क्या कोरोना संक्रमण के पश्चात आपके बाल झड़ने की समस्या विकराल रूप से बढ़ी है।
कौनसी हैं वे ग्यारह वजह!
जाने रोगनाशक, राहतकारी बीमारी का उपचार…
इस महामारी में बालों की भी बीमारी दिनोदिन फैल रही है।
कोविड के बाद बाल झड़ने-टूटने, रूसी-खोंची, डेन्ड्रफ, दोमुंहे केश, केशझड़न, खालित्य-पालित्य,
गंजापन, रूखे-रंगहीन बालों की समस्या से क्या आप परेशान या चिंतित हैं?….
ऐसा क्यों है और इस परेशानी से बच सकते हैं, जानिए-
कोविड या कोरोना काल में सबका सवाल यही है कि क्या इससे बाल की खाल खराब हो सकती है?
कोरोना रोगियों में एक दुष्प्रभाव अथवा साइड इफ़ेक्ट देखने में आ रहा है।
दूसरे कोविड संक्रमण काल में मरीजों में केशनाश कई समस्या सामने आ रही है।
महामारी के दौरान संक्रमण तो फैला ही बना रहा है डर और तनाव।
लगातार बीमारी के बारे में सोचना तथा अवसाद यानी डिप्रेशन में रहने की वजह से अनेक प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक समस्यायें देखने को मिली।
इन्हीं में से एक है-बालों का लगातार अधिक मात्रा में झड़ना और गुच्छों के रूप में टूटना।
कोविड के कारण बाल झड़ने की दिक्कतें सर्वाधिक महिलाओं में ज्यादा बढ़ रही हैं।
अधिक रसायनिक अंग्रेजी दवाओं के सेवन से पूरा पाचनतंत्र अव्यवस्थित हो गया है।
असंख्य स्त्री-पुरुषों को कोविड की मेडिसिन सेवन करने, वैक्सीन लगवाने के बाद केशरोग की तकलीफ बढ़ी है।
महिलाओं में पीसीओडी विकार भी केशझडन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भविष्य में हेयर की केयर वही महिलाएं कर पाएँगी, जिनकी खोपड़ी की लेयर मजबूत होगी।
यह फेयर बात जिसकी बुद्धि में होगी, केश उनके ही लम्बे-काले-निराले एवं खूबसूरत होंगे।
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11 बड़ी वजह बालों के विनाश की….
¶~ ऑक्सीजन की कमी इसका पहला कारण है।
¶~ दूसरी वजह अत्यधिक अंग्रेजी दवाओं का सेवन।
¶~ तीसरी वजह तनाव, जिससे तन की नाव डूब रही है।
¶~ चौथा है- भविष्य, रोजगार व बच्चों की चिंता।
¶~ पांचवा कारण-प्राकृतिक नियम-धर्म का त्याग।
¶~ छठा है- तुरन्त फायदे की आस।
¶~ सातवां है- भोजन में विटामिन, प्रोटीन की कमी।
¶~ आठवां- कभी भी कुछ भी बेहिसाब खाना।
¶~ नवां-व्यायाम, अभ्यङ्ग, कसरत का परित्याग।
¶~ दशवा- बिना नहाए ही नाश्ता, भोजन लेना।
¶~ ग्यारवा- आलस्य, चिन्ता, मतिभ्रम, अविश्वास।
अमूमन पुराने बाल झड़ना, नये आना। यह एक चक्र है।
लगभग 100 बाल रोज टूटते या झड़ते हैं। लेकिन इससे अधिक बल झड़ें, तो खतरा है।
वैसे भी ज्यादा सोचने से बाल जल्दी झड़ने-टूटने लगते हैं।
वर्तमान में कोरोना का रोना घर-घर का किस्सा है।
कोविड के भय ने सबका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।
कोरोना काल के बाद तेजी से बाल झड़ने-टूटने की बीमारी ने विकराल रूप ले लिया है।
अतः अंग्रेजी-रसायनिक दवाइयों से बचें…
अंग्रेजी दवा का असर एक निश्चित समय तक रहकर किसी भी भी बीमारी को कुछ समय तक ठीक रखता है।
फिर, इसके दुष्परिणाम खतरनाक आते हैं।
आजकल 28-30 की आयु से आरम्भ हो रही है-बाल झड़ने-टूटने तथा गंजेपन की समस्या…
केश झड़न या बाल के अकाल का यह विकराल रूप कभी 40 की उम्र के बाद शुरू होता था, जो अब 20 से 25 की आयु में आने लगा है।
अब कम उम्र में ही बाल…हलाल होने लगे हैं। बाल से गाल का सम्मान बना रहता है।
सवाल यही है कि बाल जाते ही जल्दी बुढापा झलकने लगता है।
अतः बाल का इलाज अस्तपाल या ख्याल से नहीं अपितु सजगता, मेहनत से हर हाल में सम्भव है।
नारी और बीमारी में समानता….
