क्या कोरोना का कोई इलाज है ही नहीं?

मजबूत प्रतिरोधक क्षमता यानि स्ट्रांग इम्युनिटी ही श्रेयस्कर…

कोरोना वायरस ओर आने वाले अनेकों असाध्य-अज्ञात संक्रमणों के इलाज की खोज में दुनिया के लगभग 349 महान चिकित्सा वैज्ञानिक बड़ी तत्परता से प्रयत्नशील हैं।
इस महामारी से छुटकारा पाने के लिए शोध चिकित्सक तरह-तरह के प्रयोग कर रहे हैं।
लेकिन 100% इलाज आज तक सामने नहीं आया है।

अब विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ भी मानने पर मजबूर है कि
इस दौर में कोरोना महामारी से बचने के लिए सिवाय रोग प्रतिरोधक क्षमता का बेहतर होना ही सर्वाधिक लाभकारी है।

विश्व चिकित्सा विज्ञान भी अब आयुर्वेद
की जड़ीबूटियों को अपनाने की सलाह दे रहा है। अभी-अभी जो भी नई मेडिसिन खोजी गई हैं, वे भी पूरी तरह कारगर सिद्ध नहीं हो पा रही हैं। इनके तत्काल परिणाम तो बेहद चमत्कारी हैं परन्तु यह इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने के अक्षम या अनुपयोगी है।जैसे-

●~ एजिथ्रोमाइसिन नामक एंटीबायोटिक मेडिसिन कोरोना संक्रमण में कारगर नहीं है।इसके उपयोग से इम्युनिटी बुरी तरह क्षीण हो गई।

●~ खून पतला करने वाली दवाएँ
कोविड-19 के मरीजों को खून का थक्का जमने की संभावनाएं अधिक मिली। आम सहमति से खून पतला करने वाली मेडिसिन का जमकर उपयोग हुआ और दुष्परिणाम फलस्वरूप रोगियों का इम्युन सिस्टम बुरी तरह बिगड़ गया और उनकी हालत पहले सी भी बदतर हो गई।

●~ बीसीजी एवं अन्य वैक्सीन…
सन्सार में विभिन्न बीमारियों के लिए अनेक तरह की वैक्सीन को तलाशा गया। मौजूद टीकों या वेक्सिनो में बीसीजी, पोलियो, चेचक, एमएमआर आदि की कोरोना इलाज के लिए इन्हें लगाया गया लेकिन कोरोना के मरीजों को इससे कोई लाभ नहीं हुआ। क्योंकि विश्व के वैज्ञानिक किसी भी टीके या वैक्सीन द्वारा यह दावा नहीं कर सके कि इनसे जीवनीय शक्ति में इजाफा होगा। आज दुनिया में संक्रमितों की संख्या कम नहीं है।

●~ विटामिन सी...
कोरोना काल में इसका जमकर उपयोग हुआ लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ।

क्या है विटामिन सी….

अधिकांश आवलां से निर्मित अमृतम च्यवनप्राश में सर्वाधिक होता है। इसके अलावा नींबू आदि खट्टे पदार्थों में पाया जाने वाला विटामिन सी  निरोग रहने के लिए बेहद जरूरी है। दरअसल यह एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर के सूक्ष्म छिद्र-नाड़ियों में ऑक्सीजन पहुंचाकर ऊतकों को क्रियाशील बनाये रखता है और हमारे शरीर में मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को रोकता है।

●~ विटामिन डी

बड़े पैमाने पर किये गए विश्लेषण से मालूम हुआ कि यह कोरोना संकट में अनुपयोगी है। इसका मतलब यह हुआ कि एक सोची-समझी साजिश के तहत और व्यापार वृद्धि के लिए इसकी बेहतरीन मार्केटिंग कर खरबों का कारोबार किया जाता है।

आयुर्वेदिक ग्रन्थ चरक सहिंता,
के चिकित्सा भेषजयरत्नाकर के अनुसार रोज 30 मिनिट प्रातः की धूप से जो विटामिन डी बढ़ता है।

