पंचक के नुकसान फायदे क्या हैं? अपनी जन्मांक के अनुसार वाहन कब कौन से नम्बर का लेना लाभकारी है। नई गाड़ी का पूजा विधान क्या है

  • पंचक का भ्रम मिटाएं
    • किसी ब्लॉग में पंचक के बारे में विस्तार से बताएंगे। बस इतना समझ लें कि पंचक काल में या पंचक के समय जो भी वस्तु खरीदेंगे उसमें बरक्कत होती है और पंचक के दौरान कोई हानि होती है, तो 5 बार नुकसान और होगा।
  • अंकशास्त्र के अनुसार आपका मोबाइल, वाहन या भवन क्रमांक क्या होना चाहिए। आपके जन्म दिनांक के हिसाब से कोनसा अंक शुभकारी होगा इसकी जानकारी भारतीय ज्योतिष संहिता में उपलब्ध है।
  • वाहन, भवन तन्त्र अंकशास्त्र मुताबिक आप जो वाहन या भवन खरीदने जा रहे हैं, उसका रंग, नम्बर आपके लिए शुभ हो इसका निर्णय अंकशास्त्र के माध्यम से जान सकते हैं।
  • आज के नित्य के जनजीवन में विविध वाहन सवारी संयंत्र का प्रगाढ एवं नित्योपयोगी सम्बंध है। हर व्यक्ति हेतु वाहन आवश्यकीय उपकरण विषय सुविधा प्रसाधन का स्वरूप है। जो वाहन आप क्रय करना चाहते हैं उसका अंक- नम्बर तथा रंग आपके लिये धारक श्रीकार शुभ हो इसका निर्णयसमाधान अंकशास्त्रीय व्यवस्था माध्यम नियामक अनुसार आप विदित कर सकते हैं।
  • आपकी जन्म तारीख अंक गणनासूत्रानुसार ‘मूल अंक’ सूचक हैं। इनमें एक से लेकर नौ अंक तक का संख्या विधान है। इसके बाद की अंक संख्याओं को जोड़कर ‘मूल अंक’ निर्णय भी बन जाता है |
  • यथा १ से ९ संख्या तक मूलांक स्पष्ट है तथा ९ अंक उपरान्त यदि १७ जन्म तारीख है तो १+७=८ मूल अंक मान्य होगा तथा जन्म तारीख- मास- वर्ष सन् इन सभी संख्याओं का योग भाग्यांक संज्ञा का भी बनता है।
  • जन्म के मूल अंक अनुसार आपके वाहन का रंग तथा नम्बर क्या हो – समाधान यह कि – मूल अंक १ – जिनका जन्म किसी भी मास की १-१०-१९-२८ तारीख को हुआ है, उनका मूलांक १ मान्य रहेगा। उनके लिये १, २, ४, ७ अंक योग वाले वाहन, भवन शुभश्रीकार, भाग्यशाली तथा ८ अंक योग वाला वाहन शुभसूचक नहीं।
  • सुनहला-पीला-ताम्र तथा गहरा हल्का भूरा अथवा हल्का हरा रंगक्रीमिश सफेद रंग शुभसूचक तथा काला एवं नीला रंग शुभ नहीं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

एक अंक वाले जातक के लक्षण

  • रविवार सोमवार शुभ फलद। जिन जातकों का मूलांक एक १ होता है उनका मन स्थिर रहता है तथा दूरदर्शी बुद्धि वाले, किसी से भी यकायक सम्बंध प्रेम नहीं करने वाले होते हैं।
  • 1 अंक वाले जातक अच्छी तरह सोच-विचारकर ही व्यवहार कायम करते हैं तथा जीवनभर प्रेम का निर्वाह करते गहरी सोच-समझ वाले बनते हैं।
  • एक अंक के प्रेम में शारीरिक सौन्दर्य की अपेक्षा वैचारिक धर्म का अधिक महत्व होता है।

