प्रेम और अफीम का नशा एक बराबर ही समझो।
लेकिन प्यार का नशा एक बार चढ़ जाए, तो कभी नहीं उतरता।
मुझे नशा है, तुझे याद करने का और मैं ये नशा सरेआम करता हूँ।
आजकल का प्यार भाग्य में तो है, लेकिन इसमें त्याग नही है।
आशिकों का केवल नाग फन फैलाये खड़ा है।
लड़की से एक बार फाग खेलने के बाद सब नाग अपनी बांबी में चले जाते हैं।
लड़कियों पर दाग लगाने का काम आज का प्यार है।
प्यार को त्योहार मानने वाले प्रेमी का जीवन बर्बाद भी हो सकता है।
याद करते करते प्रेमी के दिमाग में दाद पैदा हो जाती है।
ये कलयुगी आशिक बिना खोया खाये, खोए-खोए रहते हैं।
यह नशा ज्यादा ठीक नहीं है।
मयकदे बन्द कर दे लाख जमाने वाले,
शहर में कम नहीं आंखों से पिलाने वाले।।
लड़कों की बस, जरा आंख मिली कि उनका ध्यान सीधे फांक पर जाता है।
इसी को आज की पीढ़ी प्यार मान बैठी है।
जबकि अफीम का नशा एक निश्चित समय के बाद उतर जाता है।
आयुर्वेद ग्रन्थों में अफीम को अहिफेन भी कहते हैं।
कन्नड़ में आफीन, बंगाल में आफीम, मराठी में अफु कहा गया है।
ओपियम (Opium) ये अंग्रेजी नाम है। यह मदकारी पदार्थ है।
अफीम को अहिफेन इसलिए भी कहते हैं क्यों कि अहि का अर्थ है
नाग अर्थात अफीम खाने के बाद व्यक्ति के मुहँ से नाग की तरह फेन निकलने लगता है।
अफीम खाने वाले कि पत्नी खुद को विधवा मानकर चलती है। एक गन्दी कहावत है कि-
चरसी की तरसी, अफीमची की राढ़।
पाइन वाले कि पत्नी कहती है,
आता होगा मेरा साढ़।
मतलब यही है कि चरस पीने वाले की घरवाली महीनों सेक्स के लिए तरस जाती है।
क्योंकि चरस से मर्द का सारा रस यानि वीर्य सूखने लगता है, जिससे वह नपुंसक हो जाता है।
अफीमची की राढ़ का अर्थ है कि जिस औरत का पति अफीम का नशा करता है, उसकी बीबी पति को मरा हुआ मानती है।
पता नहीं वह घर लौटेगा या नहीं।
शराबी की मेहरिया को पूर्ण भरोसा रहता है कि पीकर घर ही आएगा और रात को लगाएगा भी।
शराबी की पत्नी सेक्स के मामले में बहुत संतुष्ट रहती है।
क्योंकि दारू पीने वाला मर्द बिना सेक्स के रह नहीं सकता और हमेशा साढ़ की तरह सम्भोग करता है।
कभी कभी इन दरूओं की बीबियां इनके सेक्स से दुखी भी हो जाती हैं।
अफीम के फायदे नुकसान इस पुरानी किताब के चित्र में देखें…
आयुर्वेद में दस्त बन्द करने वाली सभी दवाओं में अफीम का मिश्रण होता है।
कर्पूर रस अहिफेन युक्त अफीम से बनने वाली दवा है।
सेक्स के कुछ उत्पाद भी अफीम युक्त होते हैं,
परन्तु इनसे तत्कालिक लाभ ही मिलता है।
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