यह कि दोनों ही जिद्दी होती हैं। यह शनै-शनै तन-मन पर कब्जा करती जाती हैं।
छुट-मुट रोग होने पर हम जो बार-बार दवा खाते हैं,
इससे शरीर दवाओं के अधीन होकर हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता यानि इम्युनिटी को खत्म कर असंख्य रोग देने लगता है।
ऐसे ही परनारी से क्षणिक नैन-मटक्का में उलझकर घर में भी बीमारी पाल लेते है।
नारी को पता लगते ही वह फिर हथ्यारी होकर प्यार की खुमारी निकाल देती है।
बालों के कारण हमारी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।
बाल का कमाल है कि हम सदा सुन्दर, युवा और आकर्षक दिखते हैं।
बाल से कंगाल व्यक्ति हमेशा अपने-आपको कोसता रहता है।
बाल के मायाजाल से हम भ्रमित होकर किसी के प्रेमपाश में उलझ जाते हैं।
फिर, कहते हैं —
कुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जाना।
कब तक कोई उलझी हुई ज़ुल्फ़ों को सँवारे।।
कहीं-कहीं इस लेख में व्यंग का समावेश किया गया है।
क्या गंजापन (खालित्य) मिटाया जा सकता है?…
यह यक्ष प्रश्न सबके सन्न या विचारों में चलता रहता है।
अगर बाल एक-दो साल में ही झड़े हैं, तो प्राकृतिक चिकित्सा या आयुर्वेदिक औषधियों के उपयोग से पुनः उगाए जा सकते हैं।
परन्तु बालों में खालित्य-पालित्य रोग लग गया है, तब नये बाल उगाना मुश्किल होता है।
आयुर्वेद एक तरह की दुआ है, जो वर्षों तक कृपा बनाये रखती है। अतः दवा छोड़कर दुआ के साथ चलें।
आयुर्वेद अतीत और भविष्य के मध्य ईश्वर का दिया हुआ वर्तमान का उपहार है।
यह प्राचीन-वर्तमान के साथ भविष्य का भी विज्ञान है।
दरअसल आयुर्वेद चिकित्सा के साथ-साथ जीवन पध्दति है।
यह देह के सिस्टम अर्थात शरीर की कार्यप्रणाली को ठीक करता है, ताकि कोई भी बीमारी तन में पनपे ही नहीं।
आयुर्वेद औषधियों की विशेषता यह भी है इसे बिना बीमारी के भी लिया जा सकता है।
जैसे-अमृतम च्यवनप्राश, अमृतम गोल्ड माल्ट, मधु पंचामृत, कुन्तल केयर हर्बल माल्ट (केशरोग नाशक इत्यादि।)
बड़े विश्वास से विश्व आयुर्वेद की तरफ देख रहा–
पूरी दुनिया के लोग अब एलोपेथिक चिकित्सा से ऊब चुके हैं।
अंग्रेजी दवाओं के दुष्प्रभावों ने अनेक नई बीमारियों को जन्म दिया है।
अब भविष्य की चिकित्सा एलोपेथी से नहीं, अमृतम आयुर्वेद पर निर्भर होगी।
आयुर्वेद का लाखों साल पुराना च्यवनप्राश, अमृतम त्रिफला चूर्ण के आज तक कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं आये और ना ही इसे कभी बन्द करना या बदलना पड़ा।
