नीम के दुष्परिणाम
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ
वैद्य रत्नाकर एवं
18 पुराणों में से एक
ब्रह्मवैवर्त पुराण,
【ब्रह्म खंडः 27.29-34】
में लिखा है कि
षष्ठी तिथि को नीम की पत्ती,
निम्बोली, फल या दातुन मुँह में
डालने या चबाने से नीच योनियों
की प्राप्ति होती है।
इस दिन या षष्ठी तिथि को जो
लोग नीम का सेवन करते हैं,
उनके जोड़ों व घुटनों में दर्द
की भयंकर दर्द तथा वातविकार,
थायरॉइड की शिकायत हो जाती है।
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