12 – अगस्त विश्व लाइब्रेरी डे के नाम से मनाया जाता है। पाठकों को शुभकामनाएं

                        ★★★ ॐ★★★

                            !!अमृतम!!

100 से ज्यादा प्राचीन पुस्तकों की पूंजी….

जाने-आयुर्वेद की “पुरानी पुस्तकों’ और दुर्लभ ग्रन्थ के बारे में...

आयुर्वेद की संस्कृत टीकाएँ

1- महर्षि पतञ्जलि द्वारा रचित ग्रन्थ
पतञ्जलि“? –ई. सन 200 अप्राप्त।
अर्थात यह महत्पूर्ण शास्त्र आज से
करीब १८00 वर्ष पूर्व ही लुप्त या
नष्ट हो चुका है।
2- चक्रपाणिदत्त— हस्तलिखित ग्रन्थ-
चरक तात्पर्य टीका अथवा आयुर्वेद दीपिका
ई. सन 1060 में हाथ से लिखी गई।
इसमें  वात,पित्त,कफ त्रिदोष से उत्पन्न
■  कैंसर
■  हृदय रोग
■ वात विकार, थायराइड
■ मधुमेह रोग (डाइबिटिज)
■ अवसाद (डिप्रेशन) मानसिक विकार
नाशक जड़ीबूटियों एवं ओषधियों के बारे में विस्तार से वर्णन है।
आयुर्वेद के पुराने जानकार
3- हरिश्चन्द्र—ई. सन ११११ इन्हीं का
दूसरा नाम महावेद्य भट्टार हरिश्चन्द्र था।
इनकी टीका (ग्रन्थ) का नाम “चरकन्यास
जो अब पूरी उपलब्ध नहीं है। इन्होंने
12 तरह के  केश-विकारों,गंजापन
आदि पर चमत्कारी योगों का वर्णन लिखा है।
4- जेन्जटाचार्य
निरन्तर पद व्याख्या नाम की टीका
(अति प्राचीन पुस्तक)
चिकित्सा स्थान से सिद्धि स्थान तक।
बीच-बीच में त्रुटितांश युक्त है।
यह ग्रन्थ आदि अर्थात शुरू से सूत्रस्थान
के तीसरे अध्याय पर्यंत तक प्राप्त है।
यह दोनो महत्वपूर्ण दुर्लभ शास्त्र
 भारत में केवल मद्रास,अब-चेन्नई
के राजकीय प्राच्य राजकोष पुस्तकागार
(गवर्नमेंट लाइब्रेरी) में ही मिलती है।
शिवदास—-तत्व चन्द्रिका या
चरकतत्व प्रदीपिका।
यह टीका (ग्रन्थ) भी अपूर्ण है।
अथ से सूत्र स्थान के सत्ताइसवें अध्याय
पर्यन्त मिली है।
बम्बई लेकिन अब मुम्बई है।
 
“रायल एशियाटिक सोसायटी”
के पुस्तकालय में सुरक्षित है।

केन्सर का शर्तिया इलाज

वैद्य श्री गंगाधर कविराज
द्वारा रचित “जल्पकल्पतरु
टीका सन १८७९ से लापता है।
इस ग्रन्थ में केन्सर रोग की
अकाट्य चिकित्सा बताई गई थी।
एक विशेष प्रकार की सर्जरी चिकित्सा द्वारा
रक्त नाडियों पर चीरा या कट लगाकर
काला दूषित रक्त निकाल देते थे,
जिससे केन्सर का घाव 7 से 10 
दिन में सुख जाता था।

वेद्यरत्न कविराज योगेन्द्रनाथ सेन

चरकोपस्कार व्याख्या,
केश रोगों पर लिखा गया यह
दुर्लभ ग्रन्थ का कुछ भाग
मेघालय राज्य की लाइब्रेरी में
प्रारम्भ से चिकित्सा स्थान के
तेरहवें अध्याय पर्यन्त तक
उपलब्ध है।
कुन्तल केयर हेयर हर्बल बॉस्केट
इन्हीं नियमों से निर्मित है।

आयुर्वेद के महान ऋषियों जैसे –
आचार्य चरक,
ऋषि विश्वाचार्य,
आयुर्वेदाचार्य नारायण ऋषि,
बागभट्ट एवं   भास्कराचार्य 

आदि द्वारा आयुर्वेद के  लिखे,

रचित प्राचीन ग्रंथों यथा-

भावप्रकाश,
अर्क प्रकाश,
मंत्रमहोदधि,
भृगु सहिंता,
रावण सहिंता,
रसतंत्रसार,
सिद्धयोग संग्रह,
रस समुच्चय,
आयुर्वेद निघंटु
भेषजयरत्नावली

