अगर कुछ खाने पीने की आदत है तो उसको मेडल की तरह इस्तेमाल करे यानी यदि आप कुछ बेहतर, करते है तभी उसके हकदार होंगे नही तो नही
जो आनंद का भाव उसको झट से प्राप्त ना करे, जैसे 1 से 5 साल, आपने तैयारी की और आपकी बढ़िया नौकरी मिल गई या आपने 30 सेकंड के 100 वीडियो देखें, और, मस्त पड़े है आनंद के शुरूर मे या आपने आधा घण्टा दौड़ के पाँव मे दर्द, सांसों का फूलना, पसीना सब सहा है उसके बाद जो आनंद मिलेगा उसकी कोई सीमा नही
वर्तमान मे जिए, लोगों को माफ करे और, आगे बढे
बच्चा बनें लेकिन बुद्धि पूरी लगाए
शर्म ना पाले, यानी आप कैसे दिखते है, कितने पैसे वाले है, किस जगह से है, गरीब है अमीर है अपने आप पर, कोई शर्म ना करे जो है सो है दुनिया को स्वीकार करना है , आप उनके लिए अपने मूल स्वभाव को नही बदल लेते
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