इसका आध्यात्मिक अर्थ नीचे की व्याख्या से स्वतः ही समझ आ जाएगा।
वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली, *(कबर)*
मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली; *(लाश)*
मिट्टी हस्से मिट्टी रोवे, *(इंसान)*
अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे *(जिस्म)*
ना कर बन्दया मेरी मेरी, *(पैसा)*
ना ऐह तेरी ना ऐह मेरी; *(खाली जाना)*
चार दिना दा मेला दुनिया, *(उम्र)*
फ़िर मिट्टी दी बन गयी ढेरी; *(मौत)*
ना कर एत्थे हेरा फेरी, *(पैसे कारन झुठ, धोखे)*
मिट्टी नाल ना धोखा कर तू, *(लोका नाल फरेब)*
तू वी मिट्टी मैं वी मिट्टी; *(इंसान)*
जात पात दी गल ना कर तू, (जाति, धर्म)
जात वी मिट्टी पात वी मिट्टी, *(पाखंड)*
*जात सिर्फ खुदा दी उच्ची,* (वही सर्वेश्वर है )
*बाकी सब कुछ मिट्टी मिट्टी*। (बाक़ी सब …..!)
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