दो अंक वाले जातक के लक्षण

  • मूल अंक २ – जिनका जन्म किसी भी मास की २, ११, २०, २९ तारीख को हुआ है एवं जिनका मूलांक भाग्यांक २ है, उन हेतु १, २, ४, ७ अंक वाले वाहन शुभ तथा ९ अंक वाला वाहन अशुभ।
  • दो अंक वालों के लिए सफेद-क्रीम, अंगूरी-हल्का हरा रंग शुभश्रीकार तथा नीला, काला, लाल गहरा रंग शुभ नहीं।
  • रविवार, सोमवार, शुक्रवार शुभसूचक इस मूलांक २ वाले जातक चंचल, कल्पनाशील, भावुक एवं साहस धैर्यशक्ति की कमी वाले होते हैं।
  • वाहन चलन चालन सदुपयोग का लक्ष्य रखावें । आत्मविश्वास रखावें तथा मद्यपान से दूर रहें। साथ ही कला साहित्य के प्रेमी बनते हैं। भावुक प्रकृतिवश प्रेम प्रीति में अवरोधक स्थिति भी प्राप्त होवे ।

तीन अंक वालों की विशेषताएं

  • जिन लोगों का मूल अंक ३ होता है अर्थात जिनका जन्म किसी भी मास की ३, १२, ३१, ३० तारीख को हुआ है, उन्हे ३, ९ अंक वाले वाहन शुभ तथा ५, ८ वाहन शुभ नहीं होते।
  • इन हेतु विशेषकर पीला रंग अथवा हल्का नीला-काला रंग वाहन शुभ एवं गुरू-शुक्र- मंगलवार शुभश्रीकार तथा प्रकृति से आदर्शवादी, सिद्धान्तशील, अनुशासनप्रिय होते हैं।
  • परस्पर प्रेम व्यवहार सम्पर्क भली प्रकार सोच-समझकर बनाते हैं । स्थायी प्रेम व्यवहार हेतु कुछ व्यवधान भी प्राप्त बने तथा परिणामतः प्रतिफल अनुकूल ही बने

चार अंक वाले लोग

  • मूल अंक ४ – जिनका जन्म किसी मास की ४, १३, २२, ३१ तारीख को हुआ है एवं जिनका मूलांक-भाग्यांक ४ है उनके लिये २, ४, ७ अंक वाले वाहन शुभ होते हैं तथा ८ अंक वाहन अशुभ एवं रवि, सोम, शनिवार शुभधारक रहते हैं।
  • इन हेतु क्रीमिश सफेद रंग तथा धूप छांव समान २ रंगों का समिश्रण यथा सुनहला- टू टोन एवं नीला तथा खाकी भूरा रंग शुभ बनता है।
  • 4 अंक के व्यक्तित्व में आश्चर्यजनक एवं असाधारण कार्य करने की क्षमता होती है। धर्म, जाति, रूढिवाद से हटकर चलने वाले एवं दार्शनिक विचारधारा वाले बनते हैं तथा मौज-शौक में गति मति एवं व्ययशील रहते हैं। इन्हें धन-सम्पदा के संग्रह पर ध्यान रखना चाहिये ।

पांच अंक की खाशियत

  • मूल अंक ५ – जिनका जन्म किसी मास की ५, १४, २३ तारीख का हुआ है उनका मूलांक भाग्यांक ५ संख्या का मान्य है एवं ५ अंक वाला वाहन शुभ रहता है तथा ८, ९ अंक वाला वाहन अशुभ रहता है।
  • 5 अंक वालों को चमकीला रंग, सफेद रंग, हल्का खाकी भूरा रंग शुभ रहता है।
  • बुध, गुरू, शुक्रवार इन हेतु कारक श्रीकार रहते हैं। ये व्यापारिक प्रकृति प्रधान, बोलचाल में कुशल, लेखक एवं अपनी शक्ति से बाहर कल्पनाशील तथा कार्यरत बन पाते हैं।
  • 5 अंक वालों को नियोजित सन्तुलित कार्यरचना शैली पर ही ध्यान रखना चाहिए। किसी कार्य निर्णय में जल्दबाजी एवं आतुरता का स्वरूप कभी भी नहीं रखना चाहिये तथा प्रेम प्रसंग में सावधानी रखें ।

6 अंक वाले जातक

  • मूल अंक ६ – जिनका जन्म किसी मास की ६, १५, २४ तारीख को हुआ है उनका मूलांक भाग्यांक ६ मान्य है। इन हेतु ३, ६ अंक वाले वाहन शुभ श्रीकार तथा ८, ४ अंक योग वाले वाहन शुभ नहीं होते तथा मंगल, गुरू, शुक्रवार विशेषकर शुभ रहते हैं।
  • छह अंक वाले व्यक्तियों हेतु हल्का नीला- आसमानी एवं हल्का गुलाबी रंग तथा भूरा रंग शुभ । एवमेव काला या गहरा लाल रंग अशुभ होता है।
  • 6 अंक वाले ये जातक सौन्दर्य प्रधान गति मति, कला, स्वर, संगीतप्रेमी, वेशभूषा के शौकीन तथा स्वभाव से हठवादी बनते हैं। किसी के विकास उन्नति के प्रारूप को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। जनजीवन, रहन-सहन ऐश्वर्यपूर्ण बनाने में आस्था रखते हैं। आधुनिक युगानुकूल वातावरण में आकर्षित बन पाते है ।

सात अंक का साथ

  • मूल अंक ७- जिनका जन्म किसी मास की ७, १६, २५ तारीख को हुआ उनका मूलांक ७ होता है। इन लोगों को १, ४, ७ अंक वाली हरेक वस्तु लाभ, शुभकारी रहती है। रविवार, सोमवार का दिन शुभसूचक रहते हैं
  • ध्यान रखें सात अंक वालों के लिए ९ अंक योग वाहन, भवन अशुभ रहता है
  • 7 अंक में जन्मे जातक के वाहन का रंग हरा-पीला (लाईट) एवं सफेद श्रीकार रहे। ये जातक परिभ्रमण घूमने-फिरने, यात्रा प्रवास में अभिरूचिशील तथा परिवर्तनस्वरूप के इच्छुक रहते हैं।
  • 7 अंक वालों की कल्पनाशक्ति विशेष रहते प्रचलित परम्परा से अलग नीति नियामक वाले रहते हैं तथापि आकर्षण शक्ति क्षमताशील रहते शारीरिक मानसिक कलात्मक रूप से गति मति वाले रहते हैं।
  • दूसरे व्यक्ति की मन की बात सहज भाव से जान पाते हैं तथा आयात निर्यात कार्य से लाभशील रह पाते हैं।

आठ अंक वाले जातक खाट पर न पड़े रहें

  • 8 अंक वालों के लिए आलस्य, सुस्ती, झूठ बोलना आदि कर्म धन की हानि करते हैं।
  • मूल अंक ८ जिनका जन्म किसी मास की ८, १७, २६ तारीख को हुआ है उनका मूलांक- भाग्यांक ८ है।
  • आठ अंक वालों के लिए ८ अंक योग वाले वाहन शुभ रहते हैं तथा ४ अंक योग वाले वाहन भाग्यशाली या धारक नहीं होते हैं तथा इनके वाहन हेतु नीला-काला-भूरा तथा स्लेटी आदि गहरे रंग शुभश्रीकार एवं हल्के रंग के वाहन शुभ नहीं रहता।
  • विशेषकर शनिवार शुभ एवं रवि-सोमवार भी धारक बनते हैं। ये जातक अपने कार्य में दक्ष, स्वार्थशील, गंभीर एवं उदासीन गति मति वाले रहते हैं।
  • प्रेम व्यवहार में न्यूनता एवं अकेलापन, सादगीपूर्ण जीवनक्रम में आस्था रखते हैं। अपने मित्र वर्ग से इच्छित वस्तु की कामना अपेक्षा विशेष वाले होते हैं । अत: स्थिर प्रेम व्यबहार में न्यूनता बनना भी सहज समझें।

9 अंक वालों की नम्रता

  • मूल अंक ९ – जिनका जन्म किसी महीने की ९, १८, २७ तारीख को हुआ हो, उनका मूलांक-भाग्यांक ९ बनता है । मंगल, गुरू, शुक्रवार शुभ बनते हैं।
  • नौ अंक वाले जातक के लिए ३, ९ अंक योग वाले वाहन शुभ तथा ५, ७ अंक योग वाले वाहन धारक नहीं रहते हैं। इन हेतु
  • इनके वाहन का रंग गुलाबी तथा गहरे लाल रंग का श्रीकार शुभ रहता है।

9 अंक वालों की विशेषता

  • इस तारीख भाग्यांक में उत्पन्न जातक साहसी प्रकृति, उग्र स्वभाव, स्पष्टवादी एवं आक्रामक नीति-रीति के होते हैं। तथापि यदि ये स्वभाव पर संयम बनावें तो भावी जीवनपथ शुभसूचक बन पावे।
  • जनजीवन पथ संघर्षशील तथा विरोधाभासी वर्ग प्राय: बने तथा वाहन चलन चालन सदुपयोग पर विशेष ध्यान रखें एवं स्त्री पक्ष से व्यवहार सावधानी सर्वदा रखना योग्य रहे ।

अंक समाधान संकेत 

  • किसी का जन्म २९.१२.१८८८ का बना है तो तारीख २९ = २+९ अर्थात् ११=१+१=२ तारीख का अंक । मास दिसम्बर १२=१+२=३ का मास अंक । सन् १८८८=१+८+८+८=२५, २+५ अर्थात् ७ । इस प्रकार २ तारीख ३ मास अंक + ७ सन् अंक एवं २+३+७=१२ अर्थात् १+२=३ तीन संख्या का भाग्यांक संयुक्तांक मान्य होगा।

किस नक्षत्र में खरीदे वाहन

  • मुहूर्त्त- परिजात ज्योतिष ग्रंथ के अनुसार वाहन क्रय एवं शुभारंभ मुहूर्त्त मान्य नक्षत्र – अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वांति, अनुराधा, ज्येष्ठा, अभिजित्, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, रेवती।
  • विशेष सूत्र – भद्रा, दुष्टयोग, निर्बल सूर्य, १४ रिक्का तिथि मंगलवार तथा ४८ १२ वाँ चन्द्र एवं घात राशि।

नवीन वाहन का पूजन

  • नई गाड़ी को भागशाली बनाने के लिए कुछ उपाय आपके जीवन में बरक्कत करेंगे। अतः कभी भी अपने नए वाहन का पूजन किसी मंदिर न करवाएं।
  • वाहन खरीदकर सबसे पहले घर पर लाकर उस पर पितरों का स्मरण कराकर गंगाजल छिड़कें और गाड़ी के आगे 5 दीपक देशी घी के और वहां के चारो तरफ 5 दीपक सरसों के तेल के जलाकर दसों दिशाओं में थोड़ी थोड़ी राई फेंके।
  • वाहन को स्टार्ट कर चारों टायर के नीचे एक एक नींबू रखकर उसके ऊपर से गाड़ी निकाल देवें।
  • फिर, घर की किसी स्त्री द्वारा वाहन पर चंदन या सिंदूर से ।।ॐ।। लिखें। स्टीयरिंग, ब्रेक आदि पर कलावा बांधे। पुनः गंगाजल छिड़के।
  • गाड़ी में बेथाकार एक या दो कन्याओं को कुछ सफेद मीठा खिलाएं, दक्षिणा देवें।
  • ध्यान रखें वाहन शक्ति का प्रतीक होता है। इसलिए गाड़ी की पूजा किसी पंडित से न कराकर मां, पत्नी, बहिन, ताई या परिवार की किसी महिला से ही कराएं।
  • यह जानकारी बहुत संक्षिप्त रूप से दी जा रही है। ज्यादा जानकारी के लिए कमेंट्स करें।

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