अमृतम काया की तेल पूरे शरीर में लगाकर यदि सुबह की घाम ली जाए, तो हड्डियां भी मजबूत होती हैं।

●~ फेरीपरैविर एंटीवायरल दवा..
कोरोना से मुक्ति के लिए इसका भी प्रयोग हुआ लेकिन असफलता हाथ लगी।
●~ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन.
यह कोरोना काल की अत्यंत बहुचर्चित दवा है। ब्रिटेन व WHO ने भी इसके परीक्षण किये। लेकिन कोविड-19 पर यह असरकारक नहीं बैठी।
●~ इवेरमैकटिन  इंटिपेरासाइटिक दवा
इसे अमेरिका में कोरोना के कीटाणुओं के
नाश के लिए आजमाया गया। इसके भी
कारगर होने के प्रमाण नहीं मिले।

●~ आसेल्टामिविर मेडिसिन...

इन्फ्लूएंजा यह श्वसन तंत्र का एक संक्रामक रोग होता है, जिसकी शुरुआत खांसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है। इन्फ्लूएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है। इसके अलावा इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति के खांसने और छींकने पर अन्य व्यक्ति संपर्क में आता है, तो यह वायरस फैल सकता है।
इसके लक्षण भी कोरोना जैसे होते हैं।
इसके कारक वायरल संक्रमण के इलाज के लिए यह एंटीवायरल दवा का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है, जो इम्युनिटी को बर्बाद कर देती है।

●~ प्लाज्मा रक्त कोशिका थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी को मेडिकल साइंस की भाषा में प्लास्माफेरेसिस (plasmapheresis) नाम से जाना जाता है।
प्लाज्मा थेरेपी से तात्पर्य ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें खून के तरल पदार्थ या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं (blood cells) से अलग कर यदि जिस किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में रोगकारक उत्तक यानि टिशू मिलते हैं, तो उसका उपचार समय रहते शुरू किया जाता है।
विश्व भर में एंटीबॉडीज बन चुके लोगों का प्लाज्मा लेकर इससे इलाज किया जा रहा है।

●~ रेमडेसिविर एंटीवायरल…
यह कोरोना को तुरन्त कन्ट्रोल करती है।
मौत नहीं होगी इसकी कोई गारन्टी भी नहीं है। किंतु इम्युनिटी इतनी कमजोर हो सकती है, जिसे रिकवर करने में सालों लग जाएंगे।

●~ स्टेरॉयड
इसके कारण कोरोना पर नियंत्रण है।
लेकिन who के अनुसार इससे रोगप्रतिरोधक शक्ति खत्म हो जाएगी।

●~★टॉन्सिलीजुमाब
यह मेडिसिन गठिया, दर्द, सूजन एवं गांठ से पीड़ित लोगों को इंजेक्शन के रूप में उपयोग की जाती है। इसके उपयोग से जीवाणु संक्रमण की आशंका में बढोत्तरी हो रही है।

●~ जिंक तत्व…
कुछ चिकित्सक इसे लेने का सुझव दे रहे हैं हैं। आयुर्वेद की यशद भस्म जिंक से निर्मित होती है।
यशद भस्म कड़वी, कषैली, शीतल, पित्त-नाशक, नेत्रों के लिए लाभदायक और पाण्डु, प्रमेह तथा श्वास को नष्ट करनेवाली है।
आंखों की सभी बीमारियों में इसका उपयोग लाखों वर्षों से हो रहा है। नेत्ररोग में यशद भस्म बहुत लाभकरी है।

जैसे -नेत्र (आँख) में रोहे आना, आँख में दर्द होना, बराबर आँख में लाली बनी रहना या जल्दी-जल्दी आँखें आना आदि। इसे मिलाकर अमृतम ने अभी-अभी अपना एक नया बेहतरीन उत्पाद

आई की माल्ट EYE KEY MALT

यह 12 तरह के नेत्ररोगों को दूर करने में सहायक है।

कोरोना के साथ-साथ टीबी टर्न

WHO  की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया से सन 2025 तक टीबी यानि

