क्या आप मोटापे से परेशान हैं… जाने चर्बी, थोन्द घटाने के आयुर्वेदिक उपाय….

आयुर्वेदिक औषधि जिसके 

१५ फायदे, वसा कम करने में 

सहायक हैं...

प्राचीन काल के जाने माने
जैव-चिकित्सक एवं आयुर्वेद
की प्रसिद्ध कृति “निघण्टु” के लेखक वैद्यराज श्री ज्वालाप्रसाद जी ने
अपनी पुस्तक की भूमिका में लिखा है
मोटापा घटाने, चर्बी कम करने हेतु
 व्यायाम, लंघन, खर्चीले
 और दर्द भरे शल्यचिकित्सा
 के बिना भी आयुर्वेदिक औषधियों
के अनुपान भेद यानि सेवन करने के
अलग-अलग तरीकों द्वारा
प्राकृतिक रूप से अपना
वजन, मोटापा, चर्बी, तोंद कम
कर मेटाबॉलिज्म को करेक्ट कर
सकते हैं।
एक ही उसी दवा से खाने का
अनुपान बदलकर अपना वजन
बढ़ाया जा सकता है और कम
भी सकते हैं।
आयुर्वेद में ऐसे बहुत से योग हैं।
एक पुराने आयुर्वेदाचार्य वेदज्ञानी
परमेश्र्वर साहनी ने
“इच्छा भेदी वटी”
के अनुपान का वर्णन किया है कि
यह ठन्डे  जल से लेने पर दस्तावर है
तथा गर्म पानी से सेवन करने पर दस्त
बन्द कर देती है।
इंडिया मोस्ट वान्टेड…..
डब्लूएचओ WHO के वैज्ञनिकों ने
एक अनुसंधान के तहत बताया है
कि दुनिया में लगभग 38 प्रतिशत
स्त्री-पुरुष विशेषकर 35 वर्ष से
ज्यादा उम्र वाले अपने बढ़ते वजन,
चर्बी, तोंद, मोटापे की वजह से
अत्यंत  अस्वस्थ और बीमार महसूस
करते हैं।
मोटापे से सेक्स का काम खत्म...
अधिक मोटापे के कारण पुरुषों
का सेक्सुअल पॉवर नष्ट हो चुका है।
महिलाओं की माहवारी सही समय
एवं खुलकर नहीं होती। श्वेत प्रदर,
व्हाइट डिस्चार्ज की शिकायत चर्बी
बढ़ने के कारण बनी रहती है।
जिसका साइड इफ़ेक्ट यह होता है
कि-महिलाओं में मर्द और सहवास
के प्रति रुचिन रहती।
खोजने से खुदा भी मिल जाता है
हर्बल उत्पादों की मार्केटिंग हेतु
35 वर्षों के निरन्तर प्रवास के
दौरान पाया कि-
आखिरकार सैकड़ों मरीजों को
सिर्फ मोटापे से होने वाली तकलीफों
के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक और
कैंसर की वजह से बेवजह बहुत
पीड़ित व परेशान हो जाते हैं।
अनगिनत लोग अत्यधिक मोटापे
के कारण अनेक बीमारियों से घिर
जाते हैं।
हम मोटापा नाशक एक ऐसा हर्बल
अवलेह या जैविक घोल बनाना
चाहता था, जो अवलेह यानि जैम
या चटनी की तरह स्वादिष्ट व स्वास्थ्य
वर्द्धक भी हो तथा स्थूल शरीर में फेल
रही, बढ़ रही सख्त चर्बी एवं बढ़े हुए
पेट, थोन्द एवं कमर की चर्बी या वसा
को बिना किसी नुकसान या तकलीफ
के गला दे और कमजोरी भी न आये
साथ ही शरीर का पाचनतन्त्र,
मेटाबोलिज्म को भी ठीक
कर पुनः मोटापे में वृद्धि न करे।
रोगों का काम खत्म
मैंने 20-25 वर्षों तक निरन्तर
कई प्रकार के क्वाथ, काढ़े,
अर्क आदि का निर्माण किया।
कुछ प्राचीन आयुर्वेदिक रस
ओषधयाँ जैसे-आरोग्यवर्धनी,
केशर गूगल आदि चर्बीनाशक
ओषधियों के बारे में पढ़ा।
