Tag: आयुर्वेदिक

  • क्या 40 के बाद प्यार मोहब्बत करना समझदारी है?

    क्या 40 के बाद प्यार मोहब्बत करना समझदारी है?

    40 के बाद इश्क के फायदे- इंसान में इश्क की इच्छा बनी रहे, तो 60 तक खाट नहीं पकड़ता। प्रेम की ऊर्जा से आदमी का हर पुर्जा चार्ज रह सकता है। आदमी का मन 70 में भी नहीं मानता। बस उसके औजार-हथियार काम के नहीं रहते। ७० के बाद मन में उमंग रहती है, किंतु…

  • ५००० पुराने आयुर्वेदिक योग, जो नामर्द को भी मर्द बनाने की क्षमता रखते हैं।

    ५००० पुराने आयुर्वेदिक योग, जो नामर्द को भी मर्द बनाने की क्षमता रखते हैं।

    काम के क्षेत्र में कायदे से चलें, तो बहुत फायदे होते हैं। ज्यादा खट्टी चीजें, आचार आदि सेक्स शक्ति को कमजोर बनाती हैं। काम को रोकने से भी नपुंसकता का उदय होने लगता है। क्या है कामवासना और सेक्स के कायदे? कामवासना स्वाभाविक है। यह प्रकृति की भेंट, परमात्मा का दान है, जो मनुष्य को महान…

  • क्या आयुर्वेदिक दवाओं से पुरुषों में घोड़े जेसी ताकत आ सकती है। जाने आयुर्वेद के 5000 साल पुराने नपुंसकता नाशक तथा जोशवर्धक, जवानी लाने वाले फार्मूले!

    क्या आयुर्वेदिक दवाओं से पुरुषों में घोड़े जेसी ताकत आ सकती है। जाने आयुर्वेद के 5000 साल पुराने नपुंसकता नाशक तथा जोशवर्धक, जवानी लाने वाले फार्मूले!

    आयुर्वेद की हस्तलिखित प्राचीन पांडुलिपियों में मर्दांगनी, ताकत, जोश जवानी लाने योग्य देशी योगों का वर्णन है, जो नामर्द को भी मर्द बनाने की क्षमता रखती हैं। जाने कोन सी हैं वे घरेलू ओषधियां। जो 5 तरह की खतनके नपुंसकता को जड़मूल से मिटा देंगी घोड़े की ताकत जेसी दवा बनाने के 8 फार्मूले मस्तगी, माशा, बैंगन का बीज…

  • जीवन का अंत तुरंत न हो, इसके लिए एलोपैथी से हाथ जोड़े। स्वस्थ्य जीवन, तंदुरुस्ती के लिए आयुर्वेद अपनाएं!

    जीवन का अंत तुरंत न हो, इसके लिए एलोपैथी से हाथ जोड़े। स्वस्थ्य जीवन, तंदुरुस्ती के लिए आयुर्वेद अपनाएं!

    जाने केसे बनाए रोग रहित हिंदुस्तान। जब तन, पतन से बचेगा, तो हमारा वतन सुरक्षित रहेगा। अंग्रेजी मेडिसिन के कारण देश में 50 फीसदी से ज्यादा लोग बीमार हैं। इस रसायनिक चिकित्सा के फेर में जो भी एक बार उलझा, वह बरबाद हो गया। गरीबी की मार… विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एलोपैथी दवाओं की वजह से…

  • कामशक्ति बढ़ाने के उपाय :—-

    कामशक्ति बढ़ाने के उपाय :—-

    श्वास, भोजन तथा निद्रा के बाद चौथा महत्त्व काम का है । निद्रा के बारे में अन्य स्थान पर बताया जा चुका है । यह पुस्तक कार्य के संसार से हमारे संबंधों की व्याख्या करती है। निन्द एक ऐसा विराम है जो अस्थायी रूप से सांसारिक गतिविधियों से हमें अलग कर देता है। यह पहले…

  • नजला,साइनस,जुकाम का शर्तिया इलाज मिल गया है।जाने साइनस के लक्षण और इलाज…….

    नजला,साइनस,जुकाम का शर्तिया इलाज मिल गया है।जाने साइनस के लक्षण और इलाज…….

    साइनस एक तरह से सर्दी-जुकाम की समस्या है। ये विकार पुराना होने पर नाक की छिद्र नलिकाओं में सूजन आने लगती है। आयुर्वेदिक शास्त्रों में इस नाक के रोग को प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद शास्त्र चरक, सुश्रुत सहिंता में भी साइनस या नजला यानी प्रतिश्याय को नव प्रतिश्याय (एक्यूट साइनुसाइटिस) और पक्व…

  • पाचनतंत्र की मजबूती के लिए करें यह उपाय।

    पाचनतंत्र की मजबूती के लिए करें यह उपाय।

    आयुर्वेद के नियमानुसार अगर जठराग्नि यानी पाचनतंत्र की अग्नि तेज या मजबूत रहेगी, उदर दीपन होगा, तो शरीर सदैव सब विकारों से बचा रहता है। भोजन के एक घण्टे बाद पानी पीने की आदत बनाये, तो बुढ़ापे या जीवनान्त तक पाचनतंत्र की अग्नि मजबूत बनी रहेगी। पाचन तंत्र की अग्नि को आयुर्वेद में जठराग्नि कहते…

  • वातावरण एवं अनुष्ठान :—–

    वातावरण एवं अनुष्ठान :—–

    मैंने विभिन्न कामोद्दीपक नुस्खों तथा अन्य कारकों का विवरण दे दिया है जो काम-क्षमता तथा काम-वासना आदि में वृद्धि करते हैं । दो और कारक हैं जो काम-अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । ये हैं वातावरण व शयन-कक्ष की सज्जा तथा अनुष्ठानों का महत्त्व । सहवास के लिए उपयुक्त वातावरण होना…

  • कच्ची हल्दी क्या होती है? इसके क्या उपयोग होते हैं?

    कच्ची हल्दी क्या होती है? इसके क्या उपयोग होते हैं?

    कच्ची हल्दी के 25 लाजबाब फायदे… आयुर्वेद में हल्दी को हरिद्रा कहा जाता है। भावप्रकाश ग्रन्थ के अनुसार हल्‍दी की विभिन्न चीजे होती हैं- अम्बाहल्दी, दारुहल्दी, वनहल्दी आदि.. कच्ची हल्दी से अचार, बर्फी, लड्डू, रायता भी बनाते हैं कच्ची हल्दी कैसे पैदा होती है-देखें यह वीडियो… आयुर्वेद के अनुसार हल्दी के संस्कृत में श्लोक, विभिन्न…

  • फैटी लिवर क्यों होता है। इसके लक्षण क्या है। जाने उपाय, उपचार और आयुर्वेदक इलाज….

    फैटी लिवर क्यों होता है। इसके लक्षण क्या है। जाने उपाय, उपचार और आयुर्वेदक इलाज….

    फैटी लिवर की वजह से कुछ भी पचता नहीं है। पेट में तरल पदार्थ बनने लगता है। यकृत्गत मेदोसंचय यानि फैटी लिवर होने की दो वजह मुख्य हैं। मदिरापान या मद्यपान ज्यादा करने से (Alcohol) तथा मिथ्या-आहार (Unhealthy lifestyle), जिसमें वसायुक्त खाद्यपदार्थों का अत्यधिक सेवन तथा न्यूनतम शारीरिक श्रम प्रमुख रहते हैं। फैटी लीवर की बीमारी…