जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 8

जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 8

पिछले आर्टिकल्स पार्ट 7 में 5 प्रकार के लकवा, पक्षाघात या पैरालिसिस के विषय में बताया गया था
इस लेख पार्ट 8 में जाने
अपतानक (धनुर्वात) Tetanus मांसपेशियों की तकलीफ और सूजन,क्या है?
जबड़े और गर्दन की मांसपेशियों (Muscle) में संकुचन का कारण बनता है, विशेष रूप से  यह सांस लेने में अवरोध उत्पन्न कर सकता है,
पूरे शरीर में –  तंत्रिका तंत्र के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों का नियंत्रण और Organ व वातावरण में सामंजस्य स्थापित होता है, उसे तन्त्रिका तन्त्र कहते हैं।
हमेशा उच्च रक्तचाप बने रहना,
अंगों का ठीक काम न करना,
बहुत पसीना आना,
बुखार रहना आदि समस्या
तन्त्रिका तन्त्र की कमजोरी से होता है।

मांसपेशी से जुड़ी तकलीफें – शरीर में अकड़न-जकड़न, ऐंठन, मांसपेशियों की ऐंठन,  चेहरे की मांसपेशी में खिचांव, तनाव व ऐंठन। धनुर्वात की वजह से हो सकती हैं।
अपतानक (धनुर्वात) के कारण श्वांस संबंधी तंत्र – श्वांस फूलना, ठीक से श्वान्स न ले पाना, बार-बार कुछ समय के लिए सांस रुक जाना आदि

यह होना भी तकलीफ हो सकती है –

【】जबड़े  व गर्दन में अकड़न, क्रोध,
【】चिड़चिड़ापन,
【】हृदय की धड़कन तेज़ होना,
【】कुछ भी निगलने में परेशानी,
【】पेट का भारीपन या कड़क होना,
【】मुंडी, सिर  पीठ और गर्दन के साथ होने वाली जकड़न या ऐंठन तथा
【】लार का लगातार टपकना
आदि लक्षण धनुर्वात के कारण हो सकते हैं।

शरीर में सूजन क्यों होती है —

शरीर के किसी भी अंग में सूजन का अर्थ है शरीर के किसी भाग की त्वचा में अस्थायी रूप से वृद्धि हो जाना। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे चोट लगना, ट्यूमर या कोई अन्य रोगों के कारण आदि। कभी भी किसी भी प्रकार की सूजन को अनदेखा कतई नहीं करना चाहिए। अक्सर देखा गया है कि सूजन होने पर लोग आधी-अधूरी जानकारी के साथ उसका इलाज करने लग जाते हैं, जो कि नुकसानदायक होता है। सूजन के विषय में सही ज्ञान होना बहुत जरूरी होता है।
सूजन  कितने प्रकार की होती है,
सूजन क्या है, क्यों होती है, 
इसका इलाज क्या है
आयुर्वेद के अनुसार सूजन यानि ओडिमा का कारण है –
शरीर में पानी की अधिकता होना,
अर्थात जब पर्याप्त मात्रा में पानी शरीर से
बाहर नहीं निकल पाता,  तभी शरीर के विभिन्न
हिस्सों में सूजन आने लगती है। वर्तमान में
25 से 30 प्रतिशत मरीज सूजन की
समस्या से ग्रस्त हैं।

सूजन के अन्य कारण

[[]] किसी भी प्रकार की सूजन रक्त के संचार के सुचारू न होने की वजह से हो सकता है।
सूजन को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
[[]] शरीर में खून की कमी होना सबसे बड़ा  कारण भी हो सकता है सूजन। रक्त की कमी के लिए
आयुर्वेद की सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक ओषधि
अमृतम गोल्ड माल्ट है।
[[]] पेट में सूजन, लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है।

[[]] फाइलेरिया नामक बीमारी की वजह से एक पैर में सूजन हो सकती है।

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अगले आर्टिकल पार्ट 9 में
यक्ष्मा, सन्धिशूल (जॉइन्ट पैन) औऱ हड्डियों में दर्द (अस्थिशूल) आदि रोग  के बारे में लक्षण व उपचार जाने
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