प्रार्थना और प्रयास से सफलता निश्चित मिलती है

बुजुर्गों की बातें

पहले समय में बुजुर्ग कहते थे की मशहूर होने के लिए मजदूर बनना पड़ता है। कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। बड़ी-बड़ी मजबूरी को मजदूरी यानी परिश्रम से मिटाया जा सकता है। 
मजबूरी और मजदूरी
रोजी-रोटी रोजगार और परिवार चलाने के लिए मजदूरी अर्थात यात्रा करना मेरी मजबूरी रही।  इसी कारण अपनो से दूरी भी रही। जीवन में जो लोग मजे से दूर हैं, वही मजबूर हैं।
मजबूरी वश मजदूरी के सहयोग से मुझे पूरे देश में हजारों मंदिरों के दर्शन का सौभाग्य मिला और इसी दरम्यान मुझे यात्रा संस्मरण लिखने का शौक उत्पन्न हुआ। उन फटेहाल, तंगहाली परिस्थितियों में कभी सोचा भी नहीं था कि कभी मेरी यह यात्रा डायरी पाठकों को ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी।
25000 से भी ज्यादा दुर्लभ शिवालय के बारे में बताया जाएगा
अमृतमपत्रिका पर भविष्य में बहुत से रहस्ययुक्त स्वयम्भू ऐसे 25 हजार से अधिक शिवलिंगों की जानकारी दी जावेगी, जिनके बारे में खोजकर्ता पाठकों ने कभी सोचा भी नहीं होगा।
फिलहाल संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है, ताकि अमृतमपत्रिका के प्रति पाठकों की रुचि बढ़े
क्या आपको पता है कि भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा पांच महत्वपूर्ण पंचतत्व शिंवलिंग भी है। आकाश,
अग्नि, जल, वायु एवं प्रथ्वी इन पांचों तत्वों के अलग-अलग शिवालय हैं। चिदम्बरम का  शिवमन्दिर आकाश तत्वशिवलिंग है। अग्नितत्व शिंवलिंग बैंगलौर से 200 km दूर तिरुअन्नामलय शहर में अरुणाचलेश्वरा के नाम से है, यहां 14 km की गिरी परिक्रमा लगाने का विधान है।
त्रिची का जम्बुकेश्वर जल तत्व शिंवलिंग है। श्रीकालाहस्ती वायुतत्व और एकम्बरेश्वर प्रथ्वीतत्व चेन्नई के पास  स्थित है।
नवग्रहों के स्वयम्भू शिवालय
नव ग्रह के 9 शिवालय भी अलग हैं।
【】तिरुनागेश्वरं कोइल राहु का,
【】तिरुनल्लार शनिदेव का,
【】एलनगुड़ी गुरु ग्रह का और
【】सूर्यनारकोइल सूर्य ग्रह की शान्ति हेतु अदभुत है।
【】घने वन में बसा दुनिया का एक मात्र राहु-केतु का शिंवलिंग एक जहरीले तलाब के पास स्थित है।
【】कुम्भकोणम से 7 km दूर
महालिंग,
【】कुम्भकोणम में सुंदरेश्वर, सोमेश्वर, बृहदेश्वर, मयूरनाथ (शाप मुक्ति हेतु)
मुनीश्वर, अगस्तेश्वर आदि नाग वाम्बी से स्वयं प्रकट शिंवलिंग हैं।
【】त्रिभुवनेश्वरा त्रिदेव
गुरु मन्दिर चमत्कारी है, जहाँ दक्षिणामूर्ति गुरु के समक्ष एक माला गुरु मंत्र या ॐ नमः शिवाय की करने के बाद ही शिंवलिंग के दर्शन हो पाते हैं।
【】कपिलतीर्थ में हजारों नाग प्रतिमायें दर्शनीय हैं
【】 वेल्लोर का जलकण्ठेश्वरं, महालक्ष्मी गोल्डन मन्दिर,
