अमृतम दालचीनी के 15 खास फायदे…

दालचीनी के सेवन से होते हैं…. 15-पन्द्रह तरह के फायदे…..

आयुर्वेदिक ग्रन्थ भावप्रकाश निघण्टु के

अनुसार लौंग के बाद दालचीनी सबसे

कारगर एंटीऑक्‍सीडेंट है।

दूध में दालचीनी डालकर पियें, तो होते

यह इम्युनिटी बूस्टर है।

दालचीनी वृक्ष 18 मीटर ऊंचाई लिए होता है।

लौरालेसी कुल में उत्पन्न दालचीनी की छाल

को काम में लेते हैं, जो अत्यन्त खुशबुयुक्त

होती है। मसालों की रानी के रूप में प्रसिद्ध इसका संस्‍कृत नाम त्‍वाक है। वानस्‍पतिक नाम- सिन्‍नेमोमम वेरम/ सिन्‍नेमोमम जाइलैनिकम है, इसे सिनामन, दालचीनी कहा गया है।

【1】 पाचनतन्त्र यानि मेटाबोलिज्म को ठीक करने विशेष उपयोगी।

【2】दालचीनी पाचन क्रिया सुधारे।

【3】ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए

【4】अच्छी नींद लाने के लिए लाभकारी …

【5】बालों को खूबसूरत बनाये, चमकाए।

【6】 त्वचा रोग नाशक, रक्तशोधक।

【7】 दालचीनी, एंटीमाइक्रोबियल भी होती है, जिससे दातों में सड़न और सांस में बदबू नहीं आती है।

【8】ह्रदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है।

【9】रक्त को पतला करने में सहायक है।

【10】दालचीनी, लेमनग्रास, मुलेठी मिलाकर चाय बनाकर पीने से मोटापा, चर्बी कम होती है।

【11】सर्दी-खांसी, जुकाम, जोड़ों का दर्द, थायराइड, आदि विकारों में उपयोग करते हैं।

【12】दालचीनी, शुण्ठी, जीरा और इलायची सभी सम मात्रा में मिलाकर इसका काढ़ा 7 दिन लें, तो अपचन, उदररोग, पेटदर्द, अम्लपित्त और छाती में जलन आदि समस्या दूर होती हैं।

【13】दालचीनी में पाया जाने वाला cinnamaldehyde यौगिक हर प्रकार के संक्रमण, वायरस से बचाव में मददगार है।

【14】दालचीनी का सेवन बैक्टीरिया रोकने में कारगर है।

【15】अस्थियां/हड्डिया मजबूत करती है।

दालचीनी का उपयोग आयुर्वेद की लगभग 397

दवाओं में किया जाता है। अमृतम च्यवनप्राश,

आयुष की क्वाथ, कफ की क्वाथ आदि ओषधियाँ

दालचीनी मिलाकर बनाई जाती हैं।

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