महाभारत की चक्रव्यूह रचना का नमूना…..

ग्वालियर क्षेत्र के चमत्कारी रहस्य...

गुरुद्रोणाचार्य द्वारा रचित महाभारत
कालीन चक्रव्यूह भिंड जिले के गोहद
के पास शान्तनु खेड़ा नामक ग्राम में
रखा हुआ है। शासन  इसे पुरातत्व
संग्रहालय में रखने की व्यवस्था
करने हेतु प्रयासरत है।
महाभारत के युद्ध का राजदार 
और रहस्यमयी चक्रव्यूह पड़ा 
हुआ है जंगलों में….
गोहद ग्राम महाभारत के पात्रों का
कार्यक्षेत्र भी रहा है। जैसे कुंतलपुर
पांडवों की माँ
कुंती का जन्म स्थान कहा जाता है।
परदादा शांतनु के नाम से स्थापित शान्तनुखेड़ा भी यहीं है।
गोहद के आसपास गांव में बहुत से
प्राचीन स्वयम्भू शिवलिंग भी मिल रहे हैं।
कम हो जाती है प्रसव पीड़ा.
गोहद ग्रामवासियों ने बताया कि इस चक्रव्यूह पत्थर का पानी पीने से प्रसव पीड़ा मिट जाती है और नॉर्मल डिलेवरी होती है।
लोगों का ऐसा अंधविश्वास है।
लोग जब इस पर पानी डालते हैं तो
वह पानी आपस में जुड़ी नालियों से जुड़ता हुआ, एक्ट्रिक होकर दूसरी तरफ की नालियों से ही निकलता है। यह रक अदभुत रहस्य है।
आल्हा-ऊदल की तलवार भी दर्शनीय है
ऐसे ही जब विश्व प्रसिद्ध मंदिर ददरौआ यानी दर्द हरौआ हनुमान के मार्ग में गोहद से आगे मुख्य मार्ग में आल्हा की वजनी तलवार एक खेत में वर्षों से पड़ी हुई है।

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