गिलोय, जामुन, तुलसी, एलोवेरा इनके घर में बनाये या निकले हुए ताजी जूस-रस को ही पीना चाहिए।
बाजार से खरीदे गए जूस अत्याधिक हानिकारक है।
पैक जूस को सुरक्षित रखने के लिए इसमें बहुत अधिक मात्रा में रसायनिक तत्व मिलाए जाते हैं।
ये प्रिजर्वेटिव आँतों एवं यकृत को अत्यंत नुकसान पहुंचाने वाले होते हैं।
इन सब व्यापारिक सोच ने आयुर्वेद को बदनाम कर दिया।
आयुर्वेद के जूस या गिलोय आदि के रस एक तरह से यह घर की बनी दाल सब्जी की तरह है।
जसए सब्जी को 5 से 10 दिन के लिए बनाकर नहीं रख सकते, वैसे ही ये ओषधि जूस होते हैं।
इन पेकिंग जूस पर एक से दो साल को एक्सपायरी होती है।
आप लहुड सोचें इनमें ओरिजनल या मूल रस कितना होगा और प्रिजर्वेटिव कितना होगा।
अतः इस तरह से जूस से बचकर घर में ही ताजी तैयार कर सुबह खाली पेट 10 ml से अधिक न लेवें।
इससे अच्छा गिलोय वटी सुबह एक गोली खाली पेट केवल सादे जल से ग्रहण करें।
कोई तकलीफ हो, तो शाम को भी ले सकते हैं।
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