रोग को अलविदा करना है। लेकिन अभी पता चला है कि कोरोना का उपचार कराने वाले अधिकांश मरीज अब टीबी से पीड़ित हो रहे हैं। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन

कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने इन मरीजों को खोजना शुरू कर दिया है।

आयुरवेद का एक सीधा सा सिद्धान्त है कि जीवनीय शक्ति कमजोर होगी, तो विभिन्न प्रकार की अज्ञात बीमारियां पनपती हैं।

अभी भी वक्त है कि तुरन्त अमृतम आयुर्वेदिक ओषधियों का सेवन शुरू कर

सदैव स्वस्थ्य निरोग रह सकते हो।

आयुष मंत्रालय भी बार-बार काढा पीने की सलाह दे रहा है।

यह भगवान का प्रकोप है दुर्भाग्य है कि हमें गंगाजल से हाथ धोने थे लेकिन हम एल्कोहल से धो रहे हैं। इन सबका कारक प्रथ्वी का प्रशासनिक अधिकारी राहु है।

अभी और बढ़ेंगे मामले राहु मङ्गल के नक्षत्र मृगशिरा में होने से पुलिस सेना को नुकसान होगा। युद्ध टालना मुश्किल होगा।

कोरोना से भी खतरनाक संक्रमण फैलने की भविष्य में बहुत आशंका है। इसलिए सर्वप्रथम अपनी देह की रक्षा करो।

इसमें हमको ही सब प्रयास करना होंगे।

अभी इम्युनिटी बढ़ाने हेतु आयुर्वेदक दवाओं और घरेलू आहार, मसाले का उपयोग करें।प्रतिदिन कसरत करें।अभी तो यह अंगड़ाई है आगे बहुत लड़ाई है। नहीं तो परिवार, समाज और सन्सार से हाथ धो बैठोगे।

शरीर को शक्तिशाली बनाने हेतु उपाय...

जरूरी नहीं कि आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता केवल दवा खाने से बढ़ेगी। इम्युनिटी बढ़ाने के और तरीक़े भी कारगर हो सकते हैं. जैसे-
आठ घण्टे की पर्याप्त नींद, लेवेंं दिन में नहीं सोना है। दिन में सोने से डिप्रेशन आता है।

नहाने के बाद ध्यान अवश्य कर सन्तुलित भोजन करें।

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सकारात्मक सोच
दशरथ रूपी शरीर की प्रतिदिन कसरत यानि रेगुलर एकस्रसाइज़ कर इसे थकाएं। क्योंकि रावण रचित अर्क प्रकाश के मुताबिक शरीर को जितना थकाएँगे यह उतना ही आराम देगा।
यह शरीर में व्यतिकरण (इंटरफोरान्स) को बंनाने में सहायक होता है।
व्यतिकरण एक ऐसा तत्व है जिसे हमारी कोशिकाएं उस स्थिति में मुक्त
(रिलीज) करती है, जब शरीर पर किसी संक्रमण/वायरस का आक्रमण होता है।
रात को आराम करते समय यह इंटरफोरान्स रिलीज होते हैं।

सभी के शरीर में श्वेत रक्त कणिकाएं
(व्हाइट ब्लड सेल्सWBC) होती हैं।
इनमें एक श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार जिसे विज्ञान की भाषा में साइटोटोक्सिस सेल्स
कहते हैं।  ये संक्रमण के सम्पर्क में आकर
रसायनिक द्रव्य (परफॉरेन)  उसमें छेद कर देता है।
ग्रेजाइम्स उन्हें रिलीज कर नष्ट केर देती है।
इसमें वे भी खत्म हो जाती है।

इम्युनिटी कैसे करें मजबूत...