बाल का अकाल होने, झड़ने-टूटने का कारण…
पहले बाल झड़ने-टूटने की वजह अनुवांशिक बताते थे।
आज भी एक कारण यह भी हो सकता है।
लोग धड़ल्ले से अंग्रेजी दवा खाकर कुछ दिन, तो राहत महसूस करते हैं
फिर, कुछ समय बाद इनके अनेकों साइड इफ़ेक्ट होकर शरीर में विशाल विकार पनपने लगते हैं।
बाल झड़ने-टूटने या केशरोग के अन्य वजह…
बालों में लंबे समय तक रूसी/फ्यास/डेन्ड्रफ का बने रहना।
यह बालों में लगातार दही लगाने से होता है।
नीबू के रस का एसिड बालों की जड़ों को कमजोर बनाता है।
लेकिन लोग फायदे के चक्कर में कुछ भी बिना सोचे-समझे, जाने बिना इसका इस्तेमाल करते हैं।
आयुर्वेद के पुराने ग्रन्थ द्रव्यगुण विज्ञान, आयुर्वेद सहिंता,
भावप्रकाश आदि में दही, नीबू का प्रयोग बालों के लिए वर्जित बताया है।
जल्दी फ़ायदे पाने के लिए भी पीडितजन रसायनिक उत्पादों का उपयोग कर बाद में पछताते हैं।
खारा पानी-खारी वाणी भी हानिप्रद…
गुच्छों के रूप में बाल टूटने का एक कारण खारा पानी भी है।
बोरिंग का भरा हुआ, टँकी का जल बालों के लिए भयंकर नुकसानदेह होता है।
अमृतम ने खारे पानी से बाल धोने हेतु भृङ्गराज हेयर थेरेपी बनाया है।
न खुदा ही मिले, न बिसाले सनम….
जीवन की भागदौड़ से सबकी दिनचर्या बदल रही है।
तनाव के बिना किसी की नाव यानि गृहस्थी नहीं चल पा रही।
मानसिक क्लेश इतने हैं कि आदमी का दिमाग उलझनों से भरा पड़ा है।
मस्तिष्क खाली नहीं होने से खोपड़ी की खाल सिकुड़ने लगती है।
इसका दुष्प्रभाव गाल पर भी पड़ता है।
हेयर-केयर, केशवर्धक 20 चमत्कारी उपाय …
बाल से हरेक को बल मिलता है। बाल कम होने से बल-विश्वास भी डगमगाने लगता है।
खुद में भरोसे की कमी से चाल-ढाल ढ़ीली हो जाती है। इन सब परेशानियों से माल अर्थात पैसे की आवक रुक जाती है।
हिंदी शब्दकोश में माल के कई अर्थ लिखे हैं। माल का मतलब है-धन, आकर्षण, शक्ति, सामान, बल-वीर्य।
माल स्त्रीरज को भी कहा जाता है, जिससे महिलाओं में कामभावना बनी रहकर मासिक धर्म समय पर खुलकर आता है
और गजब की खूबसूरती बनी रहती है।
पीसीओडी जैसी समस्याओं का अंत हो जाता है। दाल खाकर दिन में भागना एवं रात में जागना यह सब हानिप्रद है।
हरेक का हाल यह है कि उधेड़बुन में लगा रहकर मकड़ी के जाल में फंस रहा है।
जीवनकाल क्या है?.. किसी को ज्ञान नहीं है। हम स्वयं ही बेहाल होकर जी रहे हैं, तो महाकाल भी हमारी कब तक सुरक्षा करेगा।
आधुनिकता की होड़ से प्रभावित भौतिकता की ताल में ताल मिलाकर चलने से लोग….रोग से ग्रसित हो रहे हैं।
