दाढ़, मसूढे, दांतों की मजबूती के लिए आयुर्वेदिक उपचार।

  • दांत, मसूढे, दाढ़, डेन्ट भी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। दाँत ही देह के अंग-प्रत्यंग को स्वस्थ्य व सुरक्षित रखते हैं।
  • ब्रिटिश डेंटल जर्नल में प्रकाशित एक शोध में पाया कि दन्त समस्याओं का मूल कारण मुंह में होने वाले स्त्राव, गन्दगी, बदबू के चलते फेफड़ों में संक्रमण होता है।
  • सर्वप्रथम पेट और लिवर को को दुरुस्त रखें। मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर न होने देवें। कब्ज न होने देंवें।

१५ घरेलू आयुर्वेदिक उपचार मजबूत दांतों के लिए

  • पेस्ट छोड़कर नीम, बबूल, खदीरा की दातुन करें।
  • आयुर्वेदिक ओषधि युक्त डेन्ट की मंजन Amrutam Dent key Manjan तनिष्का (अग्नितत्व) उंगली से करके 10 मिनिट बाद कुल्ला करें।

आज दुनिया में 72 फीसदी बच्चे दांतों में सड़न, मुहँ में बदबू और बड़ी उम्र के स्त्री-पुरुष मसूढ़ों, दाढ़ों की की समस्या से पीड़ित है। हमारे खानपान की लापरवाही और बदलाव ने ओरल कैंसर (दन्त कर्क व्याधि) दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। दांतों का आयुर्वेदिक चिकित्सा, देशी मंजन द्वारा आप दांतों की बीमारियों को रोक सकते हैं।

  1. 1 या 2 लौंग रात को दांतों के नीचे दवाकर दांतों में कभी संक्रमण या इन्फेक्शन नहीं होता।
  2. अमरूद दांतों के लिए अमृत है। सुबह खाली पेट एक रोज खाएं और ऊपर से एक घंटे तक पानी न पिएं।
  3. गर्म चीज के तुरन्त बाद ठंडा न लेवें।
  4. सुबह उठते ही 2 से 3 ग्लास सादा जल पियें।
  5. सुबह फ्रेश होते समय और मूत्र विसर्जन के समय दांतों को दबाकर रखें यानि दांतों को अच्छी तरह भींच लेवें। मुख से श्वांस न लेवें। दाँत भींच कर नाक द्वारा गहरी श्वांस लेवें और नाभि तक ले जाकर रोकें। फिर छोड़े। यह प्रयोग प्रतिदिन 100 बार करें।
  6. वादी की चीजें न खाएं।
  7. यकृत को शिथिल न होने दें।
  8. वात-पित्त-कफ को संतुलित रखें।
  9. भोजन बहुत ही धीरे-धीरे, चबा चबाकर करें।
  10. दांत-मसूढ़े में दर्द का कारण दांतो में दर्द होने के के कई कारण हो सकते हैं। कभी दांतों में कीड़े लग जाने की वजह से दर्द उठता है तो कभी मसूढ़ों में किसी तकलीफ की वजह से दांत दर्द करने लगते हैं। कभी-कभी दांतो की जड़ें काफी ढीली हो जाती हैं। इस वजह से भी दांतों में असहनीय पीड़ा होती है।
  11. ऐसी स्थिति में सही से ब्रश कर पाना काफी मुश्किल होता है और सांसों से बदबू आना भी शुरू हो जाता है। जब हम कुछ खाते हैं तो कुछ हिस्सा दांतों पर ही रह जाता है. जैसे सब्जी का दांतों में फंस जाना आदि।
  12. गर्म के बाद ठंडे खाना या पीना।
  13. अधिक सिगरेट, पुड़िया, तम्बाकू का उपयोग।
  14. जल्दबाजी में खाना, खाना अर्थात भोजन खूब चबा चबाकर नहीं करना। यह चीजें दांतों में सड़न पैदा करती हैं। जिससे दांत धीरे-धीरे कमजोर होते जाते हैं. खाना खाने के बाद हम कुल्ला नहीं करते जिसकी वजह से दांत ठीक से सांफ नहीं हो पाते हैं।

दिल की बीमारी, हार्ट अटैक आने की एक वजह दांतों में जमी गंदगी और इन्फेक्शन ही है। खतरे

  • दांतों के खराब होने से हम ठीक से भोजन चबा नहीं पाते, जिससे मोटापा तेजी से बढ़ता है।
  • दांतों के टूटने का सम्बंध दिल की रक्त धमनियों से है।
  • अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक खराब मसूढ़े एक समय के बाद ब्लड ग्लूकोज लेबल को प्रभावित करता है।
  • दांतों की खराबी से डायबिटीज में तेजी से वृद्धि होती है।
  • बार-बार ब्रश न करें। विशेषकर खट्टा काने के बाद एक घण्टे बाद करें।
  • गर्म के बाद तुरन्त ठंडा न लेवें।
  • सुबह खाली पेट भूंजे चने खाकर पानी न पिएं
  • ज्यादा कड़क, थोड़ चीजे न खाएं।
  • अमरूद का उपयोग ज्यादा करें।
  • जंक फ़ूड, सोड़ा सुगर युक्त के सेवन से बचें।
  • केचअप, टोमैटो सूप बहुत कम लेवें।
  • डेन्ट की मंजन दो बार अवश्य करें। इसमें दंतरोग नाशक जड़ीबूटियों का मिश्रण है।
  • रात को सोते समय अमृतम टेबलेट की एक गोली सादे जल से लेवें।
  • आयुर्वेदिक ग्रन्थ आयुर्वेद सार संग्रह, अष्टाङ्ग ह्रदय, आयुर्वेद चंद्रोदय आदि किताबों में दांत-मसूड़ों को मजबूत बनाने के कुछ आयुर्वेदिक ओषधियां का वर्णन है, जिसका सेवन कर दांतों की सुरक्षा की जा सकती है।
  • पेट और आंतों की गंदगी, दांतों के संक्रमण, पाचनतंत्र की खराबी, चपाचाय संबंधित रुकावट दूर करने के लिए DENTKEY MALT 4 से 5 महीने नियमित लेने से लिवर की सभी क्रियाएं सुधर जाती हैं। दांतों की जड़े मजबूत होने लगती हैं।

DENTKEY Malt Product Details Material

  • Almond 100 mg, Molshree 210 mg, Chidchida 100 mg, Karonda jam 3 gm, Triphala powder 450 mg, Rose 30 mg, Kapoor 5 mg, Peppermint 2 mg, Betel nut, 30 mg, Arjun ext 10 mg, Neem 30 mg, Phitkari 5 mg, Lodhra 30 mg, Akarkara 50 mg, Babool Gond 500 mg, Clove 30 mg, Black Pepper 30 mg, Walnuts 30 mg, Khadira 90 mg, Mulethi 90 mg, Padmakastha 30 mg, Spikenard 10 mg, Cinnamon 30 mg, Suhaga 30 mg, Pavitri Kusha 30 mg, Errand 30 mg, Cardamom 10 mg, Chhoti Pippili 30 mg, Nag Bhasm 20 mg, Yashad Bhasm 30 mg, Vang Bhasm 50 mg, Swarnamakshik Bhasm 100 mg, Loh Bhasm 40 mg, Mandoor Bhasm 50 mg, Trikatu Ext.
  • अमेजन, Amala earth, Nykaa, Amrutam पर व्यूज आदि सर्च करें।
  • पेट साफ नहीं रहता हो, तो अमृतम टेबलेट की 1 या 2 गोली रात को सोते समय सादे जल से लेवें।

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