आयुर्वेदिक पुस्तकों का अध्ययन करें, तो पता चलेगा कि-रोगप्रतिरोधक क्षमता वृद्धिकारक बढ़ाने के लिए

शुद्ध आहार, समय पर खाना-पीना, सोना-जागना, अभ्यंग, पैदल चलना, कसरत, पर्याप्त पानी पीना, घरेलू चिकित्सा आदि सर्वश्रेष्ठ उपाय हैं।

यकृत रोग, लिवर डिसीज,

सर्दी-खांसी, जुकाम, निमोनिया एवं फेफडों के संक्रमण,  श्वांस-दमा, रोग,

वातरोग, ग्रन्थिशोथ यानि थायराइड,

स्त्रीरोग, कुपोषण, मोटापा,

पित्त की परेशानी से पैदा होने वाले पेट के विकार, तथा

रज-तम से उपजे मानसिक रोग, तनाव आदि अनेक आधि-व्याधि का उपचार हमारे खानपान, मेवा-मसालों में समाहित हैं। लगभग सभी गर्म मसाले ओषधियाँ हैं। यह इम्यूनिटी मजबूत करने में कारगर हैं।

अमृतम गिलोय बेहतरीन ज्वरनाशक बूटी है।
घर-घर में उपलब्ध सौंठ, कालीमिर्च कफ मिटाकर हृदय शक्तिदायक है।

अमृतम गुलकन्द गजब का पित्त नाशक योग है।


मुनक्का, अंजीर, धनिया अमलताश उदर विकारों को दूर करता है।

अमृतम हरड़ पाउडर हर रोग हर लेती है।                                                      अमृतम आँवला  चूर्ण,                                अमृतम च्यवनप्राश विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है।

                       

विभितकी कफको गलाकर बाहर निकल फेंकती है। जिससे बुढ़ापे में दमा श्वांस की समस्या नहीं होती।
सौफ, मिश्री अम्लपित्त यानि एसिडिटी को अलविदा कर देती है।

लालमिर्च रक्तशोधक और केन्सर निरोधक है। अमृतम मुलैठी का पावडर यदि रोज पूरा परिवार

2 से 3 ग्राम लेवें शरीर शक्तिशाली होता है।
हल्दी सर्वरोगहारी ओषधि है।
जीरा जीव के जी या मन को राहत देता है।
दालचीनी लांग, इलायची यह सब रोगाणु-विषाणु नाशक हैं।

इम्यूनिटी के लिए सबसे फायदेमंद

पर्याप्त सुकून वाली नींद और पौष्टिक भोजन, नियमित कसरत, अभ्यंग ओर अमृतम आयुष की काढ़ा लेना भी लाभदायक रहेगा।

शरीर की सेना को शक्तिशाली बनाएं...

संसार की सबसे शक्तिशाली सेना हमारे अंदर है। ये सेना ही हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली है। देह को तरोताजा, स्वस्थ्य रखने के लिए सदैव ये विकारों से युद्ध लड़ती रहती है।

ये शरीर को रोगजन्तु, बैकटेरिया, वायरस से लड़कर हमारी तन-मन के अंदर आने वाले किसी भी जहरीले पदार्थ से भी बचाती है। ये प्रणाली हमारे शरीर को फिर से ठीक निरोग रखने में भी मदद करती है।

अमृतम पत्रिका पर लगभग 3000 से अधिक ब्लॉग पढ़ने योग हैं। जिससे आपको सटीक मार्गदर्शन मिलेगा। इन लेखों में दी गई सभी जानकारी आयुरवेद की पुरानी किताबों में से ली गई हैं।

[A] आधि क्या है – जानिए

बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि “आधि” और “व्याधि” दोनों अलग-अलग तकलीफें है।
https://www.amrutam.co.in/aboutadhiandvyadhi/

[B] अब जानिए “व्याधि” क्या है? –
व्याधि का अर्थ है शारीरिक कष्ट
https://www.amrutam.co.in/learnwhatisvyadhi

■ ~बवासीर का इलाज कैसे करें…

https://amrutampatrika.com/in-summer-and-in-the-rain-it-hurts-more-bloody-or-bad-piles/

■ ~आंखों को कैसे करें ठीक…

https://amrutampatrika.com/vision-is-necessary-to-live-life/

■ ~स्वस्थ्य,निरोगी,आरोग्यता दायक सूत्र-हम कैसे स्वस्थ्य रहें-
अमृतम आयुर्वेद के लगभग 100 से अधिक
ग्रंथों में तंदरुस्त,स्वस्थ्य-सुखी, प्रसन्नता पूर्वक जीने के अनेकों रहस्य बताये गये हैं।
https://www.amrutam.co.in/faithayurveda/

