काम यानि सेक्स की समझ को ऐसे समझे….

सेक्स को समझने वाले स्त्री-पुरूष 
अलग-अलग नजरिये से समझते हैं..
काम क्या है?
श्रीमद्भागवत गीता में कर्म को काम
और कामसूत्र में काम को सेक्स कहा
गया है। दोनो का अपना महत्व है।
यह मनुष्य की जरूरत है।
एक काम से पेट को राहत, तो दूसरे
से मस्तिष्क को आराम मिलता है।
काम के कारण ही व्यक्ति दुनियाभर
के ताम-झाम फैलाता है। काम की
वजह से ही उसका नाम होता है।
सन्सार में पुरुष अकेला ऐसा प्राणी है,
जो सेक्स, सम्भोग या यौन संबंध का
मतलब महज़ प्रजनन नहीं मानता।
सेक्स या कम इंसान के लिए स्वस्थ्य
शरीर का घोतक भी है।  काम/सेक्स
के माध्यम से मनुष्य मानसिक शान्ति
तथा आत्मिक सुख प्राप्त  करता है।
काम के तमाम के बाद ही वह किसी
काम को मन लगाकर कर पाता है।
काम यानी सेक्स के अर्थ जाने....
नर-नारी, के मध्य मैथुन,सम्भोग,
सहवास मिलन, मिलना आदि कहते हैं।
अंग्रेजी भाषा में काम को सेक्स,
सेक्सुअल इन्टरकोर्स
(Sexual intercourse ) बताया है।
काम अर्थात सेक्स की उस क्रिया को
कहते हैं, जिसमे महिला की सहमति
से पुरुष, मर्द, नर या आदमी का लिंग
शिश्न या पेनिस महिला, मादा, स्त्री,
वयस्क लड़की, औरत, रखैल, प्रेमिका
या त्रिया की योनि अर्थात वैजाइना
【VAGINA】 में डाल देता है
अथवा प्रवेश कराता है।
काम तेरे नाम अनेक...
काम/सेक्स यानि सम्भोग भिन्न-भिन्न
जीवित नर मादा प्रजातियों के हिसाब से
विभिन्न प्रकार से हो सकता है अथवा
किया जा सकता है। सेक्स-सम्भोग को
★ योनि मैथुन,
★ हमबिस्तर होना,
★ हमखाला,
★ काम-क्रीड़ा,
★ रति-क्रीड़ा,
★ यौनक्रीड़ा,
★ रतजगा, रात गुजारना,
★ रस तरंग,
★ सेक्सुअल रिलेशन,
★ मिलन, मिलना आदि
★ भी कहा जाता है।
जबरदस्ती सेक्स करना जुर्म है...
संभोग की क्रिया केवल पति-पत्नी
के मध्य होना कानूनन मान्य है।
यदि कोई स्त्री या पुरुष मानसिक
तसल्ली या मेंटली रिलेक्स के लिए
पर-पुरुष या परनारी से सेक्स रिलेशन
बनाता है, तो वह संविधान के विपरीत अपराध या बलात्कार की श्रेणी में आता है।
भारत सहित अनेक देशों में पति-पत्नी के अलावा अन्य स्त्री-पुरुष से संबंध बनाना
बहुत बड़ा जुर्म है।
विभिन्न प्रकार के अमान्य सम्भोग-सेक्स
कामसूत्र, काम सहिंता आदि ग्रंथों में
काम तेरे काम और नाम अनेक बताए
गए हैं विश्व में अनेकानेक इस तरह सेक्स सम्भोग भी हैं, जिसमें शिश्न या पुरुष लिंग
का उपयोग नर और मादा के बीच नहीं
होता। जैसे-मुख मैथुन, गुदा मैथुन,
हस्तमैथुन इस तरह के काम या सेक्स
को  मैथुन, तो कह सकते हैं, लेकिन
सम्भोग, सहवास बिल्कुल भी नहीं।
धर्मशास्त्रों में काम की बात…
भारत के अनेक धर्म-दर्शन शास्त्रों के
अनुसार कामुकता, काम यानि सेक्स
को अत्यन्त पवित्र माना है। क्योंकि
सृष्टि रचना में ब्रह्मांड वासियों की
लौकिक इच्छा पूर्ति के लिए कामदेव
का अवतार हुआ था, ताकि लोग केवल
काम work से ही काम न रखें।
काम/सेक्स भी करें।
मन का सुकून, समाज के जोड़ने हेतु
कामसूत्र को बनाया गया था।
वृहद् वात्स्यायन कामसूत्र के मुताबिक
कामवासना, कामपिपासा की शान्ति
कामदहन के बाद ही होती है।
मायावी इस भौतिक सन्सार में, 
काम के ही तमाम, ताम-झाम हैं…
● काम ही सुखी जीवन का इंतजाम है।
● आदि से अन्त तक काम ही काम है।
● काम से ही सन्सार चलायमान है।
● काम के नफ़रत भरे और बुरे अंजाम हैं।
● काम के लिए ही लोग रोज शाम को
जाम (दारू)लेने आतुर हो जाते है।