युवा जनजाति की हालत यह है कि न समय पर जागना, न स्नान, न ध्यान, न खुद की मन पर कमान, न कोई पहचान एवं 24 घण्टे परेशान रहने जैसी प्रवृत्ति बन चुकी है।
नई पीढ़ी केवल मेरी महबूबा, मेरी जान और सिगरेट-पान, झूठी शान के अलावा किसी मेहमान का सम्मान नहीं कर पा रही।
गन्दे चलचित्र ने युवाओं के चित्र-चरित्र खराब करके विचित्र हालात पैदा कर दिए हैं।
मात्र इत्र के भरोसे खुशबू फैलाकर आजकल के बच्चे काम चला रहे हैं।
फिजिकल का फिजिक्स फॉरवर्ड करें…
तन्दरुस्त रहने के लिए एक दूसरे को मेहनत, परिश्रम, दौड़ने के लिए प्रेरित करें।
बाल झड़ने के साथ-साथ अन्य अनेक व्याधियों की एक बड़ी वजह शारीरिक व्यायाम यानि फिजिकली एक्टिविटी न करना भी है।
बहुत से लोग सालों तक अभ्यङ्ग नहीं करते, जबकि सिर से पैर तक कि मालिश शरीर के लिए नितांत जरूरी है।
खाने-पखाने को भी आने-जाने देंवें…
सही खाना – सही समय लिया जाए, तो पखाना भी साफ उतरता है।
कभी भी, कुछ भी खाएं और जाएं नहीं, तो उदर में बीमारियों का जमावड़ा होने लगता है।
अब जमाना मात्र स्वादिष्ट भोजन का है। इनमें विटामिन्स, न्यूट्रिशन का भारी कमी है।
बाल के लिए यह एक प्रकार से काल है।
पक्का, निश्चित, विश्वसनीय उपाय क्या है?…
सबसे पहले अपने आपको सुरक्षित-स्वस्थ्य-तन्दरुस्त रखने के लिए आयुर्वेद की कुछ प्राचीन पुस्तकों का संग्रह अपने घर पर करें।
आयुर्वेद की ये कुछ किताबें आपकी दिनचर्या, रहन-सहन, सोच में बदलाव लाने के साथ-साथ यह भी बताएंगी की किस वस्तु का उपयोग या प्रयोग कब-कैसे करना हितकारी होगा।
चीजों के फायदे-नुकसान की जानकारी आपको भी होगी, तो भटकेंगे नहीं और दूसरों की भी मदद कर सकेंगे।
यह सोचकर कि-
सूरज न बन पाओ, तो बनकर दीपक जलता चल।
बड़े-बुजुर्ग कहते थे- छोटे-छोटे सहयोग भाग्य के योग बना रोग मिटाते हैं।
आप इन ग्रन्थों को मंगवाकर अध्ययन करते रहें-
■ भावप्रकाश निघण्टु हिंदी
■ द्रव्यगुण विज्ञान हिंदी
■ अमृतम लाइफ स्टाइल बुक अंग्रेजी में
इसमें हरेक ओषधि, मसाले, फल, जड़ीबूटियों की विस्तार से जानकारी दी गई है।
गुग्गल आदि मीडिया पर पड़ी जानकारियां बहुत ही ज्यादा मनगढ़ंत है।
इससे लोगों को बहुत ज्यादा हानि हो रही है।
अमृतम द्वारा प्रकाशित आयुर्वेद लाइफ स्टाइल बुक भी आपको स्वस्थ्य-सुंदर बनाए रखने में मदद करेगी।
बालो को कैसे बचाएं! जाने- 20 पुराने प्राकृतिक घरेलू प्राचीन उपाय…पढ़ें इस ब्लॉग में…..