■ ~स्वास्थ्य के लिए संगीत भी कारगर है -MUSIC for HEALTH
कई शोधों में यह साबित भी हो चुका है,
कि संगीत तनाव और अवसाद कम करने
में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संगीत सुनने से कई बीमारियां भी दूर
होती हैं, यह अनिद्रा के रोगियों के लिए
भी फायदेमंद है।
!!अमृतम!!   के इस लेख/ब्लॉग में रोगों
के उपचार के लिए संगीत/म्यूजिक विषय
को आधार बनाकर ऐसे बहुत से रोगों पर
उपचार करने वाले रागों के विषय मे
जानकारी दी गई है।

जिसे पढ़कर आप आनंदित हो जाएंगे।
https://www.amrutam.co.in/musicforhealth/

■ ~विष क्या है और जहर के प्रकार
(toxicology) जहर की चिकित्सा के
अर्थ में प्रयुक्त हुआ है जिसमें विभिन्न
प्रकार के विषों तथा उनके प्रतिकारकों
(चिकित्सा उपाय) का वर्णन है।
https://www.amrutam.co.in/ayurvedatoxicology/

■ ~ बरसात के बाद की करामात-
https://www.amrutam.co.in/changing-seasons-health/

■ ~ इरादों को भी मजबूत बनाये

https://amrutampatrika.com/if-we-accept-then-defeat-is-be-determined-then-you-win/

■ ~ज्वर जीवन की जर्जर कर देता है
https://www.amrutam.co.in/dailyayurvedichealthtips/

■ ~बवासीर” — खराब करे तकदीर
https://www.amrutam.co.in/bavasirkibimarikaayurvedicilaj-ayurvedicmedicineforbavasir/

■ ~बवासीर/पाइल्स आठ प्रकार का होता है
https://www.amrutam.co.in/6differenttypesofpilesandyaurvedictreatment/

त्वचारोगों का इलाज…

https://amrutampatrika.com/is-your-skin-problematic/

■ ~ ब्रेन वैज्ञानिकों ने एक नवीन खोजों  में पाया  कि जिन लोगों की याददास्त तेज होती है या जो बच्चे, बचपन से ही याद रखने के मामले में विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं, उनके मस्तिष्क की बनावट दूसरे लोगों के दिमाग की बनावट की तुलना में कोई विशेष अलग नहीं होती।
https://www.amrutam.co.in/improvememorywithayurvedainhindi/

■ ~अमृतम उपाय-रोग मिटाये
शरीर को स्वस्थ्य,तंदरुस्त, शक्ति-सम्पन्न एवं
सुन्दर बनाने वाला 200 वर्ष पुराना एक हर्बल
“अमृतम फार्मूला”
https://www.amrutam.co.in/ayurvedictipsforyourhealth/

सेक्स के बारे में –
वैज्ञानिक शोध और खोजें —
जर्मन, यूनिवर्सिटी ऑफ बेम्बर्गन के
सेक्स वैज्ञानिकों ने अनेक स्त्रियों पर
किए गए एक शोध में पाया कि महिलाओं
के साथ किस समय सेक्स करनेमें ज्यादा
आनंद या सुकून की अनुभूति होती है-
जाने कैसे….
https://www.amrutam.co.in/learnaboutsex/

■ ~काम (सेक्स) के बारे में काम की बातें :-
काम (सेक्स)  के बारे में एक ऐसी
साहित्यिक और वैज्ञानिक जानकारी
पहली बार पढ़े-
https://www.amrutam.co.in/sexandmythology/

■ ~गर्वीली रमणियों (सेक्स की अधिक

इच्छा रखने वाली स्त्रियों) को मदहोश एवं मान-मर्दन के लिए यह एक सक्षम हथियार है।

https://www.amrutam.co.in/ayurvedicmedicineformenssexualhealth/

■ ~सर्दी में पाएं भरपूर जोश और जवानी
सभी 8 प्रकार के गुप्त रोगों को मिटाने
वाली 100% आयुर्वेदिक ओषधि
How To Increase Sex Power
https://www.amrutam.co.in/howtoincreasesexpower/

