!!सत्यमेव जयते नानृतम!!

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★★★ ॐ ★★★
!!हर शब्द अमॄतम!!
 
जरा, होले-होले चलो मोरे सजना....
ये है, तो एक बहुत पुराना गीत,
लेकिन इसमें जीवन का सार
जीवन के पार का रहस्य
छुपा हुआ है:-
अविलंबेन  संसिद्धो  
मान्त्रिकैराप्यते  यशः!
विलम्बे कर्मबाहुल्यमं  
विख्याप्याSवाप्यते धनम् !!
-सुभाषितरत्नाकर ग्रन्थ से साभार…
इस श्लोक का अर्थ है-
तन्त्र-मन्त्र-यंत्र यानि तांत्रिक-मान्त्रिक
या चमत्कार दिखाने वाले लोग जिन्हें
जादूगर भी कह सकते हैं। यह अपने ऊंटपटांग हरकतों या हथकंडों या फिर
अपने जादू के प्रदर्शन को शीघ्र ही संपन्न
कर यश-कीर्ति, प्रसन्नता-सम्पन्नता प्राप्त
कर लेते हैं। परन्तु इनकी यह सफलता  स्थायी या स्थिर नहीं होती।
इसके विपरीत कर्मठ, ईमानदार और
सच्चा इंसान (स्त्री-पुरुष) सतत परिश्रम,
कड़ी मेहनत करने के बाद ही प्रसिद्धि
तथा धन प्राप्त करने में सफल हो पाते
 हैं और अंत तक चलते हैं।
संस्कृत से अंग्रेजी में अर्थ….
Avilambena =  without any delay.   Samsiddho = achieve,
Maantrikairaapyate = Maantrikaih +aapyate.    Maantrikaih =
a sorcerer or an enchanter.   Aapyate = acquire.   Yasha=  fame.
Vilambe = with much delay.    Karmabaahulyam =  much hard
work.    Vikhyaavyaapyate =         Vikhyaapya +avaapyate.
Vikhyaapya = show, announce.     Avaapyate = acquire, obtain.
Dhanam = wealth, money.
i.e.      Sorcerers become famous due to very quick completion
of their magical performances, whereas industrious persons acquire
fame and wealth only after much hard work.

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