कृपया स्त्रियां ध्यान देवें
इस ब्लॉग में आपको यह जानकर यह आश्चर्य
होगा कि महिलाओ को कभी हवन में
आहुति क्यों नहीं डालना चाहिए?
एक बात और ध्यान रखें कि —
कभी अकेले भी
स्त्रियों को हवन भी नहीं करना चाहिए,
ऐसा न करने का कारण नीचे पढ़े…
इससे
बहुत दुःख-दरिद्रता बढ़ती है…..
यह गुरु वचन है, इसे नकारें नहीं।
वेदोक्तं वचनं कार्यं नारीणां पतिः।
नान्यस्मिन सर्वथा भावः कर्तव्यः कर्हिचित कचित्।।
पतिशुश्रूषणं स्त्रीणां धर्म एवं सनातनः।
यादृशस्तादृशः सत्य सर्वथा शुभकाम्यता।।
नान्यस्मिन सर्वथा भावः कर्तव्यः कर्हिचित कचित्।।
पतिशुश्रूषणं स्त्रीणां धर्म एवं सनातनः।
यादृशस्तादृशः सत्य सर्वथा शुभकाम्यता।।
श्रीमद् देवी भागवत् 6/18/22-23 अध्याय में
उल्लेख है कि….
【1】“स्त्रियों को सर्वदा अपने पति की ही
उपासना करनी चाहिए।
【2】स्त्री के लिए पति के अतिरिक्त और
कोई देवता है ही नहीं है।
【3】आगे बताया गया है कि पति कैसा भी हो,
वह स्त्री का अराध्य देव होता है।”
【4】वेदों का कथन है कि जो जिद्दी प्रवृत्ति की स्त्रियां
【4】वेदों का कथन है कि जो जिद्दी प्रवृत्ति की स्त्रियां
पति का आदेश टालकर मनमानी करती है उनके यहां ऐश्वर्य कभी उपलब्ध नहीं होता।
【5】पति के बिना किया कोई भी धार्मिक कार्य
निष्फल होता है।
【6】कथा प्रवचन आदि का श्रवण पति के साथ ही सदैव करने से विशेष फलकारी होता है।
【7】वेदादि-अनादि शास्त्रों में परमेश्वर और परम ऐश्वर्य, वैभवशाली जीवन, सुख और समृध्दि तथा पुत्र-पौत्रादि की कामना रखने वाली स्त्रियों के लिए कोई भी कर्मकांड,
【7】वेदादि-अनादि शास्त्रों में परमेश्वर और परम ऐश्वर्य, वैभवशाली जीवन, सुख और समृध्दि तथा पुत्र-पौत्रादि की कामना रखने वाली स्त्रियों के लिए कोई भी कर्मकांड,
धार्मिक कृत्य पति के साथ ही करना चाहिए।
【7】हवनादि करना पति की अनुमति के बिना
व्यर्थ बताया गया है।
【8】 कोई भी अनुष्ठान, विधान आदि में पति-पत्नि का एक साथ करने पर ही “देवी-देवताओं एवं महादेव की कृपा प्राप्त होती है”।
आगे शास्त्रों में लिखा है कि.. महिलाओं
का गुरु उसका पति के अलावा दूसरे नहीं होता। पति के अलावा अन्य किसी को भी
अपना गुरु बनाना महापाप माना गया है।
ईशानः सर्वविधानामीश्वरः सर्वभूतानाम्।।
यह सर्वश्रेष्ठ वैदिक मंत्र है जो सृष्टि की समस्त
विधाओं को दिलवाने वाला है। घर या मंदिर के
“ईशान कोण” (उत्तर पूर्व) में बैठकर प्रत्येक
प्राणी को सर्वभूत अर्थात् प्राणिमात्र के नियन्ता,
ईश्वर शब्द वाच्य महादेव का ध्यान..एवं
!!नमः शिवाय च नमः शिवाय!!
का प्रतिदिन जाप करने से समस्त ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
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