जाने- रोगनाशक मसालों के बारे में…
खट्टी डकारें, अम्लपित्त, पित्तदोष, त्रिदोष, गैस, कब्ज, एसिडिटी, यकृत की कमजोरी, कर्कट रोग (कैंसर),
पेटदर्द, आँतों की खराबी और पेटदर्द आदि अनेक पेट/उदररोग से मुक्ति दिलाकर इम्युनिटी बढ़ाते हैं–
भारतीय आयुर्वेदिक 13/तेरह मसाले……
अतः सब्जी के साथ दम से खाएं। क्योंकि सब्जी में सबका जी रहता है।
पाचनतंत्र के बिगड़ने से भोजन समय पर पच नहीं पाता। पखाना साफ नहीं होता।
लिवर कमजोर होने लगता है। आँतों की क्रियाशीलता भंग हो जाती है। यह सब समस्या जठराग्नि के ठंडे होने से होती है।
अपच से मुक्ति का सीधा-सरल उपाय है कि- जब भी जोर से भूख लगे, तभी खाना खाएं।
लंघन करने से उदर के अनेक रोग दूर हो जाते हैं।
स्मरण रखे कि- उदर व्याधि, जीने की शक्ति आधी कर देता है जीवन की बर्बादी का कारण है ।
हमेशा आलस्य बने रहना, समय पर काम नहीं करना, किसी भी काम में मन न लगना, जल्दी थकान होना,हांफना,
चक्कर आना, बहुत अधिक गर्मी लगना आदि समस्याओं की वजह अपच ही है।
अपच की परेशानी से बेचेनी, घबराहट, बार-बार बीमार होना, आवँ,(एमोबेसिस) खून की कमी या नवनिर्माण में अवरोध या हेमोग्लोबिन न बनना,
भूख,एवम ताकत की कमी आदि बीमारियां उदर से ही जन्म लेती है ।
मसालों का सेवन अधिक करें। ये भूख बढ़ाने में सहायक होते हैं।
खट्टी डकारने, अपच, पेट फूलना, अन्न न पाचना, उबकाई जैसा मन होना आदि विकारों में मसाले विशेष कारगर हैं।
मसाले-मुरब्बा-गुलकन्द से निर्मित जिओ माल्ट…
1■ इलायची-यह लार ग्रन्थियों को उत्तेजित भोजन पचाने में मददगार है।
2■ जीरे में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। यह एसिडिटी, खट्टी डकारें को पनपने नहीं देता।
मठे में जीरा डालकर पीने से पित्त दोष दूर होता है।
3■ हींग-एक अपच नाशक मसाला है। यह शरीर की दूषित वायु को बाहर कर देता है।
4■ दालचीनी- पेट के जख्म, अल्सर को पनपने नहीं देता। मल को फुलाता है।
5■ अजवायन- यह पेट के कीड़ों का नाश करती है। यह वायुविकार, अम्लपित्त मिटाता है।
6■- सौंठ आँतों की सफाई कर, गैस को उदर से विसर्जन करता है। कफ की विकृति मिटाकर, फेफड़ों को शुद्ध करता है।
7■ कालीमिर्च-गले या कंठ के कफ को साफकर ह्रदय रोगों में हितकारी है। यह रक्तसंचार सन्तुलित रखता है।
8■ लौंग- यह शरीर को संक्रमण या वायरस से बचाता है।
9■ धनिया-लिवर को क्रियाशील बनाता है।
10■ हल्दी-डिटॉक्स करने में उपयोगी है।
11■ नमक-रक्तनलिकाएँ साफ कर, खून को संचालित करने में सहायक है।
12■ सौंफ- एसिडिटी, खट्टी डकारें आने से रोकती है।
13■ गर्म मसाला- दाल-सब्जी को स्वादिष्ट बनाकर भोजन को पचाता है। अपच नधक होता है।
ओषधि हैं-मसाले….
सभी आयुर्वेदक मसाले खट्टी डकार, अपच, एसिडिटी, भूख की अनिच्छा, पेट दर्द, कब्ज से राहत देते हैं।
इसीलिए इसे जिओ मॉल्ट में मिलाया गया है।
मसाले युक्त ओषधि है-जिओ माल्ट-ZEO MALT…
गैस, ऑफर, खट्टी डकारें, अम्लपित्त (एसिडिटी) बेचैनी, हमेशा पेट में मरोड़ होना,ऐंठन, पेट दर्द,
अजीर्ण, जी मिचलाना, खाने की इच्छा नहीं होना, अपचन, हिचकी आदि रोगों का जड़ मूल से नाश 7 दिनों में ही कर देता है।
अनेक रोग नाशक जिओ माल्ट इन सबका शर्तिया इलाज है!
