।।महाशिवरात्रि।। ‎शुभ-सुख सिद्धि कारक हो

।।महाशिवरात्रि।।
 ‎शुभ-सुख सिद्धि कारक हो
    !!!!!!——————!!!!!!!
‎सबके सब कष्ट काटने
‎के कारण कहते हैं-
“शंकर संकट हरणा”
‎अमावस्या से एक दिन पूर्व
‎चतुर्दशी (चौदस) की रात
‎मास शिवरात्री जो हर माह में एक
‎और एक साल में 11 बार आती है ।
‎        महाशिवरात्रि साल में एक
‎बार फाल्गुन महीने में आती है ।
‎    मंत्र सिद्धि के लिये
‎महाशिवरात्री
तंत्र शक्ति हेतु कालरात्रि
‎             और
‎यन्त्र शोधन साधना
‎हेतु  महारात्रि ।
‎ये तीनों रात्रि वर्ष
‎में एक बार
‎आती हैं, जो कि
‎स्वास्थ्य साधने के लिये
‎महत्वपूर्ण है ।
‎महादेव के महारहस्य,
‎अघोरतन्त्र, अवधूत की भभूत,
‎स्कंदपुराण, शिवपुराण,
‎भविष्यपुराण, महायोगी की
‎तन्त्र साधना, शिवयोग,
‎रावण संहिता, कठोतोपनिषद,
‎उत्तरकालामृत, तन्त्र-मन्त्र
‎विज्ञान, तांडव रहस्य,
‎नाग रहस्य, मुक्तिमार्ग
‎  आदि दुर्लभ
पुराने पुराणों में बखान
किया कि –
“शिव कैलाश के वासी,
दौड़ी धारों के राजा ।
कहकर स्तुतियों से
सराबोर कर गए ।
‎हजारों प्राचीन शास्त्र
‎तथा
‎अनेक सिद्ध संत,अवधूत,
‎अघोरी,नागा द्वारा
‎अनुभवों के आधार
‎पर रचित अद्भुत ग्रँथों
में महादेव की महामाया
‎के बारे में बस , अंत…
‎में इतना ही बता पाए कि
“शिव के कैलाश का अंत न पाया ।
‎ अंत में भी अंत  तेरी माया ”
इन रात्रियों के ऊर्जा कारक, दमदायक,
‎काल (समय) में
‎महाकाल अपनी प्रकृति,
‎शक्ति, सूक्ष्म से सूक्ष्म
‎काल की कारक
‎महाकाली से मिलने
‎आते हैं ।
‎इस समय सृष्टि
‎के सर्वदोष त्रिदोष, त्रिशूल
‎सब सम हो जाते हैं ।
औषधियों में रस की,
‎प्राणियों में   जीवनीय
‎शक्ति की वृद्धि हो जाती है ।
‎   इन सबकी प्राप्ति रात्रि
‎जागरण, व्रत-उपवास
‎द्वारा की जा सकती है ।
‎इन रात्रियों में दिन की
‎पूजा का कोई महत्व
‎नहीं है ।
‎अमृतम जीवन
‎प्रसन्न मन
‎पाने के लिए
‎किसी शिवालय
‎में “राहुकी तैल” के
‎दीपक जलाकर
‎रातभर जागरण कर,
“नमः शिवाय

शिवाय नमः”
अपने
“गुरुमंत्र
का जाप से
मुकद्दर की मरम्मत
स्थाई रूप से हो
जाती है ।
महाशिवरात्रि जगरात्रा
सम्पन्नता में सहायक है ।

       ‎इस पूजा-प्रार्थना
से सफलता के द्वार
‎स्वयँ शिव आकर खोलते हैं ।
शक्ति का साक्षात्कार
होता है ।

