★★★ॐ★★★
चैत जाओ- चिन्ता करो!
नहीं, तो चिता जल जायेगी …..
वर्तमान में प्रदूषण के दुष्प्रभाव
की वजह से प्रलय वाली स्थिति बन
रही है, जिससे परम् पिता भी रक्षा
नहीं कर पायेगा। अब
भयंकर खतरनाक संक्रमण
(वायरस) के आक्रमण से बचने हेतु,
युद्ध जैसी तैयारी की जरूरत है।
आने वाला समय इस जीव-जगत के लिए भयावह साबित हो सकते हैं।
दुनिया पर बढ़ते प्रदूषण और
प्राकृतिक आपदाओं व पशु-पक्षियों के कारण अनेक संक्रमण (वायरस) तथा असंख्य अनजान महामारी का खतरा मँडरा रहा है।
प्राकृतिक आपदाओं व पशु-पक्षियों के कारण अनेक संक्रमण (वायरस) तथा असंख्य अनजान महामारी का खतरा मँडरा रहा है।
चिकित्सा शास्त्री व वैज्ञानिकों ने गहन अध्ययन से पता लगाया है कि आने वाले 7 या 8 वर्ष पूरी विश्व के लिए
बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं।
बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं।
करीब 10 से 12 करोड़ से भी अधिक लोग अनजान महामारी, वायरस की चपेट में आकर मौत के मुँह में समा जाएंगे।
ये महामारी बेक्टेरिया, संक्रमण,
प्रदूषित खानपान या वायरस के द्वारा तेजी से इंसान को अपना शिकार बना सकतेे है।
प्रदूषित खानपान या वायरस के द्वारा तेजी से इंसान को अपना शिकार बना सकतेे है।
विभिन्न समाचार पत्रों के हवाले
माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक एवं अध्यक्ष “बिल गेट्स“
ने पूरी दुनिया के लोगों को चेताया है
कि- ऐसा वायरस, संक्रमण से उत्पन्न
कि- ऐसा वायरस, संक्रमण से उत्पन्न
बीमारी-महामारी आज तक
देखी या सुनी नहीं होगी।
वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि-
प्रदूषण से उत्पन्न इस ख़ौफ़नाक
प्रदूषण से उत्पन्न इस ख़ौफ़नाक
महामारी से बचने के लिए युद्ध
जैसी तैयारी करनी चाहिये।
बिल गेट्स द्वारा स्थापित
संक्रमित, संक्रमण से पैदा होने वाले रोगों तथा महामारी फैलाने वाली कई बीमारियों पर अध्ययन कर रहा है,
ताकि विश्व को रोग रहित रखा जा सके।
ताकि विश्व को रोग रहित रखा जा सके।
कैसे फैलेगा वायरस–
विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों के बताये अनुसार
बढ़ते वायु प्रदूषण, दुषित वातावरण, गन्दगी से जन्में मच्छर, चमगादड़ या फिर अतिसूक्ष्म कृमियों, कीटाणुओं
तथा कीड़ों के कारण इन्सानों में नित्य नई-नई बीमारियां फैल रहीं हैं औऱ आने वाला भविष्य भयंकर भय व व्याधियों से घिरा होगा।
तथा कीड़ों के कारण इन्सानों में नित्य नई-नई बीमारियां फैल रहीं हैं औऱ आने वाला भविष्य भयंकर भय व व्याधियों से घिरा होगा।
अल्लाह जाने क्या होगा आगे–
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता
अर्थात रेजिस्टेंस पावर या इम्युनिटी
पॉवर की कमी से, कह नहीं सकते-
अर्थात रेजिस्टेंस पावर या इम्युनिटी
पॉवर की कमी से, कह नहीं सकते-
कब कौन, किस क्षण- काल के गाल में समा जाएगा।
ने संक्रमण या वायरस के जरिये पनपने वाली अनेकों खतरनाक बीमारियों की सूची बनाई है, जो सम्पूर्ण जीव-जगत एवं इंसानों के तन-मन एवं मूत्र मार्ग के
लिये घातक हो सकती है। जिससे बचने का एक मात्र इलाज है –
लिये घातक हो सकती है। जिससे बचने का एक मात्र इलाज है –
अमृतम ओषधियों का सेवन और प्राकृतिक उपाय
कब, किस-किस से बचें
@- रात में दही-मठा व अरहर की पीली दाल न खावें!
