड जानकर
आयुर्वेदाचार्य श्री भंडारी के अनुसार पेट की खराबी से ही तन-मन की बर्बादी शुरू होती है। अनेक तरह के भय-भ्रम,चिन्ता,मस्तिष्क रोग रुलाने लगता हैं।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट & टेबलेट एक बैलेंस हर्बल फार्मूला है इन दोनों दवाइयों में 50 से अधिक हर्बल मेडिसिन का मिश्रण है।
मन के अमन देने एवं तन को पतन से बचाने के लिए के लिए यह बहुत ही लाभदायक है।
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