‎मात्र एक बार के प्रयास
‎से सालभर विश्वास बना
‎रहेगा । ऐसा ही विश्वाश
‎हमें बाबा विश्वनाथ पर है ।
‎क्योंकि ये ही विश्व का
‎नाश और निर्माण  भी
‎करते हैं ।
‎कहते हैं-
!भावहिं
मेट सके
त्रिपुरारी !
तथा
* हानि-लाभ
जीवन-मरण
सुख-दुख
विधि हाथ*
इन 6 आवश्यक
कर्मों के अधिपति,
अधिष्ठाता शिव ही हैं ।
इनके परिवर्तन
की पकड़ इन्हीं
परमेश्वर पर है ।
जिन्होंने भी स्वयम्भू
शम्भू को साधा
उनकी सब
व्याधि-व्याधा
हमेशा के लिये
दूर हो गई ।
‎भगवान
भोलेनाथ सभी
‎का कल्याण करें ।
” ‎शिवकल्यानेश्वर”
से बस
‎इतनी प्रार्थना है ।
‎   अमृतम फार्मास्युटिकल्स
‎परिवार की और से
‎महाशिवरात्रि की
‎कोटि-कोटि शुभकामनाएं
‎और अंत में
उस अनंत
‎को, संसार के सारे
‎पंथ को, नीलकंठ को
‎सृष्टि के सभी
‎शिवभक्त, सद्गुरुओं,
‎साधक-सिद्धों
‎अघोरी-अवधूतों
‎शेषनाग-नागाओं
तथा तांत्रिको
पित्तरों-पूर्वजों,
मातृ-पित्तर मातृकाओं
कष्ट -क्लेश
के काटक
कुल के सभी
देवी-देवताओं
‎को नमन है-
‎इस भाव से कि
‎सबका आभाव मिट जाए !!!!
‎”आदिदेव विश्वनाथ,
‎भक्तन के सदा साथ ।
‎पकड़ो शिव सबको हाथ,
‎चारो ओर अँधियारो ।।
‎अचरज सब तेरे काम,
‎दया कर निहारो !!!

‎शुभरात्रि ।
शिवरात्रि ।
विशेष-
स्वास्थ्य है, तो
सौ साथ हैं ।
तंदुरुस्त व्यक्ति
के हजारों हाथ होते हैं ।
अतः प्रसन्न-मन
अमृतम-जीवन के
लिए
“अमृतम गोल्ड माल्ट”
का पूरा परिवार,
जीवन भर सेवन करें ।
यह बल-बुद्धि
वृद्धि कारक
हानिरहित
आयुर्वेदिक औषधि है ।
अमृतम गोल्ड माल्ट
रोग प्रतिरोधक क्षमता
एवम
जीवनीय शक्ति
बढ़ाकर,
अनेक ज्ञात-अज्ञात
रोग-विकारों से
शरीर की रक्षा करता
है ।
प्रदूषण, प्रदूषित
वायु के कारण
होने वाली
बीमारियों से
बचाव बनाता है ।
अमृतम गोल्ड माल्ट
आमला मुरब्बा,
सेव मुरब्बा, हरड़
मुरब्बा, गुलकंद,
ब्राम्ही, शंखपुष्पी,
शतावर, अभ्रक
शतपुटी, स्मृति
सागर रस आदि अनेक
असरकारक प्राकृतिक
जड़ी-बूटियों,
से निर्मित है ।
इसका सेवन
परिवार में किसी
भी उम्र के सभी
सदस्य जीवन भर
12 महीने ताउम्र
कर सकते हैं ।

          अशांति का अंत
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मानसिक शांति, भय-भ्रम,
चिंता-तनाव, चिड़चिड़ा
स्वभाव,क्रोध मिटाने
के लिये
Brainkey gold malt
और
Brainkey टेबलेट
का उपयोग करें
इसके सेवन से
आत्मविश्वास में
वृद्धि होकर महीनों
मन प्रसन्न रहता है ।
अमृतम
रोगों का काम खत्म
सर्वविकार नाशक
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हेतु हमें फोन करें

अमृतम रीडर बनने के लिए धन्यवाद्

हमें [email protected] पर ईमेल करे अपने सवालो के साथ

|| अमृतम ||

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