क्या आपको मालूम है-हर महीने आती है शिवरात्रि
सबके सभी कष्ट काटने के कारण भोलेनाथ के लिए कहते हैं- “शंकर संकट हरणा” हर महीने
अमावस्या से एक दिन पूर्व
चतुर्दशी (चौदस) की रात
मास शिवरात्री कही जाती है, जो
हर माह में एक
और एक साल
में 11 बार आती है ।
महाशिवरात्रि
वर्ष में केवल एक बार
बार फाल्गुन महीने यानि फरवरी महीने
में आती है ।
सिद्धि पाने के लिए तीन रात्रि होती हैं महत्वपूर्ण
【1】 मंत्र सिद्धि के लिये
महाशिवरात्री
【2】 तंत्र शक्ति हेतु कालरात्रि
और
【3】 यन्त्र शोधन साधना
हेतु महारात्रि ।
ये तीनों रात्रि वर्ष
में एक बार
आती हैं, जो कि
वात,पित्त कफ
को सम कर
स्वास्थ्य साधने के लिये
महत्वपूर्ण है ।
निम्नांकित
ग्रन्थ -उपनिषदों का अध्ययन और
अनुभव के आधार पर
महादेव के महारहस्य,
धनप्राप्ति के अद्भुत उपाय,
धन का अभाव और तंत्र,
रोगनाशक मंत्र,
अघोरतन्त्र,
अवधूत की भभूत,
स्कंदपुराण,
शिवपुराण,
भविष्यपुराण,
महायोगी की तन्त्र साधना,
मनीषी की लोकयात्रा,
शिवयोग,
रावण संहिता,
कठोतोपनिषद,
उत्तरकालामृत,
तन्त्र-मंत्र विज्ञान,
तांडव रहस्य,
नाग रहस्य,
मुक्तिमार्ग
आदि
हजारों प्राचीन शास्त्र
तथा
अनेक सिद्ध संत,अवधूत,
अघोरी,नागा द्वारा
अनुभवों के आधार
पर रचित अद्भुत ग्रँथों
में महादेव की महामाया
एवं ‘उन्नति के सूत्र’
के बारे में बस , अंत…
में इतना ही बता पाए कि-
“शिव के कैलाश का अंत न पाया” ।
अंत में भी अंत शिव की माया “.
भगवान शिव की साधना-उपासना द्वारा दुनिया की हर वस्तु को पाया जा सकता है ।
हर महीने की मास शिवरात्रि को
ऊर्जा दायक,
कारक “काल” (समय) में
महाकाल अपनी प्रकृति,
शक्ति, सूक्ष्म से सूक्ष्म
काल की कारक
महाकाली से मिलने
आते हैं ।
इस समय सृष्टि
के सर्वदोष त्रिदोष, त्रिशूल
सब सम हो जाते हैं ।
औषधियों में रस की,
प्राणियों में जीवनीय
शक्ति की वृद्धि हो जाती है ।
इन सबकी प्राप्ति शिवरात्रि
जागरण, व्रत-उपवास
द्वारा की जा सकती है ।
इन रात्रियों में दिन की
पूजा का कोई महत्व
नहीं है ।
राहु-केतु व शनि
की कृपा
तथा
पितृदोष से मुक्ति के लिए
अमृतम जीवन
प्रसन्न मन,
सुख-संवृद्धि,सफलता
पाने के लिए और
धन की तंगी,
कष्ट-क्लेश,रोग
दूर करने हेतु
किसी शिवालय
प्रतिदिनसुबह शाम अथवा
“राहुकाल” में
अमृतम”राहुकी तैल” के
2 दीपक जलाकर
“नमः शिवाय च शिवाय नमः”
शिव-शक्ति मंत्र का एक माला
जाप करें ।
प्रत्येक माह की शिवरात्रि को
रातभर जागरण करने
से सफलता के द्वार
स्वयँ शिव आकर खोलते हैं ।
मात्र एक बार के प्रयास
से सालभर विश्वास बना
रहेगा । ऐसा ही विश्वाश
हमें बाबा विश्वनाथ पर है ।
क्योंकि ये ही विश्व का
नाश और निर्माण भी
करते हैं ।
भगवान भोलेनाथ सभी
का कल्याण करें ।
शिवकल्यानेश्वर से बस
इतनी प्रार्थना है ।
अमृतम परिवार
अंत में उस अनंत को,
संसार के सारे पंथ को,
नीलकंठ को
विभिन्न शास्त्र-ग्रन्थ को
सृष्टि के सभी
शिवभक्त, सद्गुरुओं,
साधक-सिद्धों
अघोरी-अवधूतों
शेषनाग-नागाओं
को इस प्रार्थना सहित नमन करता है-
कि
सबका आभाव मिट जाए !!!!
”आदिदेव विश्वनाथ,
भक्तन के सदा साथ ।
पकड़ो शिव सबको हाथ,
चारो ओर अँधियारो ।।
अचरज सब तेरे काम,
दया कर निहारो !!!
सफल जीवन की शुभकामनाओं के साथ
राहुकी तेल मंगवाने के लिए कॉल करें
99264-56869 दीपक जी
Leave a Reply