क्या कसरत करना जरूरी है?..

अगर दशरथ बनने की हसरत है, तो नियमित कसरत अवश्य करें।

  • किसी हजरत ने कहा है कि- कसरती आदमी एक अच्छा पति होता है। ये भरपूर रति करते हुए भी रत्ती भर कमजोर नहीं होता। इनकी पत्नी भी सती स्वरूप होती हैं।
  • जीवन को गति देने के लिए कसरत भी भोजन की तरह उपयोगी है।

पानी से नहाने वाले केवल लिबास बदलते हैं।

पसीना बहाने वाले हमेशा इतिहास बदलते हैं।।

  • हमारा शरीर 5 कर्मेन्द्रियों और 5 ज्ञानेंद्रियों से बना है और इसी से चलता है। इन दोनों को मिलाकर यह दशरथ रूपी शरीर हमारा आधार है।
  • कसरत से शरीर अंग-अंग क्रियाशील और चलायमान रहते है। कसरत से मान-सम्मान भी बढ़ता है। कसरती लोग ही ठीक ढंग से वीर्यदान यानि सेक्स कर पाते है।
  • कसरत के बाद ध्यान करने से व्यक्ति महान बन सकता है। ये ज्ञान की बात कसरत करने के बाद ही समझ आएगी।
  • आयुर्वेद के अनुसार शरीर को कसरत द्वारा जितना थकाओगे ये उतना ही आराम देगा और तन को जितना आराम दोगे, ये उतना ही रुग्ण-रोग से भर जाएगा। भूख कम लगेगी।
  • रोज-रोज के रोजा रखने से शरीर एक दिन रोगों का पिटारा बन जाता है। चलोगे-थकोगे, तो इस यंत्र रूपी देह का पाचनतंत्र भी कम करते हुए मजबूत रहेगा।
  • जीतकर दिखाओ उनको, जो तुम्हारी हार का इंतजार कर रहे हैं। यह सब स्वस्थ्य शरीर से ही सम्पन्न होगा। हेल्दी बने रहने के लिए कसरत जरुर करो।
  • जब कसरत के द्वारा स्वयं को मजबूत बना लोगे, तो जिंदगी बहुत आसान लगने लगेगी।

कसरत का नशा कीजिये साहब,

बीमारी भी सफलता वाली आएगी।

ज्यादातर लोग कसरत छोड़ नारी के पीछे भाग रहे हैं और बीमारी हमारे पीछे। आज की पीढ़ी ने तेल की मलश करना बंद कर दिया है। ध्यान के फायदे तथा खानपान का सही ज्ञान न होने से लोग, आये दिन चिकित्सा विज्ञान की शरण में पहुंच जाते हैं।

भौतिकी के एक नियम के अनुसार किसी चीज को उठाने ज्यादा सरकाना आसान होता है, लेकिन कसरत में ये बात लागू नहीं होती।

आज ही आलस्य त्यागें। आलस से फ़ालिस मार सकती है। कसरतें जीवन की हर हसरतें पूरी करती है।

    • विशेष निवेदन- कसरत के अभ्यास में एक जरुरी बात ये है कि इस दरम्यान लड़कियों से दूर रहें और नजर ऐसी रखों कि लड़की तुम्हें देखकर “बाल ठीक करें, दुपट्टा नहीं”।
  • बचपन में हम कमजोर थे। हमारी टीचर ने कहा था कि पढ़ोगे नहीं, तो नम्बर नहीं दूंगी, तभी से दिल टूट गया और हमने कसरत करना चालू कर दी थी।

बुरा हुआ हाल जब….घर गए प्रसादी के भंडारे में, वो मिली भी हाथ में बाल्टी पकड़े हुए। अब हम गफलत में उनसे दिल मांगते या दाल।।

  • आजकल तो एक मुलाकात में मोबाइल, ब्रा, के नम्बर मिल जाते हैं।
  • अगर प्यार मोहब्बत की हसरत छोड़कर कसरत करोगे, सही पथ मिलेगा।
  • हमारी माँ हमे जगाने के लिए सुबह के समय कुछ पंक्तियां गुनगुनाती थी, जो सबके लिए प्रेरणादायक हो सकती हैं-

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,

अब रैन कहाँ जो तू सोवत है!
जो जागत है…. सो पावत है,

जो सोवत है वो खोवत है!!

ये गीत और आगे भी है लेकिन मुझे इतना ही याद है। किसी के स्मरण में हो, तो इसे पूरा करने में सहयोग करे।

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