■ ~लिवर की समस्या और समाधान
यकृत (लिवर) शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। लिवर शरीर का सबसे बड़ा भाग अर्थात अंग होता है। यदि यकृत में किसी भी तरह  का संक्रमण (इंफेक्‍शन) या लिवर में खराबी आ जाती है तो, शरीर में कई प्रकार के ज्ञात-अज्ञात विकार के उत्पन्न हो जाते हैं। अनेक दुष्प्रभाव दिखने लगते हैं।
https://www.amrutam.co.in/naturallivercare/

■ ~अघोरियों की कहानी…

https://amrutampatrika.com/avadhoota-aghoris-guru-tradition/

■ ~ थायराइड क्या होता है
थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है क्‍योंकि इससे ऊर्जा देने वाले हार्मोन थायराक्सिन का निर्माण होता है।..
https://www.amrutam.co.in/thyroidkyahotahai/
【】आयुर्वेदिक दवाईयों से होते हैं  “9” फायदे  और जानिए ……..
अर्थराइटिस/वातरोगों की वजह से उत्पन्न 9 प्रकार की व्याधियों के बारे में :
https://www.amrutam.co.in/arthritisandthyroid-ayurvedicmedicinewith100results/
【】शरीर में बार-बार होने वाले सुन्नपन,
झुनझुनाहट से हो सकता है भारी नुकसान
और वातरोग/अर्थराइटिस
https://www.amrutam.co.in/arthritisvatadosha/
【】जोड़ों का दर्द (जॉइंट पैन)
एक विकराल समस्या घुटनो में दर्द , जोड़ों में दर्द  (जॉइंट पैन) को आयुर्वेद ग्रंथो में इसे सन्धिवात औऱ संधिशोथ कहा गया है।
https://www.amrutam.co.in/thyroidarthritisgoutjointpaincervical/

■ ~थॉयराइड (ग्रंथिशोथ) से होने वाले 88 प्रकार के “वातरोगों” से सावधान रहें,
https://www.amrutam.co.in/thyroidvatta/

■ ~ क्या आप जानते हैं कि मानव माइंड इतना शार्प क्यों है। दिमाग़ की परत दर परत खोलने वाला यह लेख जरूर पढ़ें-

https://www.amrutam.co.in/learn-about-the-anatomy-of-the-brain/
[N] हम खुद ही रोग-विकार,बीमारियों के लिए जिम्मेदार है-जानिए कैसे :-
https://www.amrutam.co.in/positivity-ayurveda/
[O] महिलाओं की सुन्दरता
कम करने वाले 10 रोग
https://www.amrutam.co.in/benefitsofnarisondaryamalt/
[P] बच्चों के लिए 27 ओषधियों से निर्मित
बच्चों के 14 रोगों में उपयोगी पौष्टिकता से भरपूर रोग प्रतिरोधक स्वादिष्ट हर्बल अवलेह (माल्ट) बढ़ते बच्चों के लिए यह आयुर्वेद में पहली तरह की हर्बल ओषधि है।
https://www.amrutam.co.in/childcaremalt/

■ ~बच्चों को बार-बार होने वाले कफ दोष/रोग सर्दी-खाँसी,जुकाम कफ दोष या रोग और निमोनिया, श्वांस नली की सूजन व इंफेक्शन का कारण फेफडों का संक्रमण हो सकता है।

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■ ~ मौसम की मार-
बरसात में बदलते मौसम के साथ
सर्दी-खाँसी,जुकाम होना स्वाभाविक है।इससे छुटकारा पाने के लिए
https://www.amrutam.co.in/lozengemaltanayurvedicremedy/

■~ आयुर्वेद का अविष्कार-
अमृतम  ने आयुर्वेद के 55 से अधिक ग्रंथो से
खोज निकाला एक प्राकृतिक उपाय हर
महीने करीब 2  किलो वजन बैलेंस करने
का आसान तरीका बिना किसी कसरत,
मेहनत, परेशानी या नुकसान के।
https://www.amrutam.co.in/ayurvedakaavishkar/