【】चित्तूर जिले के कनिपाकम में स्वयम्भू गणेशजी,
【】शिरकांजी की महाकाली, कालेश्वर शिव, त्रिकलेश्वर शिंवलिंग
【】दातावरम के भीमा शिंवलिंग, 
【】कुमारावराम का शंकर शिवालय
स्कन्दपुराण के अनुसार ये दोनो मिलाकर मूल यानी ओरिजनल भीमा-शंकर ज्योतिर्लिंग हैं।
【】नागमुक्ति नाथ, नागमले, मन्नारशाला
विशेष सिद्ध नाग तीर्थ हैं।
【】केरल का गुरुवायुर शबरीमाला तथा 27 नक्षत्र शिंवलिंग के दर्शन दुर्लभ हैं
 【】मलयदुथुराई का अमृतेश्वरा आदि 【】वेदेहीश्वरं कोइल का मूल वैधनाथ ज्योतिर्लिंग है।
【】 एक हजार आँख वाले शिवजी आदिकालीन स्वयम्भू शिंवलिंग हैं, जिनके दर्शन से निश्चित परिवर्तन होता है।
इन सब स्वयम्भू शिवलिंगों का महत्व, रहस्य, इतिहास जानने के लिए अमृतमपत्रिका डॉट कॉम की वेबसाइट पर पढ़ें।
【】असम का तांत्रिक नवग्रह शिवमंदिर एकांत पहाड़ी पर बसा, लाखों साल पुराना है।
【】मेघालय के मोइसराम के जंगल में गुफा के अन्दर शेषनाग शिंवलिंग है, जहां छत में स्थित नागफनों से जल टप-टप बून्द-बून्द गिर रहा है। मोइसराम के इस शिवालय से बंग्लादेश की सीमा महज 4 km की दूरी पर है।
अपनी नोकरी की जिम्मेदारी निभाते हुए, कम्पनी के व्यापार में वृद्धि के साथ-साथ यात्रा सम्बन्धी जानकारी एकत्रित कर चारों दिशाओं में जगह-जगह जाकर हजारों शिवालय, देवालय के दर्शन किये। मन्दिरों के महत्व, उनका आदिकालीन इतिहास जाना।
भागने से ही भाग्य जगता है
सौ जगह भागने के कारण धीरे-धीरे सौभाग्य भी जागा। अध्यात्म सहित आत्मज्ञान पाया। जीवन ऊर्जावान होकर शक्तिपुंज का अनुभव हुआ। कभी भी-कहीं भी कोई प्राचीन शिवालय दिखता या कोई बताता, तो मैं वहां जरूर जाता। अपने पूरे जीवन में अभी तक सम्पूर्ण भारत के लगभग 30 हजार से ज्यादा सिद्ध, स्वयम्भू शिवलिंगों के दर्शन का मुझे भोलेनाथ ने मौका दिया। बुरे से बुरे वक्त में हमेशा यही सोचकर मन्दिर पहुंच जाता
चलो भोले बाबा के द्वारे,
सब कष्ट मिटेंगे तुम्हारे।
यह महादेव की विशेष कृपा है। जीवन में एक आत्मानुभूति जरूर हुई कि प्रवास के दौरान कहीं कोई 10 km के क्षेत्र में सिद्ध शिंवलिंग है, तो मुझे शिवजी वहां खींच लेते हैं। विपरीत और खतरनाक परिस्थितियों  में यही विचार करता कि
वादे-बाहरी जरा आहिस्ता चल,
इन दिनों ‘जी’ मेरा अच्छा नहीं है।
मेरी जिंदगी का क्या भरोसा,
आज है, सुनते हैं कल नहीं है।।
मुझे दुःख-तकलीफ एव कष्टों ने खतरों से खेलना सीखा दिया।
अमृतमपत्रिका में दिए जा रहे लेख भय-भ्रम, शंका दूर करेंगे। हमारे सभी ब्लॉग सत्य की कसोटिवपर कसे बहुत ही रहस्य मय ओर दुर्लभ होंगे। लेख आपका उचित मार्गदर्शन करें, तो हमारे लेखों को लाइक शेयर करने में मन छोटा न करें।
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