@-गरिष्ठ व प्रदूषित खानपान से बचें!
@-अधिक मधपान न करें !
@- समय पर सोने की आदत डाले!
इंसान को किस तरीके से सोना चाहिए आयुर्वेद शास्त्रों में निद्रा की
मुद्राऐ भी बताई गई हैं
यथा –
उल्टा सोये भोगी,
सीधा सोये योगी,
दांऐं सोये रोगी,
बाऐं सोये निरोगी।
आम के आम, गुठलियों के दाम….
@- नित्य प्राणायाम-व्यायाम करें !
@-प्रतिदिन 10 हजार कदम रोज चलें !
आयुर्वेद के नियमानुसार
जो चला, वही फला
सुबह की वायु-आयु वृद्धिकारक है।
वायु का उल्टा युवा होता है।
इसलिये मॉर्निंग वाक बहुत जरूरी है।
इसलिये मॉर्निंग वाक बहुत जरूरी है।
@-श्वांस धीरे-धीरे लेवें !
जीने के लिए सबको साँसे मिली है,
उम्र नहीं।
अमृतम आयुर्वेद में श्वांस के उपयोग
का भी तरीका सुझाया है –
“बैठत 12,
चलत 18,
सोबत में 36,
भोग करें, तो
64 टूटें
क्या करें जगदीश”!
अर्थात- बैठने पर एक मिनिट में 12 तथा
सम्भोग करने पर 64 सांसे चलती हैं।
अर्थात- बैठने पर एक मिनिट में 12 तथा
सम्भोग करने पर 64 सांसे चलती हैं।
बाकी इसका अर्थ, तो समझ आ गया होगा, अन्यथा पढ़ते रहिये
अद्भुत अमृतम लेख
अद्भुत अमृतम लेख
लापरवाही से होते हैं-बारह LOSS…
अमृतम आयुर्वेद के अनुसार तन को
खनन व हनन से बचाना चाहिए।
तन रूपी गाड़ी के पुर्जो (मशीनरी) की देखभाल या सर्विसिंग भी जरूरी है।
अन्यथा पतन होते देर नहीं लगती।
अन्यथा पतन होते देर नहीं लगती।
【1】रात रात भर जागने से “किडनी“
कमजोर होती है।
【2】बहुत ठंडे भोजन से उदर रोग होते हैं।
【3】फेफड़ों को धुंवे से डर लगता है।
【4】गरिष्ठ भोजन से लिवर (यकृत) कमजोर होकर अपचन यानि इनडाइजेशन रोग होता है।
【5】 अधिक नमक वाले भोजन से हृदय की धमनियों पर दुष्प्रभाव एवं बीपी है होता है।
【6】 पेनक्रियाज खराब हो जाता है- बहुभोजन या बार-बार खाने से
【7】 मांसाहारी भोजन से आँतो को
हानि होती है।
【8】 मोबाइल और कंप्यूटर के स्क्रीन की लाइट से आँखे कमजोर व खराब
होकर कम उम्र में ही
मोतियाबिंद होने लगता है।
【9】समय पर सुबह का नाश्ता नहीं करने पर गाल ब्लेडर को हानि पहुंचती है।
【10】ज्यादा ठंडे के ऊपर गर्म और गर्म ऊपर ठण्डा एवं खट्टा खाने से
नाख़ूनों की सुंदरता नष्ट हो जाती है।
【11】ज्यादा क्रोध करने, व्यर्थ की चिन्ता, सोचने-विचारने से केश (बाल) व कैश (नगद) दोनों झड़ जाते हैं। मधुमेह रोग प्रकट होता है।
【12】ज्यादा आलस्य व सोने से शरीर में यूरिक एसिड और वात-विकार बढ़ जाते हैं!
अमृतम लोजेन्ज माल्ट
नियमित सेवन करके प्रदूषण के वायरस से बचा जा सकता है।
ओनली ऑनलाइन उपलब्ध
पेकिंग- 400 ग्राम
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