【१】20 ग्राम पिसी कलौंजी, 10 ग्राम अलसी, 5 ग्राम मेथीदाना,
रोहिष घांस 3 ग्राम एवं एक कच्ची प्याज कूटकर 200 मिलीलीटर पानी में 50 ml रहने तक उबालें।
इस काढ़े को बालों में लगाकर एक घण्टे तक सूखने के बाद सादे जल में 2 से 3 ग्राम सेंधानमक, एक ग्राम हल्दी मिलाकर धोएं।
कुछ दिनों तक धोने से बाल झडना बंद हो जाते हैं तथा बाल घने भी होना शुरु हो जाते हैं।
आयुर्वेद चंद्रोदय ग्रन्थ में एक प्राचीन केश धोवन योग का वर्णन है।
इसका प्रयोग अमृतम परिवार ने स्वयं किया है। यह अत्यन्त कारगर योग है।
बालों का झड़ना हो कम, टूटना करे खत्म…
【२】कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा हेम्पयुक्त
अमृतम कुन्तल केयर में आँवला युक्त त्रिफला का मिश्रण/उपस्थित होने से..
विटामिन “सी” (C) बालों को झड़ने से रोकता है और बालों को रफ व रूखा होने बचाता है।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर SPA HEMP में मिलाया गया गुड़हल पुष्प, रोहिष घांस, बालछड़, शिकाकाई, भृङ्गराज, ब्राह्मी आदि..
जड़ीबूटियां लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करती हैं, जिससे ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा सिर तक पहुंच पाती है..
और बालों के बढ़ने की गति में वृद्धि होती है जिससे बाल लम्बे काले होने लगते हैं एवं बालों का झड़ना, टूटना बन्द होता है।
बाल लम्बे होंगे, तभी कोई शायर कह पायेगा कि –
कम से कम अपने बाल, तो बाँध लिया करो।
कमबख्त बेवजह मूड बदल दिया करते हैं।।
बालों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए…
【३】 कुन्तल केयर हर्बल माल्ट
यह बालों के लिए बहुत ही अदभुत आयुर्वेदिक औषधि से निर्मित अवलेह है।
इसमें मिला हुआ आँवला मुरब्बा एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करता है।
यह शरीर की मृत पड़ी सुक्षम नाडियों को जीवित करने में सहायता करता है।
जटामांसी मस्तिष्क को आराम एवं राहत देने में कारगर है।
गुलकन्द दिमाग को ठंडा रखती है। अभ्रक शतपुटी बालों को सफेद होने से रोकती है।
कुन्तल केयर माल्ट पूर्णतः विटामिन्स तथा प्रोटीनयुक्त एक हर्बल सप्लीमेंट है।
इसका 1 माह तक सेवन इसलिए आवश्यक है, ताकि पेट की अंदरूनी समस्याओं से मुक्ति मिल सके।
【४】 अंकुरित अन्न तथा भोजन सदैव सही समय पर चबा-चबाकर संतुलित तथा पौष्टिक करना चाहिए।
【५】 साथ ही केश रोग को ठीक करने के लिए सप्ताह में एक बार सलाद, सब्जी, फलों का सेवन, जूस तथा आंवला मुरब्बा केवल सुबह के वक्त जरूर लेना चाहिए।
【६】पालित्य रोग से पीड़ित को पालक व गाजर का रस केवल सर्दी के मौसम में 10 से 15 मिलीलीटर तक सुबह खाली पेट लेने से बाल झड़ना बहुत जल्द ही रुक जाते हैं।
【७】अगर बाल गुच्छों के रूप में टूट रहे हों तो सूखे बालों में कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल
उंगुलियों से रात को सोने से पहले नित्य पांच से 15 मिनट तक बालों की जड़ों में लगाकर हल्के हाथ से सिर की मालिश करनी चाहिए।
ऐसा कुछ दिनों तक करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं।
【८】सुबह अमृतम भृङ्गराज हेयर थेरेपी से बाल धोएं, तो केशविकारों का अंत …तुरन्त होने लगता है-
【९】गंजापन मिटायें…
खालित्य अर्थात गंजपन मिटाने के लिए छोटी बेरी के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर लगाने से बाल दुबारा उगने लगते हैं।
【१०】 रूसी/फ्यास/डेन्ड्रफ मिटायें…
¶~ ताजे धनिये का रस, तुरई, लोंकी रस सभी 20–20 ML को 20 ग्राम अलसी में 24 घण्टे भिगोकर रखें!
