पुराने समय में लोग मुल्तानी मिट्टी पूरे शरीर में लगाते थे। ये प्रयोग त्वचा रोग या स्किन पप्रोब्लम मिटाता है। आयुर्वेद में इसे मृदा स्नान चिकित्सा बताया गया है। मुल्तानी मिट्टी को अंग्रेजी में फुलर्स अर्थ (Fuller’s Earth) कहते हैं। यह मैग्निशियम क्लोराइड का भंडार है, इसके अतिरिक्त इसमें सिलिका, आयरन और कैल्शियम पाया जाता है। मुल्तान यानी पाकिस्तान के एक स्थान में पायी जाती है, इसलिए इसका नाम इसके जन्म स्थल पर मुल्तानी रखा गया है।आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि असली मुल्तानी मिट्टी के पर्वत लद्दाख में अत्यधिक हैं। राजस्थान के बाड़मेर, बीकानेर जिले में भी मिलती है।
- सुविधानुसार मुल्तानी मिट्टी व पानी लेकर इसमें हल्दी पाउडर, सेंधा नमक और तिली तेल मिलाकर लेप बनाकर सुबह की धूप में सम्पूर्ण अंग पर लगाने के बाद अच्छी तरह सूखने दें।
- जब पूरे शरीर में कसावट आ जाये, तो गुनगुने पानी से स्नान करें।
- ध्यान रखें नहाने के एक घण्टे बाद किसी भी आयुर्वेदिक औषधि तेल पूरी देह पर लगाकर मालिश करें अन्यथा शरीर में रूखापन आ जायेगा।
- मुल्तानी मिट्टी के मृदा स्नान से त्वचा में निखार आता है। झुर्रियां दूर होती हैं। बुढापा जल्दी नहीं आता। शरीर के सभी दर्द दूर हो जाते हैं।
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