महिलाओं की सेहत के लिए सबसे
विश्वसनीय है आयुर्वेदिक ओषधियाँ
■ पेड़ू में दर्द बना रहता है
■ मासिक धर्म की अनियमितता
■ नलों में सूजन
■ सफेद पानी की समस्या
■ चिड़चिड़ापन
■ खून व भूख की कमी
क्या होता पेड़ू का दर्द –
इसे पेल्विक कॅन्जेशन सिंड्रोम भी कहा जाता है। पेल्विक (पेड़ू) क्षेत्र में दर्द होने का एक प्रमुख कारण अंडाशय (ओवरी) से संबंधित है। ओवरी में कुछ ऐसी रक्त वाहिनियां (ब्लड वेसेल्स) होते हैं, जिनमें छोटे-छोटे वाल्व होते हैं जो रक्त के प्रवाह को सही दिशा में पहुंचाते हैं ताकि रक्त हृदय की नाडियों तक पहुंचता रहे।
वाल्व उस छोटे से दरवाजे की तरह होते हैं, जो रक्त के प्रवाह होते ही बंद हो जाते हैं ताकि रक्त विपरीत दिशा में न बह सके, लेकिन जब रक्त वाल्व में ही जमा हो जाता है और एक सामान्य प्रक्रिया की तरह प्रवाहित नहीं हो पाता है, पेल्विक भाग में भी जब ऐेसी रक्तवाहिनियों का जमावड़ा हो जाता है, तो उसे पेल्विक कॅन्जेशन सिंड्रोम कहा जाता है।
लगभग 20 से 50 वर्ष की महिलाओं में पेल्विक कॅन्जेशन सिंड्रोम हो सकता है।
प्राकृतिक इलाज है आयुर्वेद
क्या आप हमेशा के लिए स्वस्थ्य व सुखी
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आयुर्वेद में महिलाओं की 50 से अधिक बीमारियों का शर्तिया इलाज है, बशर्ते इन दवाओं को नियमित 1 से 2 माह तक निरन्तर सेवन किया जाए।
जल्दी आराम के चक्कर में कभी-कभी जीना
हराम हो जाता है, इसलिए पूरे विश्वास और धैर्य के साथ आयुर्वेद को अपनाएं।
हर्बल दवाएँ रोगों का जड़ से मिटाती हैं और इससे सुन्दरता भी बढ़ती हैं।
संसार के कल्याण की कामना के लिए
आयुर्वेद ग्रन्थ में लाखों वर्षों से एक श्लोक प्रचलित है कि
‘सर्वेभवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कष्चिद दु:खभाग्भवेत॥’
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https://www.amrutam.co.in/endometriosis-symptoms-causes-ayurvedictreatment-hindi/एन्डोमीट्रीओसिस यानि गर्भाशय सम्बंधित विकार यह रोग गर्भाशय में दीमक की तरह होता है, जो गर्भाशय को खोखला कर देता है। जाने क्या है इसकी आयुर्वेदिक चिकित्सा
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