फिर इसका रस निकालकर बालों की जड़ों में लगाने से डेन्ड्रफ साफ होकर बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
¶~ 50 ml त्रिफला काढ़े 3–3 ग्राम लांग, इलायची, कालीमिर्च का पॉवडर मिलाकर भी बालों में लगाने से डेन्ड्रफ हमेशा के लिए मिट जाता है।
दोनों योग कारगर हैं।
(द्रव्यगुण विज्ञान आयुर्वेदिक ग्रन्थ)
【११】सिर में जिस जगह से बाल झड़ गये हैं उस जगह पर प्याज तथा रोहिष घांस का रस मिलाकर अथवा अमृतम ओनियन ऑयल लगाने से बाल दुबारा से उग आते हैं।
रूखा-भूरापन मिटाकर बालों को चमकाए…
【१२】गाजर को पीसकर इसमें हेम्प ऑयल 5 ml एवं अमृतम एलोवेरा मिलाकर लेप बना लें।
फिर इस लेप को सिर पर लगाये और दो घंटे के बाद धो दें।
ऐसा प्रतिदिन करने से बालों का रूखापन मिट जाता है।
【१३】बालों को लम्बा करने के लिए….
रात को सोते समय 25 ml नारियल के तेल में नींबू का रस, धनिये का रस, प्याज का रस,
लोंकी का रस 3–3ml सबको मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए।
【१४】सुंदरता बढ़ाने का उपाय…
भोजन पश्चात सिर को उंगलियों से प्यार से केशों को सहलाने खुजलाने एवं लगभग पांच मिनट के लिए..
दोनों हाथों की उंगुलियों के नाखूनों को आपस में रगड़ने से बालों में गजब की सुंदरता बढ़ने लगती है।
【१५】माथे के अग्रभाग हिस्से के बाल झड़ गए हों, तो ये करें घरेलू उपाय…
∆ 100 ml प्याज के रस में 5 ग्राम नागकेशर, कालीमिर्च, लौंग, इलायची तीनों 2–2 ग्राम 100 ml तिली के तेल में मिलाकर ..
मंडी आंच में जब तक उबाले, तब तक रस का मिश्रण न हो जाये। तेल बनने के बाद छानकर मस्तिष्क के केशरहित आगे वाले..
हिस्से पर दिन भर में 5 से 7 बार 4 से 5 बून्द लगाकर मर्दन करें।
∆ रोजाना रात को सोते समय 10 से पंद्रह मिनट तक अपनी उंगलियों से बालों की जड़ों में हल्के हाथ द्वारा
कुन्तल केयर हर्बल हेयर spa (हेम्पयुक्त)
द्वारा हल्की-हल्की मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से आगे के बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल घने तथा लम्बे होने लगते हैं।
(आयुर्वेद सहिंता से साभार)
【१६】बालों का सफेद होना…
यदि किसी व्यक्ति को जुकाम, खांसी, निमोनिया, एलर्जी के कारण बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं।
तनाव, चिंता, प्रमेह आदि रोग भी बालों को जल्दी पकाने में सहायक हैं।
अगर इस तरह की कोई समस्या हो, तो उसे तुरंत ही अमृतम लोजेन्ज माल्ट या
अमृतम फ्लूकी माल्ट का सेवन करना चाहिए।
【१७】मैले-कुचैले, भदरंग बालों को दुरुस्त कर कुदरती बनाने का तरीका..