अमृतम आयुर्वेद के अनेकों
प्राचीन-पुरातन
ऐसे ग्रंथ हैं, जो भारत
भूमि की अनमोल
धरोहर है ।
दुर्लभ सम्पदा है ।
भारत के महान महर्षि-
महात्माओं (आयुर्वेद
वैज्ञानिकों) ने अनुभव
और अध्ययन के आधार
पर अद्भुत अमृतम
आयुर्वेदिक आख्यानों,
पुराणों, ग्रंथ-पुस्तकों की
रचना की।
विश्व सदैव उनका
ऋणी रहेगा ।
 जिनके नाम
निम्नानुसार हैं –
@ चक्रधर सहिंता,
@ चरक सहिंता 1922
@ सुश्रुत सहिंता 1916
@ टीका महेश्वर 1896
@ अभिनव बूटी दर्पण 1947
@ अमरकोश 1914
@ ओषधि संग्रह मराठी 1927
@ गुण रत्नमाला
@ नामरूपज्ञानं
@ निघण्टु रत्नाकर 1936
@ नेपाली निघण्टु 1966
@बिहार की वनस्पतियां 1955
@भारतीय वणौषधि बंगला 1-3 भाग
सन 1050 में प्रकाशित हस्त लिखित
@ मदन विनोद सन 1934
@ धन्वंतरि निघण्टु 1890 पूना
@ वनस्पति परिचय
@ यूनानी द्रव्यगुण विज्ञान
@ संदिग्ध ब्यूटी चित्रावली
@ शंकर निघण्टु
@ वंगसेन सहिंता
@ भैषज्य सहिंता गुजराती
@ नारायण सहिंता केरल
@ आयुर्वेद मंत्र सहिंता
@ कारका सहिंता
@ ओषधि तंत्र
@ रावण सहिंता
@ मारण सहिंता (तंत्र)
@ अघोर सहिंता
@ अघोर तंत्र
@ आयुर्वेद नाड़ी सहिंता
@ अवधूत रहस्य
@ भैषज्य रत्नावली
@ अर्क प्रकाश
@ आयुर्वेद वनस्पति कोष
@ माधव निदान
@ रस कामधेनु
@ रस वर्णम
@ शरीर क्रिया विज्ञान
@ अद्भुत आयुर्वेद
@ नक्षत्र चिकित्सा
@ ज्योतिष चिकित्सा
@ तंत्र-मंत्र चिकित्सा
@ आयुर्वेदिक बुटियों से ग्रह शान्ति
@ जड़ी-बुटियों में तंत्र
@ आयुर्वेद से सुख-शांति
@ भावप्रकाश निघण्टु
@ आयुर्वेद निघण्टु
@  सालिगराम निघण्टु
@ जड़ी-ज्योतिष निघण्टु
@ मंत्र महोदधि
@ रस सार संग्रह
@ रस तन्त्र सार
@ आयुर्वेद से यंत्रों की सिद्धि
@ आयुर्वेद और एश्वर्य
@ ताण्डव रहस्य
@ आयुर्वेद के रहस्य
@ रस तरंगिणी
@ चक्रदत्त
@ रस सागर
@ मद्रास फार्माकोपिया
@ वैध कल्पद्रुम
@ मटेरिया मेडिका ऑफ आयुर्वेद
@ आयुर्वेद फार्मूलेशन ऑफ इंडिया
@ सिद्ध योग संग्रह
@ सिद्धा आयुर्वेद
@ काय चिकित्सा
@ अष्टांग ह्र्दय
@ the आयुर्वेद फार्माकोपिया ऑफ इंडिया
@ भैषज्य सार संग्रह
@ द्रव्यगुण विज्ञान
@ आयुर्वेद नवग्रह ग्रंथ
@ प्रतीक शास्त्र
@ शप्तशती रहस्य
@ दुर्गा सप्तशती
@ वनोषधि चंद्रोदय
@ वनोषधि विज्ञान
@ संदिग्ध निर्णय वणौषध शास्त्र 1936
@ वृन्दमाधव 1943
@ वैद्यक शब्दसिन्धु 1914
@ आयुर्वेद रस शास्त्र
@ गांवो में दुर्लभ जड़ी-बूटियां
@ स्कंदपुराण
@ भविष्य पुराण
@ शिवपुराण
@ ब्रह्मवैवर्त पुराण
@ श्रीमद्भागवत
@ ऋग्वेद
@ शंकर भाष्य
@ केनोउपनिषद
@ जड़ी-बूटी कहावतें
@ देवी रहस्य
@ बाबा वचन
@ अवधूत बाबा कीनाराम
@ स्वामी विशुद्धानंद
@ श्री रमण महर्षि
@ स्वामी कथा सार
@ घेरण्ड सहिंता
@ तांत्रिक पंचांग
(पीताम्बरा पीठ, दतिया)
@ तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र
@ प्रतीक कोश
@ स्वस्थ जीवन रहस्य
@ जड़ी-बुटियों से नवग्रह दोष निवारण
@ सूर्य शाँति कल्प
@ त्रिकालदर्शी ऋषि
@ आयुर्वेद शब्दकोष
आदि  आयुर्वेद का प्राचीन
खजाना है ।
इनमे अनेक आनाम पुस्तकें
और भी हैं, जो विलुप्त हो
चुकी हैं या होने की कगार
पर है ।
नवीन आयुर्वेदिक हिंदी-
अंग्रेजी किताबों की भरमार
है , जिनका उल्लेख नहीं
किया है।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *