Vata Rog

वात रोग के लम्बे समय तक बने रहने से हो जाता है थायराइड

वातरोग या विकार के 17 लक्षण और शर्तिया इलाज-
 
वायु का प्रकोपआयु घटा देता है….
आयुर्वेद का एक प्रसिद्ध श्लोक है
वातोदयात भवेच्चिते,
जड़ताsस्थिरताभयम।
शुन्यत्वम विस्मृति:
श्रान्तिररतिच्चित्तविभ्रम:।।
अर्थात-
वात-विकार से पीड़ित
मानव शरीर में जब वायु का प्रकोप होता है,
तब स्थिरता नहीं आ आती है।
व्यक्ति तत्काल निर्णय या निश्चय
नहीं कर पाता। पल-पल उसका निर्णय बदलता रहता है। शरीर में वायु की तीव्रता होने पर ऐसा होता है।
वात-वायु प्रकोप का दुष्प्रभाव
और जाने 17 लक्षण 
【१】तन के अंग-अंग में दर्द की वजह से
रंग में भंग होने लगता है ।
【२】शरीर के सभी जोड़ों में तीव्र वेदना होती है ।
【३】आलस्य व सुस्ती बनी रहती है ।
【४】काम से उच्चाटन हो जाता है ।
【५】बार-बार खट्टी डकारें आती हैं ।
【६】चलने-फिरने, उठने-बैठने में भय होता है ।
【७】उदर की नाड़ियां कड़क व जाम हो जाती हैं ।
【८】शारीरिक क्षीणता व दोष उत्पन्न होते हैं ।
【९】हड्डियां कमजोर और खोखली होने लगती है ।
【१०】रस व रक्त की मात्रा कम हो जाती है  ।
【११】स्नायुओं में दुर्बलता आने लगती है ।
【१२】जोड़ों में भयँकर दर्द रहता है।
【१३】अंगों का अकड़ जाना एवं
【१४】हाथ-,पैरों में टूटन होना।
【१५】सूजन,शिथिलता आने लगती है।
【१६】हाथ-पैर एवं शरीर जकड़ने लगता है।
【१७】सेक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उपरोक्त सब समस्याओं से हमेशा के लिए
राहत पाने हेतु निम्नलिखित उपाय करें-
■ अरहर या तुअर की पीली दाल तत्काल त्यागे, इसे भूलकर भी न खावें।
■ रात्रि में दही, छाज, लस्सी न लेवें।
■ सुबह उठते हो गुनगुना पानी बहु ही आराम से धीरे-धीरे खाली पेट पियें।
■ सप्ताह में 2 बार
 “काया की मसाज ऑयल” से पुुरे शरीर की मालिश करें। शनिवार को विशेष
अवश्य करें। क्योंकि वात विकार का
कारक ग्रह शनि है, जो शनिवार को अपने शरीर पर खुशबूदार तेल चढ़ाने से प्रसन्न होकर वात रोग, दर्द आदि दूर करते हैं।
■ ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल
सुबह शाम 1-1 कैप्सूल दूध के साथ लेवें।
ऑर्थोकी पेन ऑइल
दर्द के स्थान पर लगावें।
■ प्रतिदिन 20 से 30 मिनिट कसरत करें।

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Comments

One response to “वात रोग के लम्बे समय तक बने रहने से हो जाता है थायराइड”

  1. Laxmi Kant pandey avatar
    Laxmi Kant pandey

    सर्वाइकल क्या हैं?
    यह क्यों होता हैं?
    इसका इलाज क्या है…..??

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