Tag: रोगप्रतिरोधक
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ठंड के मौसम में दिल की परेशानी से बचाएगा अमृतम च्यवनप्राश !!
ये 11 बातें जानकारी दिल की सुरक्षा कर सकते हैं- सर्दी में ह्रदयघात यानि हार्टअटैक का खतरा 25 से 30 फीसदी तक बढ़ जाता है। साथ ही बार बार सर्दी जुकाम से शरीर की नाड़ियां शिथिल होने से अनेक विकार पनपने लगते हैं। कमजोर दिल, शीत प्रकृति वाले और हृदय रोगों से प्रभावित लोगों के लिए ठंड…
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रोगप्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम को केसे बढ़ाएं
आप सबसे पहले एक महीने तक Detox key Herbs का सेवन करें। ये ऑनलाइन मिल जाएगा। डिटॉक्स की हर्ब्स लेने का तरीका एक व्यक्ति के लिए रात को 10 ग्राम डिटॉक्स की हर्ब्स 200 ml पानी में गलाकर सुबह एक चौथाई रहने तक उबालें और छानकर खाली पेट गर्म गर्म पिएं। अगर आप छने हुए…
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साइकिल चलाओ और तन्दरुस्त बनो!
कल, कलदार और क्लेश से दुनिया परेशान है। भविष्य में क्या होगा?… इसी चिंता में विश्व की एक चौथाई जनसँख्या बीमार है। सायकल चलाने वाले अंकल को……. कल की कोई फिक्र नहीं रहती। क्योंकि सायकल चलाकर वह तन्दरुस्त रह सकता है। बचपन में साइकिल चलाने के मजे, जवानी में ना जाने कहाँ खो जाते हैं।…
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कोरोना वायरस की वेक्सीन कब तक आएगी?
फिलहाल तो कोरोना का टीका आने वाला है नहीं। यदि आ भी जाएगा, तो उसके अनेक साइड इफ़ेक्ट होंगे। दरअसल यह संक्रमण इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से फैल रहा है और इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए सादा जीवन उच्च विचार सर्वश्रेष्ठ उपाय है। घर का शुद्ध खानपान आपको स्वस्थ्य रखेगा। अच्छी सोच से…
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इम्युनिटी बढ़ाने का सवसे सस्ता और कारगर इलाज-तनाव मुक्त रहिये…
तनाव, चिन्ता, फिक्र, भय-भ्रम तथा निगेटिव सोच से दूर रहिये। यह इम्यूनिटी के लिए सबसे फायदेमंद है। आयुर्वेद चरक सहिंता, आयुर्वेदिक निघण्टु में रोगप्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के उपायों में लिखा है कि- पूरी पर्याप्त नींद, तनाव मुक्त मस्तिष्क योग, ध्यान-प्राणायाम सन्तुलित भोजन, नियमित कसरत, स्नान पूर्व अभ्यंग यानि मालिश और त्रिदोष नाशक जड़ीबूटियों से निर्मित…
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आयुर्वेदिक भस्म, जो रोगों को जड़ से कर दे-भस्म!
स्वस्थ्य, शतायु रहने के लिए-भस्मों का उपयोग आवश्यक है- जीर्ण-शीर्ण, असाध्य तथा अज्ञात बीमारियों का आयुर्वेद में जड़ीबूटियों, क्वाथ, काढ़ा चूर्ण, चटनी, माल्ट, सिरप के अलावा रस-भस्मों से उपचार किया जाता है। आयुर्वेद के प्राचीन सन्दर्भ शास्त्र- आयुर्वेदिक संस्कृत के प्राचीन अमृतम ग्रन्थ जैसे- अनुपान तरंगिणी, निघण्टुरत्नाकर, बृहद-योगतरंगिणी, बंगसेन सहिंता तथा रसतन्त्र सारः व सिद्ध योगसंग्रह प्रथम…