मन चंगा तो कठौती में गंगा
मलेरिया के इलाज की खोज को 100  साल हो चुके हैं, लेकिन भारत में हर साल मलेरिया के 65 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं, जिनमें से लगभग 50000  से ज्यादा लोगों की मृत्यु मलेेरिया की वजह से हो जाती है।

सिर्फ भारत में करीब 28 लाख लोग टीबी से पीड़ित हैं और हर साल लगभग सवा दो लाख लोग इस बीमारी से मर जाते हैं।

टीबी का इलाज और दवाएँ लोग सालों से ले रहे हैं और सरकार उन्हें मुफ्त में भी उपलब्ध कराती है।

अगर कोरोना जैसे ही मलेरिया या टीबी जैसी बीमारी की खबरें और आंकड़े रोज मीडिया में दिए जाएं, तो लोग पगला जाएंगे।

आपको अब बस ये सीखना होगा कि कोविड-19 के संग कैसे रहना/लड़ना है। जैसे कि हम मलेरिया के साथ जीने के आदी हो गए हैं… ऑल-आउट, ओडोमॉस, कछुआ अगरबत्ती का उपयोग करके, वैसे ही मास्क, सोशल डिस्टेंस, सेनेटाइजर का उपयोग, हर बार हाथ धोना, स्वच्छता आदि अब अपनी आदत में शुमार कर लो।

कोरोना के उपाय थोड़े अलग होंगे। लेकिन कृपया कोरोना केसों के अपडेट के चक्करों में न पड़े, अन्यथा आप जीवन का आनंद नहीं ले पाएंगे। घबराने की जरूरत नहीं है, बस कोरोना के साथ रहना सीखें।
केवल मानसिक रूप से मजबूत

और इम्युनिटी स्ट्रांग वाले स्वरस्थ व्यक्ति ही इस परेशानियों से निकलने का मार्ग निकल सकते हैं। सबसे पहले हर हाल में प्रकृति के साथ जीना सीखें तथा स्वस्थ रहें, मस्त रहें।

कोरोना वायरस से बचने के लिए

लिए बाजारू खानपान बन्द करें। ऐसा कुछ खाएं कि आपकी तन से वायरस हार जाए।

कोरोना के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
सर्दी-जुकाम के साथ तेज बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना ही कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो हो सकता है कि व्यक्ति संक्रमित हो।
खांसते या छींकते समय क्या सावधानी बरतें, ताकि संक्रमण न फैले?
खांसते और छींकते वक्त नाक-मुंह ढंके। हो सके तो खांसते वक्त कोहनी मोड़कर मुंह के सामने लाए।

अगर आपको कोरोना वायरस से संक्रमित होने का शक है तो किस हालत में अपना इलाज खुद कर सकते हैं?

कोरोना वायरस के कई प्रकार होते हैं, यह कौन-सा कोरोना है?

यह चीन के वुहान में मिला कोरोना वायरस का नया प्रकार है। अब तक वैज्ञानिक कोरोना वायरस के 6 प्रकार जानते थे, कोविड-19 सातवां प्रकार है। यह नया प्रकार है इसलिए इसका नाम नोवल कोरोना वायरस है। अभी इसके स्रोत की जानकारी नहीं मिली है। माना जा रहा है कि यह पहले वुहान के मछली बाजार में कुछ जानवरों में आया और वहां से इंसानों में फैला।
कोरोना का असर बढ़ने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।

कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा समूह है जो जानवरों में आम है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है। इसके संक्रमण से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है। इसकी स्थिति मिडल ईस्ट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (एमईआरएस) और सेवल एक्युट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (सार्स) से काफी मिलती जुलती है।

हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियोपून, जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया।