आंवला, ब्राह्मी, बालछड़, विभितकी, गेंदा पुष्प, लेमनग्रास, शिकाकाई, खड़ा धनिया, हिंगोट, इलायची तथा भृंगराज सभी 10–10 ग्राम को एकसाथ मिलाकर पीस लें।
फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में 24 से 32 घण्टे RO के 1 लिटर सादे जल में फूलने के लिए रखने के बाद
इसे इतना उबाले कि एक चौथाई रह जाये। ठंडा होने के बाद इसे छानकर, इसमें 50 ग्राम अलसी,
10 ग्राम मेथीदाना मिलाकर पुनः उबाले। इसका गूदा निकालकर तत्पश्चात इसमें अमृतम एलोवेरा तथा हेम्प ऑयल
10–10 ml मिलाएं। फिर, इस लेप को 40 से 50 मिनट तक धूप में बैठकर बालों में लगाएं।
ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल खूबसूरत होने लगते हैं तथा बाल शीघ्र सफेद नहीं होते।
(भावप्रकाश, आयुर्वेद सार सहिंता, धन्वंतरि निघण्टु)
【१८】 रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह के समय उठते ही इस पानी को पी लें।
इसके साथ ही आधा चम्मच अमृतम आंवले के चूर्ण का सेवन भी करें।
इससे कुछ ही समय में बालों के झड़ने का रोग ठीक हो जाता है। (चरक सहिंता)
【१९】बाल झड़ने से रोकने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार कई प्रकार के आसन हैं
जिनको करने से बाल झड़ने कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं।
[२०]~ ये आसन इस प्रकार हैं- ●शवासन, ●सर्वांगासन, ●योगनिद्रा, ●मत्स्यासन, ●विपरीतकरणी मुद्रा तथा
●शरीर के अन्य उलटने-पलटने का आसन।
इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार और विश्वास करने से रोगी के बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती है।
आयुर्वेद के नियमानुसार देह में त्रिदोष के प्रकोपित होने से अनेक उदर रोग पनपने लगते हैं।
अतः त्रिदोष की चिकित्सा जरूरी है।
अमृतम ने आयुर्वेद के योग्य, विद्वान और वरिष्ठ वेद-चिकित्सकों द्वारा एक बेहतरीन पुस्तक प्रकाशित की है।
इस किताब का नाम
Ayurveda Life Style है, जो कि ओनली ऑनलाईन ही उपलब्ध है।
असन्तुलित वात-पित्त-कफ अर्थात त्रिदोषों की जांच स्वयं अपने से करने के लिए यह अंग्रेजी की किताब आयुर्वेदा लाइफ स्टाइल यह आपकी बहुत मदद करेगी।
इसमें उपाय भी बताएं हैं। अपनी लाइफ स्टाइल बुक का अध्ययन तथा अमल कर सदैव स्वस्थ्य रह सकते हैं।
अमृतम ग्लोबल Amrutam.globle
की वेबसाइट पर सर्च करके आप आयुर्वेद के जाने-माने योग्य स्त्री-पुरुष रोग विशेषज्ञ आदि अनुभवी चिकित्सकों से ऑनलाइन सलाह ले सकते हैं।
रोज उपयोगी 5 चमत्कारी उत्पाद….
अपनी तासीर के मुताबिक निम्नलिखित क्वाथ आपको स्वस्थ्य और सुखी बनाने में सदा सहयोग करेंगे।
【1】कफ की क्वाथ 【कफविनाश】
【2】वात की क्वाथ 【वातरोग नाशक】
【3】पित्त की क्वाथ 【पित्तदोष सन्तुलित करने में विशेष उपयोगी।
【4】डिटॉक्स की क्वाथ 【शरीर के सभी दुष्प्रभाव, साइड इफ़ेक्ट मिटाता है】
यह क्वाथ सभी तरह की डाइबिटीज पीड़ितों के लिए बहुत मुफीद है।
【5】बुद्धि की क्वाथ 【मानसिक शांति हेतु】
उपरोक्त ये पांचों क्वाथ तासीर अनुसार सर्वरोग नाशक और देह को तन्दरुस्त बनाने में सहायक हैं।
यह जड़मूल से रोगों का नाशकर रोगप्रतिरोधक क्षमता यानि इम्युनिटी को तेजी से बढ़ाते हैं।
केवल ऑनलाइन उपलब्ध है-
सर्च करें-amrutam
बाल टूटने-झड़ने की मुख्य “14” वजह
बाल काले हों, घने, चमकदार, खूबसूरत हों! बालाओं के बड़े और लम्बे बाल, बला की आफत होते हैं।
कितने कमाल के होते हैं बाल —
बाल सिर्फ चेहरे की सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये गर्मी और सर्दी से सिर की रक्षा भी करते हैं।
बाल सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों …..(ये किरणें मनुष्य के साथ साथ जीव जंतुओं और पेड़ पौधों के लिए भी बहुत खतरनाक है)….