अमृतम जिओ मॉल्ट के मिटाता है- निम्न रोगों को..
【】बार-बार कब्ज होना,
【】पेट खराब। रहना,
【】पुरानी कब्जियत,
【】दस्त साफ न होना,
【】लेट्रिन में अधिक समय लगना,
【】काफी समय तक कब्ज की वजह से पेट साफ न होने के कारण आंतों की कमजोरी, खुश्की,आंतों में छाले, आंतों में सूजन होना
【】हमेशा सिर में भारीपन,सिरदर्द, भय-भ्रम, चिन्ता, तनाव दूर करता है।
【】 बार-बार या हमेशा क्रोध आना।
【】बहुत ही ज्यादा मानसिक अशांति बनी रहना।
【】बी.पी. की शिकायत रहना एवम हृदय रोग आदि विभिन्न बीमारियों का कारण पेट ही है ।
उदर की परेशानियों से पीड़ित प्राणी को जिओ माल्ट का नियमित सेवन करना चाहिये ।
जिओ माल्ट… अमृतम आयुर्वेद की एक ऐसी अद्भुत ओषधि है जो यकृत (लिवर) जिगर के रोग, उदर रोग के कारण तिल्ली,
पेट वृद्धि, जलोदर, शरीर में सूजन, अनेक उदर से उपजे ऊधम (विकार) शांत करने में पूरी तरह सहायक है।
जिओ माल्ट में सभी असरकारी मसाले, गुलकन्द, आमला मुरब्बा, करोंदा, मुनक्का, काली किसमिस, गुलाब फूल, अंजीर,
सौंठ, मुलेठी, शंख भस्म, अमलताश गूदा, आदि अम्लपित्त नाशक ओषधियों का समावेश है ।
क्यों होती है अपच, एसिडिटी, गैस की समस्या….
परिश्रम की कमी से, पाचन क्रिया में गड़बड़ी,
उदर कृमि, मन्दाग्नि, विषाग्नि, व तिक्षणाग्नि
वात-कफ-पित्त त्रिदोष, तथा खांसी- जुक़ाम
शिथिलता, हाथपैर शून्य होना रोग उत्पन्न हो जाते हैं ।
जिओ माल्ट शरीर में विशेष ऊर्जा प्रदान कर उदर औऱ तन को निरोग कर देता है ।
जिओ माल्ट विटामिन,प्रोटीन, केल्शियम, व अन्य मिनरल की पूर्ति कर उदर के सभी ज्ञात-अज्ञात विकारों को शांत करने में बहुत ही प्रभावकारी है ।
जिओ माल्ट के हमेशा सेवन से ज्यादा गर्मी या तपन, आँखों, तलवों, सीने, छाती एवम पेशाब की जलन,.
पेशाब कम या बार-बार आना,कमी, गुदा, गुर्दे व त्वचा रोग इसके सेवन से तत्काल दूर होते हैं ।
जिओ माल्ट-वृद्धावस्था के कारण आई शिथिलता, कमजोरी, कम्पन्न तथा सेक्स समस्या जेसे रोग होने से बचाता है ।
बच्चे,बड़े, बुजुर्ग,महिलाओं, सभी उम्र वालों के लिये जिओ माल्ट अत्यंत उपयोगी है।
आयुर्वेद की सर्वश्रेष्ठ, सर्वोत्तम दवा है। बिना किसी रोग के इसे पूरे वर्ष हमेशा लिया जा सकता है ।
मेवा-मुरब्बा के मिश्रण से बहुत स्वादिष्ट होने से इसे परांठे या रोटी में लगाकर खा सकते हैं।
इसे1 से 2 चम्मच दूध में मिलाकर लेने से तुरन्त असर दिखाता है।
सदैव स्वस्थ्य रहने के लिए आजमाएं ये उपाय…
अमृतम टेबलेट- रोज रात को सोने से पहले 1 से 2 गोली सादे जल से लेवें।
अमृतम गुलकन्द- खाने के बाद एक चम्मच लेवें।
जिओ माल्ट- रोज सुबह दूध या जल से एक चम्मच सेवन करें
ऑनलाइन उपलब्ध।
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