बदसूरत बनाने वाला रोग-लड़कियों के चेहरे पर बाल क्यों आ जाते हैं?

आयुर्वेद में लड़कियों के चेहरे पर बाल उगना अतिरोमता कहलाता है।

यह रोग माहवारी या मासिक धर्म के अनियमित होने से होता है। वर्तमान युग में अधिकांश लड़कियां कमजोर मेटाबॉलिज्म के चलते उनका वात-पित्त-कफ अंसतुलित हो जाता है और पाचनतंत्र खराब होने लगता है, जिससे शरीर त्रिदोषों से घिर जाता है।

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इस रोग में कम उम्र की लड़कियों के चेहरे पर सामान्य से अधिक बाल नज़र आने लगते हैं। कुछ स्थितियों में महिलाओं के चेहरे पर हल्की सी मूंछ व दाढी भी दिखाई देती है। पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओ) हार्मोनल असंतुलन का सबसे बडा कारण है।

जब शरीर में कॉर्टिसोल नाम के हार्मोन का स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो चेहरे पर तेजी से बाल उगने आरम्भ हो जाते हैं।

महिलाओं के चेहरे (Face) और शरीर के दूसरे अंगों पर अत्यधिक बालों के उगने की इस समस्या को मेडिकल टर्म में हिर्सुटिज्म(Hirsutism) भी कहते हैं।

यह लेख नवयौवनाओं और महिलाओं की खूबसरती बढ़ाकर, चेहरा निखारेगा और व्यक्तित्व को सुंदर बनाने में मदद करेगा।

महिलाओं को यह तकलीफ सामान्य तौर पर

ग्रन्थिरस या अंत:स्राव यानि हॉर्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) होने के कारण होती है।

हार्मोन की कमी या अधिकता दोनों ही शरीर में व्यवधान उत्पन्न करती हैं। इस विकार में महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन एण्ड्रोजन (Male Hormone Androgen) का लेवल बढ़ जाता है और अंडाशय (Ovary) पर सिस्ट बनने लगते हैं।

पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD)

अगर कम उम्र के चलते ही इस समस्या का पता लग जाए तो इसे काबू में किया जा सकता है।

क्या है PCOD/PCOS?

PCOD/PCOS यानि ‘पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर’ या ‘पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम’। इसमें महिला के गर्भाशय में मेल हार्मोन androgen का स्तर बढ़ जाता है परिणामस्वरूप ओवरी में सिस्ट्स बनने लगते हैं। यह आश्चर्य की बात है की इस बीमारी के होने का आजतक कोई कारण पता नहीं चला है और यह अभी भी शोध का विषय है,

परंतु चिकित्सकों का मानना है कि यह समस्या महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, मोटापा या तनाव के कारण उत्पन्न होती हैं। साथ ही यह जैनेटिकली भी होती है। शरीर में अधिक चर्बी होने की वजह से एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है,जिससे ओवरी में सिस्ट बनता है।

वर्तमान में देखें तो हर दस में से एक प्रसव उम्र की महिला इसका शिकार हो रही हैं। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जो महिलाएं तनाव भरा जीवन व्यतीत करती हैं उनमें पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है।

महिलाओं में बढ़ते एण्ड्रोजन अर्थात पुरुष हार्मोन के कारण माहवारी समय पर नहीं आना या बिल्कुल ना आना, मासिक धर्म अनियमित होकर अवधि पूर्व बन्द हों जाना, शरीर और चेहरे पर अतिरिक्त बाल आने लगना, बालों का पतले होते जाना।

मुहांसे, पेल्विक दर्द, गर्भवती होने में कठिनाई, इत्यादि पीसीओडी बीमारी के लक्षणों में शामिल हैं, जो भविष्य में भावुकता को कम कर सकता है।

एक खतरनाक बीमारी है- पीसीओडी या PCOS इसकी वजह से भी चेहरे पर बाल आने की समस्या उतपन्न होने लगती है। यह महिलाओं के मासिक धर्म बिगड़ने से होता है यह गुप्त रोग है। प्रजनन के उम्र वाली दुनियाभर की करीब 10 से 12 फीसदी महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है।

पीसीओडी 【PCOD】 महिलाओं में बांझपन यानि इनफर्टिलिटी के मुख्य कारणों में से एक है। इसके अलावा

चेहरे पर मुहांसों का होना-ओवरी में सिस्ट चेहरे ,गर्दन, बांह, छाती, जांघ आदि अंगों पर दाग-धब्बे, अधिक तेलीय त्वचा या रूसी-खोंची, खुजली या डैन्ड्रफ

भी दे सकता है।

मुंहासों की शुरुआत धीमी होती है पर जब इनकी अति हो जाए, तब कोई घरेलु उपचार आज़माने की बजाए आयुर्वेद ओषधियों का सेवन करें।

अपने खाने-पीने की चीजों का विशेष ध्यान रखें, व्यायाम, योगा और घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल करें।

