Tag: Ayurveda
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मन की भूख असीमित है | The endless desires of human mind
अमृतम फार्मसूटिकल्स द्वारा प्रकाशित ।।अमृतम।। मासिक पत्रिका से साभार किसी अनुभवी आदमी का अकाट्य वाक्य है- “तन की भूख तनिक है, तीन पाव या सेर । मन का मान अपार है,
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आयुर्वेद की और देख रही दुनिया | The world is looking towards Ayurveda
आयुर्वेद की और देख रही दुनिया ***”””””””””””*** पूरे विश्व के लोग अब एलोपेथिक चिकित्सा से ऊब चुके हैं । अंग्रेजी दवाओं के दुष्प्रभावों ने अनेक नई बीमारियों को जन्म दिया है ।
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How to deal with bossy people: the Amrutam way
Power hungry people, people who want to control your lives in and out, can make your personal and professional life. They will put you situations where you feel powerless and helpless. It can be quite difficult to deal with such people. People, who will continue to belittle you, make you feel small and powerful. Remind…
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5 Amrutam Ways to Deal with Dark Eye Circles
Life corrodes us and our bodies, as we grow old and the childlike divinity that we carry within ourselves, begin to rust with time and the same happens with our body as well. Rejuvenate your body, mind and spirit with Amrutam`s Self- Care Basket. Don`t let time rust you. Work, adulthood and the lost innocence…
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अमृतम जीवन प्रसन्न-मन हेतु जल का सदुपयोग कैसे करें | The Amrutam Ayurvedic Way of Drinking Water
खाने के तुरंत बाद पिया पानी, तो मिटा देगी जवानी खाने के तुरंत बाद पानी पीने से जठराग्नि शान्त हो जाती है, जिससे खाना पच नही पाता। उदर में भोजन सड़ेगा फिर सड़ने के बाद उसमें जहर बनेगा। यही विष यूरिक एसिड बनता है, जो वात विकार का कारण है। ये तन का पतन कर…
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प्राचीन प्राकृतिक औषधि मूली | Radish: An Ancient Natural Medicine
।।मूली के संस्कृत नाम ।। चाणक्य मूलक, भूमिकक्षार, दीर्घ्कंध, क्षरमुलाक, कुञ्जर, नीलकंठ, राजूक, रुचिर । मूली के ये सब नाम वनोषधि चंद्रोदय, आयुर्वेदिक निघंथु, वन बुटी , भावप्रकाश निघण्टु, आदि अमृतम आयुर्वेदिक ग्रंथो में बताये हैं ।
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।।महाशिवरात्रि।। शुभ-सुख सिद्धि कारक हो
।।महाशिवरात्रि।। शुभ-सुख सिद्धि कारक हो !!!!!!——————!!!!!!! सबके सब कष्ट काटने के कारण कहते हैं- “शंकर संकट हरणा” अमावस्या से एक दिन पूर्व चतुर्दशी (चौदस) की रात
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ब्राम्ही के गुण एवं उपयोग
ब्राम्ही के गुण, उपयोगः- ————————— पहले समय मतिभ्रम, उन्माद, हीनभावना, चिंता, भय, तनाव मिटाने हेतु ब्राम्ही के रस का उपयोग किया जाता था। भावप्रकाश निघण्ठु, गावों में औषध रत्न, वनौषधि चन्द्रोदय, निघण्ठु आदर्श आदि आयुर्वेदिक ग्रन्थों भाषयों में ब्राम्ही का विस्तार से वर्णन है।
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A Word about Emotions- Amrutam
As humans, we have a habit of confusing our emotions and interpret them inaccurately. Often, we are confusing how we feel and what we express. This inaccuracy we face in understanding our emotions, in our inability to express what we feel troubles us on most of the days and we conveniently choose to ignore these…
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आयुर्वेद -भारत की अद्भुत देन
आयुर्वेद भारत की अद्भुत देन है। अगर आज की आधुनिक दुनिया में इसका इस्तेमाल बहुत अधिक पैमाने पर किया जाए, ये हमारे शरीर का ख्याल ही नही रखेगा अपितु इसे अंदर से मजबूत भी बनाएगा। आज बच्चों का बचपन ही नही रहा, वो तो खो ही गया है, क्योंकि आजकल के बच्चे बहुत जल्दी जल्दी…