क्यों महत्वपूर्ण है एक्टिव लिवर?

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क्यों महत्वपूर्ण है एक्टिव लिवर

आयुर्वेदिक विज्ञान तथा आधुनिक
मेडिकल साइंस के अनुसार मानव
 शरीर में लीवर लगभग 300 से ज्यादा विभिन्न प्रकार के कार्य हमारे शरीर
 में करता है।
 जैसे- विषाक्त पदार्थ को अलग करना,
ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलना,
रक्त में शर्करा को नियंत्रण करना,
प्रोटीन पोषण की मात्रा को संतुलन करना।
जब यकृत में तकलीफ शुरू होती है अथवा
लिवर खराब है, तो शरीर गन्दगी से भर जाता है। शरीर में इसके कई संकेत दिखाई देते हैं।

लिवर रोग के लक्षण निम्नलिखित हैं –

√ त्वचा और आंखें में पीलापन।
√ पेट दर्द और सूजन।
√ टखनों और पैरों में सूजन ।
√ त्वचा में खुजली ।
√ मूत्र का गहरा या पिला रंग।
√ बदबूदार मल या मल में खून आना ।
√ अत्यंत थकावट, सुस्ती, आलस्य  होना ।
√ मतली और उल्टी जैसा मन होना।
 √ भूखऔर प्यास कम लगना।
√ आसानी से चोट लगने की प्रवृत्ति होना।
लीवर या किडनी से जुड़ी बीमारी की जानकारी तुरन्त नहीं पाती। यदि आप ध्यान देंगे तो लीवर या किडनी में आपको अपने शरीर में किसी तरह का बदलाव दिखे।
या बेचैनी होती हो, तो तुरन्त ही

कीलिव माल्ट का सेवन शुरू करें-

लिवर की लीला….
कभी-कभा लिवर के क्रियाशील न होने से तथा कुछ लापरवाही या  गलतियों से हमारा लिवर सुस्त पड़ जाता है और शरीर में मौजूद मल या गंदगी बाहर नहीं निकल पाती या बहुत कम मात्रा में ही निकल पाती है। धीरे-धीरे ये गंदगी उदर में जमा होती रहती है, जिससे हमारे शरीर को कई तरह के नुकसान होने लगते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान हमारे लिवर को ही उठाना पड़ सकता है।
शरीर में सबसे ज्यादा काम की जबाबदारी लिवर पर ही होती है और ये 24 घंटे अपना काम करता रहता है। लिवर हमारे शरीर में फैट को पचाने में मदद करता है, हमारे आहार से शरीर के विकास के लिए पोषक तत्व अलग करता है। इसके अलावा लिवर हमारे शरीर में मौजूद गंदगी और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। लिवर के सुस्त पड़ने के कारण शरीर में जब गंदगी जमा होना शुरू होती है, तो शरीर इसके कुछ संकेत हमें देता है। इन संकेतों को समझकर अगर हम जल्द ही लिवर की आयुर्वेदिक चिकित्सा शुरू कर देते हैं तो यकृत की ये समस्या ठीक हो जाती है, नहीं तो परेशानी बढ़ जाती है।
अन्य किसी पेथी में लिवर को रोग रहित बनाने का कारगर और स्थाई उपाय उपलब्ध नहीं है। 

  कीलिव माल्ट लेने से होगा फायदा-

पेट में हल्का-हल्का दर्द उठने लगे,
भोजन नहीं पच रहा हो,
भूख खुलकर समय पर नहीं लगती हो, पेशाब पीली आ रही हो,
तलबों एवं आंखों में जलन हो।
बार-बार गेस बनती हो।
सुस्ती-आलस्य रहता हो,
आदि विकारों को जड़ से दूर कर
पेट को पूरी तरह साफ रखता है