कैसे फैल रहा है-कोरोना वायरस?
WHO के मुताबिक कोरोना वायरस ( CoV ) एक जूनोटिक है। इसका मतलब है कि यह 2019-nCoV के जरिए जानवरों से मानव में फैला है। माना जा रहा है कि 2019-nCoV सीफूड खाने से फैला था। लेकिन अब कोरोना वायरस मानव से मानव में फैल रहा है। यह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।

कोरोना वायरस के असर के लक्षण
इस वायरस से मरने वालों की औसत उम्र 73 साल है। मृतकों में सबसे उम्रदराज शख्स 89 साल का था जबकि सबसे कम उम्र के लिहाज से 48 साल के व्यक्ति की मौत हुयी।
कमजोर जीवनीय शक्ति या प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए यह भयंकर रूप से घातक है। बुजुर्ग और 10 साल तक के बच्चे इसके जल्दी शिकारहो जाते हैं। निमोनिया, फेफड़ों में सूजन, छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना भी इसके लक्षण हैं।

इस नाजुक दौर में हम सबको अपने साथ अपनो का पूरा ध्यान रखना है क्योकि इस समय यह महामारी बेहद तेजी से फैल रही है। आयुर्वेदिक की प्रत्येक जड़ीबूटियों में अनेक गुण होते हैं। अमृतम आयुष की क्वाथ, फ्लूकी माल्ट और अमृतम च्यवनप्राश ओषधि के सेवन से कोरोना मुक्त हुआ जा सकता है।

यदि हम लापरवाह रहे, तो व्यापार, व्यवहार  परिवार सब चौपट हो जाएगा।

इन नियमों को भी अपनाएं…

अनावश्यक मेल मिलाप एवं घूमने से बचें! आईसीएमआर/ICMR नई दिल्ली द्वारा भी कोरोना से बचने के कुछ उपाय जारी किए है…

कोरोना  का खतरा जल्दी खत्म होने वाला नहीं है। सावधानी बरतें एवं  सुरक्षित रहें।

 ~ शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता दें, ताकि इम्युनिटी मजबूत हो सके।

~दो साल के लिए विदेश यात्रा पर न जाएं तथा अनावश्यक यात्राएं न करें

~ एक साल बाहर का खाना न खाएं।

~ भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।

~ शादी या अन्य मङ्गल-अमंगल कार्यक्रम जरूरी हो तभी या कम ही जाएं

~ पूरी तरह से शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करें.

~ ऐसे लोगों या व्यक्ति से दूर रहें जिसे खांसी जुकाम या एलर्जी है।

~ चेहरे पर वस्त्र लगाकर रखें यानि फेस मास्क पहने।

~ नाई की दुकान पर या ब्यूटीपार्लर न जावें
~अंगुठी,  बारासलेट कड़ा न पहनें। कोरोना वायरस के छुपने की यह सुरक्षित जगह है।

~ घर से बाहर निकलने के पूर्व रूमाल की जगह पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइज किया हुआ टिशू पेपर लेकर चलें।

~ जूट-चप्पल अलग रखकर हाथ-मुहँ धोएं।बाहर से आने के बाद जूते बाहर रखें।

~ बाहर से घर आने के बाद स्नान अवश्य करें और जब कभी आपको आशंका हो कि-लगे आप एक संदिग्ध रोगी के निकट आ गए हैं तो पूरी तरह से स्नान करें।

~ घर के सभी सदस्य नहाने से पहले आयुर्वेदिक अभ्यंग तेलम की मालिश कर आधा घण्टे धूप में बैठें फिर स्नान करें।

इसे अपने परिवार के सभी सदस्यों और दोस्तों के बीच  साथ साझा कर सकते हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान
परिषद, नई दिल्ली से साभार

तथ्य हमारे-कथ्य तुम्हारे …
हमारा प्रयास है कि अमृतम ग्रन्थ-पुराण, पुस्तकों में वर्णित से नित्य नवीन जानकारी उपलब्ध कराना, बताना हमारा काम है

और उसे आजमाना आपका।

बस इतना हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि आयुर्वेद एक जीवन पध्दति है। अमृतम दवाओं का उपयोग करके आप हमेशा स्वस्थ्य-मस्त, प्रसन्न रह सकते हो

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