जरूरत अनुसार भरपूर नींद लेंवें। अमॄतम आयुर्वेदिक दवाएँ- अमृतम शतावर चूर्ण

अशोक छाल, सेव मुरब्बा, त्रिकटु,

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द्राक्षा, आंवला मुरब्बा, हरड़ आदि बढ़िया काम करते हैं। आयुर्वेद में समय लग सकता है, लेकिन इलाज जड़ से होता है।

अमृतम नारी सौंदर्य माल्ट तीन माह तक नियमित सेवन करें। यह दवा 100 फीसदी कारगर है और इसके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है।

कई बार युवतियों की तन-मन के प्रति लगातार लापरवाही से शरीर में विभिन्न प्रकार की परेशानियां पैदा होने लगती हैं, जिनमें से एक है PCOD/PCOS बीमारी।

यह रोग 100 में 55 महिलाओं एवं लड़कियों में होना आजकल आम बात हो गई है। कुछ समय पूर्व तक यह स्त्रीरोग 30-35 उम्र से अधिक की महिलाओं को अधिक होता था। लेकिन अब 16 वर्ष की नवयौवनाओं या बच्चियों में भी यह समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।

पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं की ओवरी बड़ी हो जाती है और फॉलिकल सिस्ट बहुत छोटा हो जाता है।

पीसीओएस के निम्नानुसार सबसे आम लक्षण हैं।

इसके लक्षणों में

■ मासिक चक्र अनियमित होना,

■ चेहरे और शरीर पर अनचाहे बल उगना

■ अतिरिक्त बाल का विकास एवं

■ खोपड़ी पर बाल पतला होना

■ बारबार मुहांसे होना, पिगमैंटेशन,

■ अनियमित रूप से पीरियड्स का होना।

■ गर्भधारण में मुश्किल होना।

■ वजन बढ़ना आदि शामिल है।

पीसीओडी नवयौवनाओं/महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है.

आजकल बड़ी संख्‍या में लड़कियां इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं। इसमें ओवरी में सिस्‍ट बन जाते हैं जिसकी वजह से महिलाओं में बांझपन तक आ सकता है। अगर आपकी माहवारी अनियमित रहती है या आपको बहुत ज्‍यादा दर्द रहता है, तो पीसीओडी स्त्रीरोग से मुक्ति के लिए कम से कम 3 से माह तक आयुर्वेदिक उपचार करेँ।

जाने- पीसीओएस या पीसीओडी कौन सा स्त्री रोग है और क्या है संकेत…

समय पर मासिक धर्म का न आना- छोटी उम्र में ही अनियमित पीरियड्स आना इसका सबसे बड़ा संकेत होता है।

अचानक वजन बढ़ना- इस रोग में ज्यादातर महिलाओं के शरीर में मोटापा बढ़ जाता है।

अधिक बाल उगना (हिर्सुटिज़्म Hirsutism)

यानि महिलाओं में पुरुष-पैटर्न वाले अनचाहे बालों के विकास की स्थिति को हिर्सुटिज़्म कहा जाता है। यह एक तरह की बीमारी है जिसमें महिला के शरीर की उन जगहों पर बाल उगने लगते हैं, जहां पर आमतौर पुरुष के बाल बढ़ते हैं जैसे छाती, ठुड्डी, चेहरा और पीठ एवं ठोड़ी पर अनचाहे बाल उगना।

सिर्फ हार्मोनल परिवर्तन ही नहीं इस बीमारी का लक्षण भी हो सकता है, इसके अलावा बालों का झड़ना, शरीर व चेहरे पर, छाती पर, पेट पर, पीठ पर अंगूठों पर या पैरों के अंगूठों पर बालों का उगना भी पीसीओडी समस्या के संकेत है।

आयुर्वेदिक ग्रन्थ भेषजयरत्नावली एवं योगरत्नाकर के अनुसार हर महीने समय पीरियड्स न आना या खुल कर न आना उससे भी बड़ी परेशानी है।

कुछ लड़कियों को मासिक धर्म के परियडस से घृणा है और वो हमेशा कहती हैं कि यह झंझट, तो होना ही नहीं चाहिए। यह बड़ी प्रॉब्लम है।

आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ्य-सुंदर व फिट रहने के लिए तन के अंदर हर महीने गंदे खून का दूर होना, बाहर निकलना अत्यन्त आवश्यक है। ऐसा न होने पर लड़कियों को विभिन्न तरह की दैहिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं जिसका दुष्प्रभाव आने वाले समय में आपके शरीर पर साफ़ देखने को मिलेगा।

∆~ रात भर बैठकर मोबाइल चलाना, चैट करने के कारण समय पर नहीं सो पाते और नींद पूरी नहीं होने के कारण भी नारी को बीमारी घेर लेती हैं, इस वजह से वजन घटने या अचानक बढ़ने लगता है।

