अमेरिका में आयुर्वेद से ठीक हुआ कोरोना…..

न्यूयॉर्क में एक कोरोना 
मरीज अमृतम आयुर्वेद का उपयोग 
करके Covid19 से मुक्त हो गया। 
अमेरिका वासी यह जानकर हैरान हैं! 
दुनिया में भारत की 5500 वर्ष पुरानी चिकित्सा प्रणाली पर लोग अब बेहिसाब
भरोसा कर रहे हैं। अभी-अभी न्यूयार्क
शहर के एक कोरोना पीड़ित व्यक्ति ने
अपनी पोस्ट साझा कर अमृतम
आयुर्वेदिक औषधियों की भूरी-भूरी
प्रसंशा की है। हमने उसी पोस्ट के
अंशों को हिंदी भाषा में परिवर्तित
कर प्रस्तुत किया है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा शास्त्रों के
दृष्टिकोण से कोविड-१९ (COVID-19)
एक पर्यावरण प्रदोषज विकार है।
जिसे जनपदोध्वंस व्याधियाँ, 
संसर्गज, औपसर्गिक रोगों के नाम
से इन संक्रमणों का उल्लेख है।
यह रोग अत्यंत उग्र रूप से व्यापक
क्षेत्र में फैलने वाला रोग जो बहुत
बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करता है।
यह विकार एक महामारी रोग है।
महामारी की अवधारणा चरक संहिता 
के विमाना स्थानम्  आध्याय -3
में वर्णित है।
बुखार या ज्वर, जो कि कॉविड-19
के सबसे आम लक्षणों में से एक है,
आयुर्वेद में इसके बारे में विस्तार से
लिखा है और अच्छी तरह से समझाया
गया है। इस तरह के काल- कवलित
वायरस का इलाज
आयुर्वेद के दो ग्रंथों में उपचार
 5500 साल पहले से इन आयुर्वेद
ग्रन्थों के चिकित्सा प्रकरण अध्याय में शामिल है, जिसका नाम है-
चरक संहिता और अष्टांग ह्रदयम में 
भी संस्कृत श्लोकों द्वारा बताया है।
आयुर्वेद ने जगाया विश्वास...
 लअमेरिका में कोरोना पीड़ित व्यक्ति का इलाज केवल पारंपरिक आयुर्वेदिक योगों
द्वारा किया गया। उन आयुर्वेदिक दवाओं
के नाम निम्नलिखित हैं-
महासुदर्शन चूर्ण, 
तालीसदी चूर्ण, 
धनवंतरी गुटिका, 
विद्यारादि घृतम, 
गुग्गुलतिक्त घृत, 
कैशोर गुग्गुल, 
एकबिम्बशतिका गुग्गुल, 
खादिरारिष्ट, 
दुर्वादि और अणु तेलम पारम्परिक आयुर्वेदिक योगों का उपयोग करके
उपचार किया गया।
 अमृतम फ्लूकी माल्ट योग की विशेषता…
दिलचस्प रूप से ऊपर लिखी दवाएँ
उपयोग किए जाने वाले सभी पारंपरिक
योगों में महत्वपूर्ण तत्व हैं, जो अमृतम के फ्लुकी माल्ट और 
अमृतम टैबलेट का समिश्रण है।
ध्यान देवें-
कोविड-१९ के रोगियों को आयुर्वेदिक
ओषधियों के अलावा who के दिशा-
निर्देश, गाइडलाइंस का अनुपालन
तथा उचित भोजन और एक साधारण
आहार का पालन करना सहायक होता है।
एक आयुर्वेदिक परिप्रेक्ष्य से कोरोना
 को समझना जरूरी है…
 तीन प्रमुख लक्षण – शुरू में सर्दी-खांसी,
ज़ुकाम, ज्वर, बुखार, अधिक सर्दी,
अत्यधिक सूखी खांसी,
फेफड़ों में संक्रमण, श्वांस लेने में
परेशानी आदि संकेत करते हैं।
कोविड 19 वायरस अभ्यंतर रोग मार्ग
से संबंधित है।
कोरोना संक्रमण रोग के उत्पन्न, प्रकट
होने का मुख्य स्थान छाती क्षेत्र है।
 यह कहा जा सकता है कि covid19
आगुन्तक सन्निपात ज्वर से संबंधित
विकार है, जो वात-कफ़ की प्रबलता
होने से होता है।
आयुर्वेदानुसार
कोविड-१९ का संक्रमण भूत अभिषंग
के कारण अगतु बाहरी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो वात-कफ-पित्त
तीनों दोषों को बढ़ाता है।
चूँकि तीनों दोषों में वृद्धि हुई है इसलिए 
इसे आगन्तुक सन्निपात ज्वर कहा जाता है।
कोविड-19  के उपचार के लिए
तीन घटक जरूरी हैं। जैसे-
आयुर्वेदिक दवाएं, आहार और आहार।
वर्तमान समय में कोरोना से मुक्ति के
लिए विदेशों में आयुर्वेदिक मेडिसिन
की बहुत ज्यादा मांग है। लोगों का
विश्वस भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि
आयुर्वेद त्रिदोष को सन्तुलित करके
इम्युनिटी पॉवर बहुत तेजी से मजबूत
बनाता है।
अमृतम फ्लूकी माल्ट एक हानिरहित 
निरापद ओषधि है। इसे नियमित
लिया जा सकता है।
जानने के लिए क्लिक करें-
https://www.amrutam.co.in/ayurvedacorona/
यह भी लिखा है न्यूयॉर्क निवासी ने अपनी पोस्ट में
आधुनिक चिकित्सा वैज्ञानिको के
अनुसार वह बीमारी जो दुनिया भर
में फैल जाती है उसे पैनडेमिक या
महामारी कहते हैं जबकि एपिडेमिक
(epidemic disease) किसी एक
देश, राज्य, क्षेत्र या सीमा तक सीमित
होती है।
ग्रह-नक्षत्रों का खेल है-कोरोना..
लिंक क्लिक कर जाने क्यों, कैसे?
https://amrutampatrika.com/astrologycorona/
 
 पर चन्दन लगाने से होता है-भाग्योदय
जाने तिलक या त्रिपुण्ड  के 108 फायदे-
https://amrutampatrika.com/chandan/
 
कुंकुमादि तेल के बारे में पढ़े
https://amrutampatrika.com/kumkumadi-oil/

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Comments

One response to “अमेरिका में आयुर्वेद से ठीक हुआ कोरोना…..”

  1. Birendra Pandey avatar
    Birendra Pandey

    Hame kesar liquid ki ek choti sisi ka pack chahye aapke pas available hai kya uska rate kya hai.

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