को शोषित करके विटामिन `ए` और `डी` को संरक्षित भी करते हैं तथा इसके साथ-ही साथ उष्णता, शीतलता, और तेज हवा से हमारे सिर की सुरक्षा भी करते हैं।
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जब यह बाल किसी कारण से झड़ने लगते हैं, तो व्यक्ति के चेहरे की खूबसूरती नष्ट होने लगने लगती हैं।
बाल लम्बे और खूबसूरत हो, तो हो महिलाएं आकर्षण का केंद्र बन पाती हैं !
रूसी-खोंची, झड़न एवं गंजेपन की 14 वजह….
((१)) बाल झड़ने, टूटने का रोग स्त्रियों और पुरुषों को अधिकतर, तब होता है जब व्यक्ति के शरीर में विटामिन `बी´ एवं
प्राकृतिक लवणों, लौह तत्व तथा आयोडीन की कमी हो जाती है।
((२)) कई प्रकार के लम्बे रोग जैसे- लम्बे समय तक सर्दी-खाँसी का बने रहना, टायफाइड, उपदंश, जुकाम, नजला,
साइनस तथा रक्तहीनता (खून की कमी) आदि तकलीफों के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((३)) किसी प्रकार के आघात या बहुत अधिक चिंता करने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।
((४)) सिर की ठीक तरीके से सफाई न करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((५)) शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।
((६)) सिर के रक्त संचारण में कमी आ जाने के कारण भी बाल झड़ने का रोग हो सकता है।
((७)) खारे व बोरिंग के पानी तथा केश रोग की वजह से भी स्त्री-पुरुषों के सिर के बाल झड़ने लगते हैं।
जब रोगी व्यक्ति के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते हैं तो वह गंजा सा दिखने लगता है।
((८)) शैम्पू तथा साबुन आदि का अधिक मात्रा में उपयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((९)) हेयर ड्रायर्स का अधिक प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((१०)) अधिक मात्रा में दवाइयों का प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((११)) कब्ज रहना, नींद न आना तथा अधिक दिमागी कार्य करने के कारण भी बाल झड़ने का रोग व्यक्ति को हो सकता है।
((१२)) बालों को सही तरीके से पोषण न मिल पाने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
((१३)) वात और पित्त कुपित जब होकर रोमछिद्रों में पहुंचते हैं तो बाल झड़ने लगते हैं।
((१४)) अधिक मिर्च-मसाले तथा तली हुई चीजों का सेवन करने से बाल झड़ने लगते हैं।
एक व्यस्त शायर की उलझन –
कभी मिला वक्त, तो तेरी जुल्फें सुलझाऊंगा!
आज उलझा हूँ, जरा वक्त को सुलझाने में!!
स्वस्थ्य रहने हेतु सही सलाह…
बाल में कमल खिलाना है, तो इस पर अमल जरूरी है!!!
Cash और केश का महत्व….
जीवन में जितना CASH जरूरी है, उतना ही अच्छे केश भी आवश्यक होते हैं।
फेस पर चमक के दोनों ही कारण होते हैं।
रेस में बने रहने के लिए इन पर ध्यान देंवें।
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