यत पिंडे-तत ब्रह्माण्डे —
अर्थात सभी धर्म ग्रंथो में लिखा है कि
जो भी कुछ मनुष्य के पिण्ड यानी शरीर में है, बिल्कुल वैसा ही सब कुछ इस ब्राह्मांड में है। संपूर्ण ब्रह्मांड में जो भी है वह द्रव्य एवं ऊर्जा (Matter and energy) का संगम है।
वही हमारे शरीर में भी है।
समस्त दृश्य और अदृश्य इन्ही दोनो के संयोग से घटित होते है। हम और हमारा मस्तिष्क इसके अपवाद नहीं हैं। सृष्टि के मूलभूत कणों के विभिन्न अनुपात में संयुक्त होने से परमाणु और क्रमशः अणुओं का निर्माण हुआ है। मस्तिष्क एवं इसके विभिन्न भाग, सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं भंडारण के लिए इन्हीं अणुओं पर निर्भर रहते हैं। यह विशेष अणु न्यूरोकेमिकल कहलाते हैं।
इन न्यूरोकेमिकल को क्रियाशील बनाये
रखने के लिए
【】ब्राह्मी,
【】जटामांसी,
【】शंखपुष्पी,
【】वच,
【】मालकांगनी,
【】सेव मुरब्बा,
【】गुलकन्द
【】त्रिफला,
【】इला,
【】अश्वगंधा
ब्रैनकी गोल्ड माल्ट और
ब्रैन की गोल्ड टेबलेट
का सेवन करना अत्यंत लाभकारी है।
यह पित्तदोष नाशक ओषधि है।
पित्त दोष की वजह से जिन्हें दिमागी कमजोरी आ जाती है, जो लोग बार-बार भूलने की समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए
ब्रेन की गोल्ड विशेष उपयोगी है।
आयुर्वेद की और देख रही दुनिया
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पूरे विश्व के लोग अब
एलोपेथिक चिकित्सा
से ऊब चुके हैं ।
अंग्रेजी दवाओं के
दुष्प्रभावों ने अनेक नई
बीमारियों को जन्म
दिया है ।
ब्राह्मी के गुण
की जानकारी के लिए
ब्राह्मी बूटी
ब्रह्मण: इयं ब्राह्मी।
अर्थात-यह ब्रह्म या बुद्धि से संबंधित है
यानी बुद्धिवर्धक है।
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