Tag: शरीर
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सुबह स्नान करते समय कौन सी की गई 5 गलतियां पड़ सकती हैं स्वास्थ्य के लिए भारी ?
स्नान करते समय जब शरीर पानी से गीला हो जाए और पेशाब आ जाए, तो भूलकर भी पेशाब न करें। लकवा या पेरालयसी होने का सबसे बड़ा कारण यही है। नहाने के एक घंटे पहले पूरे शरीर में ओषधि तल लगाकर नहाने से कभी भी झुर्रियां नहीं पड़ती और जल्दी बुढ़ापा नहीं आता। स्नान करते…
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आयुर्वेद के मुताबिक शरीर में दर्द क्यों होता है? अमृतम
शरीर में दर्द होने की मूल वजह है रक्त संचार का अवरुद्ध होना। जब कोई अपनी दिनचर्या को आलस्य, सुस्ती युक्त बना लेता है और परिश्रम करना कम या बंद कर देता है, तो शरीर में अनेक तरह के दर्द उठना आरम्भ हो जाते हैं, जिन्हें आयुर्वेद में वात रोग कहते हैं। ये ८८ प्रकार…
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बालों का झड़ना, टूटना, दो मुहें होना, रूसी / डेंड्रफ गंजापन केसे रोकें।
काल के भाल से कलिकाल (कम उम्र) में ही बाल, अकाल ग्रस्त होकर, बाल की खाल कमजोर, चिकनी हो जाती है। पित्त की वृद्धि भी किशोरावस्था में कमजोर बाल, यौवन काल खत्म कर देते हैं। अतः पित्त को सन्तुलित करने के लिए हरड़ मुरब्बा, आंवला मुरब्बा, स्वर्णपत्र, गुलकंद, ब्राह्मी त्रिकटु, त्रिफला, गूडहल, बहेड़ा एवम चतुर्जात युक्त अवलेह या…
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शरीर के भी 10 तंत्र हैं, इनकी शुद्धि के बिना मंत्र फ्लैट नहीं होते…
अमृतम तंत्र, मंत्र और स्वास्थ्य… दुनिया केवल दैवीय शक्ति तंत्र के बारे में जानती है। तंत्र शास्त्रों में दस तंत्र का वर्णन मिलता है और इनकी अधिष्ठात्री देवियां भी 10 ही हैं। जब तक मानव तंत्र शुद्ध होते, तब तक किसी भी तंत्र सिद्धि कामना करना व्यर्थ है। हमारे शरीर में दस तंत्र है – कंकाल तंत्र,…
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रोटी का रोचक इतिहास…
छप्पन तरह के पकवान खाते-खाते मन भर सकता है, लेकिन रोटी खाते-खाते आज तक कोई बोर नहीं हुआ, क्योंकि पेट तो रोटी से ही भरता है और दुनियाभर में सारे झगड़े की जड़ भी रोटी ही है। एक एक रोटी के लिए मोहताज एक गरीब आदमी ने रोटी का एक विशाल संग्रहालय ही स्थापित कर…
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आयुर्वेदानुसार शरीर का विज्ञान क्या है?
स्वास्थ्य सम्बंधित 18 काम की जानकारी… शरीर के घटकों का कार्य समझ लेना होगा, तथा उसे सुचारू रूप स चलाने के लिये कर्मशील बनना होगा। यह हमारा एक प्रधान कर्तव्य है । क्यों कि इस शास्त्र की शिक्षा से हमें बहुत कुछ लाभ मिल सकता है। मानव-शरीर- शास्त्र के शरीर रचना, इंद्रिय-विज्ञान तथा आरोग्य-शास्त्र ही…
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हमारे प्रयास ही हमें स्वस्थ्य रख सकते हैं। अपने रोग खुद कैसे जाने!
मानव-शरीर- शास्त्र के शरीर रचना, इंद्रिय-विज्ञान तथा आरोग्य-शास्त्र ही मुख्य अंग है। केवल एक अंग का अभ्यास । करने से ही कार्य नहीं चल सकता, क्योंकि इन अंगों का परस्पर घनिष्ट संबंध है। अत: आयुर्वेद शास्त्रों के पूर्वार्ध में शरीर-रचना तथा इंद्रिय-विज्ञान का वर्णन, और उत्तरार्ध में आरोग्य शास्त्र का वर्णन किया गया है। देह…
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आयुर्वेदानुसार शरीर का विज्ञान क्या है?
स्वास्थ्य सम्बंधित 18 काम की जानकारी… शरीर के घटकों का कार्य समझ लेना होगा, तथा उसे सुचारू रूप स चलाने के लिये कर्मशील बनना होगा। यह हमारा एक प्रधान कर्तव्य है । क्यों कि इस शास्त्र की शिक्षा से हमें बहुत कुछ लाभ मिल सकता है। मानव-शरीर- शास्त्र के शरीर रचना, इंद्रिय-विज्ञान तथा आरोग्य-शास्त्र ही…
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शराब खराब है या अच्छी……..!! क्या कहता है आयुर्वेद?
भारत में अधिकांश पत्नियों की एक ही शिकायत रहती है कि आदमी शराब बहुत पीता है। हालांकि मर्द थकान मिटाने, गम भुलाने और एनर्जी पाने के लिए दारू को दवा के रूप में ग्रहण करता है। शराब इतनी बुरी भी नहीं है जितना उसे बदनाम किया गया है। एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में 68…
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आर्युवेद में भी है मकर संक्रांति का महत्व….
आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में चलने वाली सर्द हवाएं कई बीमारियों की कारण बन सकती हैं, इसलिए प्रसाद के तौर पर खिचड़ी, तिल और गुड़ से बनी हुई मिठाई खाने का प्रचलन है। तिल और गुड़ से बनी हुई मिठाई खाने से शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इन सभी चीजों के…