● काम का बहुत भूत सवार हो और
कभी जाम (ट्रैफिक) में फंस जाएं, तो
क्रोध आना लाजमी है।
● काम की तृप्ति के बाद ही बुढापे में
सबको राम -श्याम याद आते हैं ।
● काम ही चारों धाम है ।
● काम के ही सब अंजाम है ।
● काम से दाम, नाम, दुआ सलाम है ।
● काम के कारण ही सन्सार में तमाम
ताम-झाम, इनाम है।
● काम आराम है और आराम में खलल भी।
● काम इंतकाम की आग है ।
● काम (sex) का तृप्ति-आनंद, संतुष्टि ही
सबसे बड़ी शुभकामना ओर प्रार्थना है।
● काम ही साधना-आराधना है।
● काम सबकी प्रथम मनोकामना है।
● काम की पूर्ति परिपूर्ण तृप्ति होने
से प्रेम बढ़ता है।
● काम वृद्धि से विवश बड़े-बड़े वीर,
वीर्य निकालने को ब्याकुल रहते हैं।
● सहवास अर्थात सेक्स रिलेशन
होने के पश्चात ही मानव जीवन
सरल, सहज हो पाता है।
● काम से मर्द का दिमागी दर्द दूर होता है।
● कामवासना शान्त होने के बाद ही
मानसिक यातना, तन की ताड़ना तथा
प्रताड़ना की पीड़ा का नाश होता है।
● काम के कीड़े से परेशान आदमी का
दिन या रात काटना मुश्किल हो जाता है।
● लालन ( बच्चों) और पालन की प्राप्ति
काम से ही संभव है।
कामसूत्र के श्रंगार शतक में लिखा है
● काम ही गति और मति है  ।
● श्रीमती आने के बाद जीवन की
गति-मति (बुद्धि) बदल जाती है
● कामतृप्ति के बाद ही दशा-महादशा,
दिशा समझ आती है। इसलिए शादी
का उल्टा दिशा होता है।
● काम ही काम (कर्म) के लिये भगाता है।
● भागम-भाग ओर दौड़ने-भागने से
व्यक्ति काम कर भाग्य जगा पाता है।
● काम ही भाग्य-दुर्भाग्य, योग,भोग,
जप-तप है।
● काम के कारण ही रग-रग में रोग और
राग, लोभ, लालच, मोह-माया आती है।
● काम के तीर, पीर (अशांति) देते हैं।
● काम एक अनुपयोगी अनुष्ठान है।
● काम यानि सेक्स की पूर्ण आहुति अर्थात
हवन होते ही तन-मन को शकुन मिलता है।
कामवृद्धि के लिए आयुर्वेदिक दवा
एक असरदायक उत्पाद
B FERAL GOLD MALT
बी फेराल गोल्ड माल्ट ओर कैप्सूल
चालीस के पार वाले पुरुषों को विशेष
तौर पर कामवृद्धि हेतु सदैव हानिरहित आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन हितकारी
होता है- अमृतम द्वारा निर्मित
!~ बी फेराल गोल्ड माल्ट
!!~ बी फेराल गोल्ड केप्सूल
ये दोनों दवाएँ बाजीकरण युक्त
आदि स्वर्णयुक्त ओषधियाँ से बनी हैं।
मर्दांगनी प्रदान करना
इसका विलक्षण गुण होता है।
गर्वीली स्त्रियों, रमणियों के 
मान-मर्दनअर्थात सेक्स समाधान 
हेतु यह एक सक्षम तथा गुणकारी 
हानिरहित चिकित्सा है।
बी फेराल गोल्ड माल्ट & केप्सूल
जवानी बढ़ाने में वरदान सिद्ध हुआ है,
यह 40 के पार वालों का उद्धार करता है।
सेक्स में जीवन का सार,
40 के पार ही समझ आता है।
सेक्स का संसार सर्वनाश होने से
घर-परिवार में क्लेश होने का कारण
बनता है।
शास्त्रो में काम के विषय में अनाम
और प्रसिद्ध ऋषियों ने तमाम लिखा,
काम का स्थाई हल केवल आयुर्वेद में है।
इसके 3 महीने सेवन के बाद
काम या सेक्स के समय मिले
परम ‘आनंद’ को मापा जा सकता है?
फ़्रेंच भाषा का एक बेहद प्रचलित
मुआवरा है- औरत उदासीन या
निष्क्रिय नहीं होतीं, बल्कि पुरुष
सेक्स में उतना योग्य नहीं होता
अर्थात वे नाकाबिल होते हैं।
सदैव स्वस्थ्य रहने के लिए योग
अवश्य करें, ताकि बिना दवाई के
भी मस्त रह सकें।
योग के बेहतरीन फायदे जाने-
https://amrutampatrika.com/yogaday2020/

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *