वहां का कश्मीर ,भारत के कश्मीर से ज्यादा खूबसूरत है , वहां हिंगलाज मंदिर है। वो हिन्दुओ के 51 शक्ति पीठों में से एक है । जहाँ सती माता का सर काट के गिरा था। वहीँ पर वेदों की रचना हुई थी। जिसे सप्तसैंधव प्रदेश कहते है। वहां सात नदियां थी।
1 सिंधु
2 सरस्वती
3 वितस्ता (झेलम)
4 अस्किनी (चेनाब)
5 पुरुष्णी (रावी/ इरावदी)
6 शतुद्री (सतलज)
7 विपासा (व्यास)
वो सब पाकिस्तान में ही है।
ऋग्वेद में बहुत सी नदियों का उल्लेख है जिसमें से मुख्य नदियां ये भी हैं जो आजादी के बाद पाकिस्तान चली गयी।
क्रुमु (कुरुम),
गोमती (गोमल),
कुभा (काबुल)
सुवास्तु (स्वात)
वितास्ता (झेलम)
आस्किनी(चेनाब)
परुष्णी (रावी),
शतुद्र (सतलज),
विपासा (व्यास)
राजा रणजीत सिंह के टाइम में जो की अंग्रेजो के टाइम में थे तो भारत के अंडर पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान सब भारत के ही अंग थे –
बलूचिस्तान के काळात (कलात) में काली माता का वो प्राचीन मंदिर है जो मुस्लिम धर्म से भी पहले का है। काळात (कलात) को बहुत पवित्र माना जाता है। अहिरावण राम और लक्ष्मण जी को यहीं बलि देने के लिए लाया था। आप लोग हनुमान जी के बेटे को मकरध्वज बोलते हैं मगर उसका असली नाम मकरंद था। उसी के नाम पे मकरान एरिया का नाम पड़ा। जो एरिया ईरान और बलूचिस्तान को मिला कर बना है। वहां बहुत काम हिन्दू हैं जो अभी तक बलूची बोलते हैं। यानि बलूची मूल के हैं।
बाल्मीकि जी वहीँ के थे आज भी उन के ट्राइब के लोग वहां हिन्दू धर्म का पालन कर रहे हैं पर वो एक या दो प्रतिशत ही हैं । तक्षशिला यूनिवर्सिटी जिस में चाणक्य पढ़ाया करता था वो पाकिस्तान में ही है।चरक , पाणिनि और चाणक्य तीनो तक्षशिला से पढ़े है। हलाकि चाणक्य मगध से बिलोंग रखते थे। सेंधा नमक का पहाड़ पाकिस्तान में ही है।
वहां काफिर कलश लोग रहते है। जो हिन्दू धर्म और सिकंदर का मिक्स धर्म अपनाते है। ये लोग काफी खूबसूरत होते हैं।
वहां हिन्दू पख्तून यानि हिन्दू ओरिजिनल पठान लोग रहते है जो 10000 लोग अब बचे हैं। जो पश्तो भाषा बोलते है। हलाकि गुजरात में भी हिन्दू पठान की फॅमिली है। लेकिन पठान और पख्तून लोग पहले हिन्दू थे पर अब जो पठान हिन्दू हैं वो लोग बहुत कम होते जा रहे हैं। उसी तरह जैसे बांग्लादेश में बंगाली हिन्दू लोग कम हो रहे है। पर ओरिजनली जो पख्तून हिन्दू हैं वो अभी अपनी संस्कृति को बचा रखा है।
वहां कटास राज मंदिर है उस का पानी नहीं सूखता है। कहा जाता है की वो महादेव शंकर जी के आंसू से बना है। मुल्तान में सूर्य मंदिर है जिसके बड़े में कहा जाता है की कृष्णा भगवन का बेटा शाम्ब ने बनाया था। वहां का गिलगित बाल्टिस्तान बहुत खूबसूरत है। मोहन जोदरो और हररप्पा की सभ्यता पाकिस्तान में है। संग्रीला झील कलश घाटी सब बहुत खूबसूरत डेस्टिनेशन है।
पांच नदियों का देश पंजाब पूरा का पूरा वहां चला गया यहाँ तो छोटा सा भाग है। असली पंजाब जहाँ पे पांच नदी है वो पाकिस्तान में ही तो है।
कुछ वहां का चित्र डाल रहा हूँ।
ये ट्रांस हिमालय की श्रृंखला है जो पाकिस्तान में हैं
उप्पर कचूरा झील
नीलम घाटी
नीलम घाटी के गांव
बाप्पा रावल के नाम पे रावल झील
पाक अधिकृत कश्मीर
पाक अधिकृत कश्मीर में चिट्टा-कथा झील
चेरी के पेड़ो के साथ हुंजा घाटी का दृश्य।
हुंजा घाटी में एप्रीकॉट यानि खुबानी के पेड़।
गिलगित बलिस्तान का एक दृश्य।
काफिर कलश घाटी यहाँ काफिर कलश लोग रहते हैं
स्वाट घाटी
नंगा पर्वत
गिलगित बलिस्तान का रोड
गिलगित बलिस्तान
रावलकोट
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