 क्यों होता है- लिवर के आसपास दर्द

पेट के ऊपरी हिस्से में जहां लिवर होता है- अगर उस जगह पर आपको दर्द महसूस होता है तो, ये लिवर में जमा गंदगी का संकेत हो सकता है। आमतौर पर ये दर्द ज्यादा तेज नहीं होता है मगर कभी-कभी तेज दर्द हो सकता है।
 लिवर ही हमारे आहार को पचाने और उससे पोषक तत्वों को अलग करने में मदद करता है और लिवर ही हमारे शरीर से गंदगी और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसे में अगर लिवर में कुछ समस्या हो जाती है, तो शरीर से जुड़े ये सभी महत्वपूर्ण काम रुक जाते हैं।
पैर और एड़ियों में सूजन होने की वजह है लिवर…
लिवर में हुई किसी समस्या को अगर आप नजरअंदाज करते हैं तो ये लिवर के लिए घातक हो सकता है। इसलिए लिवर इस परेशानी को ठीक करने की स्वयं की कोशिश करता है और नए टिशूज का निर्माण करता है। ज्यादा टिशूज हो जाने से लिवर के काम में बाधा शुरू हो जाती है और इसकी वजह से आपका रक्तचाप बढ़ जाता है। इसके कारण पैरों में एक विशेष द्रव जमा होने लगता है जिससे पैरों में सूजन आ सकती है। आमतौर पर इस सूजन में दर्द नहीं होता है।
लिवर की खराबी से शरीर का वजन बढ़नने लगता है….
शरीर का वजन बढ़ना भी लिवर में
गंदगी जमा होने का संकेत हो सकता है। दरअसल हमारा लिवर हमारे शरीर
के अंदर आने वाले सभी तरह कि
गंदगियों को पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पाता है।
जैसे एल्कोहल, आर्टिफिशियल स्वीटनर, ज्यादा फैट वाले आहार, कुछ विशेष दवाइयां आदि। जब आप इन पदार्थों का सेवन करते हैं तो लिवर इन्हें न तो पचा पाता है और न ही शरीर के लिए अशुद्धियों को अलग कर पाता है। बल्कि लिवर ऐसी स्थिति में गंदगी या टॉक्सिन्स को बिना फिल्टर किए फैट सेल्स में स्टोर करता रहता है, जिसके कारण आपका वजन तेजी से बढ़ने लगता है।
शरीर में संक्रमण/ इंफेक्शन और एलर्जी…..
लिवर की सुस्ती के कारण जब शरीर में ज्यादा गंदगी जमा हो जाती हैं तो शरीर में एलर्जी के लक्षण भी दिख सकते हैं। जब हमारी रक्त शिराओं में अलग-अलग तरह के ढेर सारे तत्व एक साथ आ जाते हैं, तो हमारा दिमाग शरीर के लिए पोषक तत्व और एलर्जेन्स के बीच अंतर नहीं कर पाता है और कुछ ऐसे केमिकल्स छोड़ना शुरू करता है जिनसे इन एलर्जेन्स को कम किया जा सके। इसी कारण कई बार हमारे शरीर में एलर्जी के लक्षण दिखने लगते हैं।
थकान और सुस्ती….
थकान और सुस्ती भी लिवर में मौजूद गंदगी के कारण हो सकती है। दरअसल हमारे आहार को पचाने और इनसे पोषक तत्वों को अलग करने का काम लिवर ही करता है। ऐसे में अगर लिवर अपना काम ठीक से नहीं करेगा, तो आहार से न तो हमें पर्याप्त ऊर्जा मिलेगी और न ही पर्याप्त पोषण, ऐसे में शरीर का थकना और सुस्त होना तो लाजमी है।
पीलिया के लक्षण……
आंखों और त्वचा में पीलेपन के लक्षण पीलिया की तरफ इशारा करते हैं। पीलिया अपने आप में कोई रोग नहीं है बल्कि ये शरीर के कुछ विशेष फंक्शन्स में गड़बड़ी का संकेत है। इन्हीं में से एक गड़बड़ी लिवर के कारण भी होती है। दरअसल लिवर जब अधिक मात्रा में बिलिरुबिन नामक तत्व निकालना शुरू कर देता है, तो शरीर में पीलिया के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। बिलिरुबिन एक ऐसा तत्व हो जो लिवर के अंदर मर चुकी लाल रक्ति कोशिकाओं के टूटने से बनता है। इसका रंग पीला होता है इसलिए शरीर के बाहर इसके लक्षण पीलेपन के रूप में दिखते हैं।
कीलिव माल्ट क्यों जरूरी है।

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Comments

One response to “क्यों महत्वपूर्ण है एक्टिव लिवर?”

  1. Ankush avatar
    Ankush

    Yes

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