∆~ यहाँ तक की पीसीओडी की वजह से कम उम्र में ही मेनोपॉज का खतरा भी हो सकता है।

∆~ देर रात तक जागना, समय पर न सोना और सूर्यास्त के बाद जागने से तनाव आजकल हर किसी को छोटी उम्र की लड़कियों में होना आम समस्या है। यह भी पीसीओडी विकार का सबसे बड़ा कारण है।

∆~ बाहर का कुछ भी फास्ट फ़ूड खा लेना आदि। हमारी अमर्यादित, संस्कार हीन जीवन शैली, दिनचर्या भी। रोग केेई एक वजह है।

∆~ खून की कमी होना यह भी महावारी खुल कर न आने का बड़ा कारण है।

∆~ गर्भ निरोधक गोलियों का निरंतर सेवन, शारीरिक तकलीफों के प्रति लापरवाही और हेल्थ प्रॉब्लम भी इसके पीछे का कारण हो सकता है।

इसमें जरा भी लापरवाही न बरते क्योंकि अब इस समस्या से लड़कियों में पीसीओडी और पीसीओएस की बीमारी बढ़ती जा रही है।

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का इस्तेमाल कम से कम तीन महीने तक लगातार करें। इस रोग की चिकित्सा केवल आयुर्वेद से सम्भव है।

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(नारी रोगों की संजीवनी)

NARI SAUNDRYA MALT

10 प्रकार के रोगों में लाभकारी है

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आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ

◆ आयुर्वेद सार संग्रह

◆◆ रस-तन्त्र सार संग्रह

◆◆◆ भावप्रकास निघंटु

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“नारी सौन्दर्य माल्ट” की सलाह दी जाती है।

यह महिलाओं की अनेक आधि-व्याधि

आदि तकलीफों को दूर करता है।

नारी रक्षक अमृत ओषधि के रूप में महिलाओं के तन-मन की मलिनता मिटाकर, शरीर को सुन्दर एवं आकर्षक बनाने में यह अत्यंत प्रभावी है।

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【】सभी तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करने में सहायक है।

【】इसमें मिलाया गया सेव मुरब्बा, गुलकन्द, आँवला मुरब्बा शतावरी,मुलेठी, अशोक छाल शरीर में सब प्रकार के विटामिन, कैल्शियम, शिथिल कोशिकाओं/अवयवों को रीचार्ज करते हैं।

【】 नई उम्र की युवतियों को सौन्दर्य प्रदान

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【】विवाहित स्त्रियों की सुंदरता बढ़ाने के लिए यह विलक्षण हर्बल मेडिसिन है।

【】एक माह तक निरन्तर सेवन करने से गजब की सौन्दर्यता, सुन्दरता,सहजता, स्वास्थ्य और शक्ति प्रदान करता है।

सेवन विधि—

-★ यदि मोटापा कम करना हो या दुबले-पतले,इकहरे बदन के लिए सुबह खाली पेट एवं शाम को खाने से पहले

नांरी सौन्दर्य माल्ट

100 मिलि.” गरम/गुनगुने पानी में 2 से 3 चम्मच मिलाकर चाय की तरह पियें। इसी तरीके से एक दिन में 3 से चार बार भी ले सकतें हैं।

★★ स्वास्थ्य वृद्धि व हेल्थ या मोटा होने के लिए —

2 से 3 चम्मच नांरी सौन्दर्य माल्ट गर्म/गुनगुने दूध या जल से सुबह खाली पेट तथा शाम को नियमित 3 माह सेवन करें

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खूबसूरती, सुन्दरता और विशेष आकर्षक वृद्धि के लिए “नारी सौन्दर्य मसाज ऑयल” की नियमित मालिश करना बहुत ही लाभकारी है। इसमें

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¶¶¶ केशर युक्त कुम-कुमादि तेल,

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आदि प्राकृतिक ओषधियों/तेलों का मिश्रण है जो शरीर के सभी दाग-धब्बों को मिटाकर रंग साफ करने में सहायक है।

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पुराने समय की बातें—

मेनोपॉज यानि एक साल तक मासिक धर्म नहीं आए तो इसे रजोनिवृत्ति मानते हैं। फिर स्त्रियां गर्भवती नहीं हो सकती। मान्यता है कि रजोनिवृत्ति के पश्चात अथवा मोटापा की वजह से हमारे शरीर में हार्मोन के असंतुलन होने चेहरे पर ज्यादा बाल उगने लगते हैं। लंबे समय तक ली जाने वाली कुछ खास दवाएं और स्टेरॉयड्स के सेवन से भी चेहरे पर असामान्य रूप से बाल बढ़ने लगते हैं।

लेकिन आज नई उम्र की लड़कियों के चेहरे पर बालों का आना वैट-पित्त-कफ का असंतुलन, क्षीण रोगप्रतिरोधक क्षमता, पाचनतंत्र की खराबी आदि अनेक अंदरूनी बीमारियों के कारण यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। आयुर्वेद में इसका शर्तिया इलाज है।

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