कुछ में  विशेष भावनाएं, सम्पुट
देकर अनेक बार प्रयोग किये।
【आयुर्वेद में भावना देने का अर्थ है-
किसी दवा को कारगर बनाने के लिए
भिन्न-भिन्न रसों के द्वारा सूखने तक
खरल करते रहना। यह बहुत बड़ा
विषय है इसकी पूरी जानकारी हेतु
अलग से एक लेख में दी जावेगी।】
मोटापा कम करना मेरा लक्ष्य था...
मैंने वसा कोशिकाओं का घोलनीकरण,
छंटनीकरण, क्रिस्टलीकरण और पुनःक्रिस्टलीकरण करके इस रहस्य
को सुलझाने की कोशिश की।
यह काम बहुत ही ज्यादा
शारीरिक रूप से थका देने वाला
था। मैं पूरा दिन वजन कम करने
के तरीकों के फार्मूले तथा प्रयोगों
की खोज करता रहा।
सारी रात अमृतम लायब्रेरी में
मोटापा, चर्बी, वसा कम करने वाले
हानि रहित आयुर्वेदिक योगों,
घटक-द्रव्यों की खोज हेतु अति
प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करता
रहता।फिर अमृतम की निर्माण
शाला में उन फार्मूलों को परखता।
मैंने दुनियाभर की सैकड़ों
असामान्य टॉनिक, फंगल
उपभेदों और जड़ी-बूटियों
का अनुसंधान कर पाया कि-
अनुपान भेद से किसी भी
हर्बल मेडिसिन सेवन करने से बहुत चमत्कारी परिणाम पाये जा सकते हैं।
आयुर्वेद के चमत्कार...
आयुर्वेद में ऐसी अनेक जड़ीबूटियां हैं
जिन्हें अलग-अलग चीजो जैसे-
सादा जल, गर्म जल, दूध, दही
आदि के साथ लेने पर अलग-अलग
परिणाम देती हैं।
इसलिए एक ही दवा को खाने के तरीके
विभिन्न हैं। जैसे-मधु पंचामृत, छाछ,
मठा, दूध, दही, घी, मख्खन, जल
रस, जूस तथा ओषधि काढ़े के साथ
लेना हितकर रहता है।
अनुपान भेद के अनुसार दवा लेने से
बहुत आसान है मोटापा घटाना…
विश्व में लाखों प्राणी अपने मोटापे
से परेशान हैं। लेकिन अधिकतर के
लोगों को खाने-पीने में परहेज का
तरीका अनुसरण करना, अपनाना
काफी कठिन रहता है।
और तो और, अधिकांश वजन
कम करने वाले कार्यक्रम, जिसे
स्पा-क्लीनिक की तरफ से प्रसारित
किया जाता है उनका खर्च 45,000
से 70,000 रुपये होता है, और इतने
ज्यादा व्यय के पश्चात उन्हें बहुत ही
दुखदायी दुष्परिणाम प्राप्त होते हैं।
वे सिर्फ आपके शरीर में पानी का
भार काम करवाते हैं इसलिये एक
महीने के अंदर आपका वजन फिर
बढ़ जाता है। यही वजह है कि चर्बी
कम करना प्रायः एक असंभव सा
काम लगता है।
शिवःसंकल्पमस्तु
मन में हो विश्वास, तो व्यक्ति
कामयाब हो जाता है।
पहले कहते थे-
खुद को कर बुलन्द इतना,
हर तकदीर से पहले।
खुदा, खुद बन्दे से पूछे,
बता, तेरी रजा क्या है।

यदि आप बाजी जितने के लिए
राजी हैं या संकल्पित हैं, तो
जीतना बहुत छोटी बात है।
किसी शायर ने लिखा है-
हिम्मत-ए-मर्द
मदद दे खुदा।
अर्थातजिसमें हिम्मत होती है
खुदा उसी की मदद करता है।
रुक जाना नहीं कहीं तुम हार के…
मेरा प्रयास व प्रयोग खास तौर से
पेट, कूल्हों और कमर में होने वाली
असामान्य चर्बी को कम करने पर
केंद्रित था। मुझे पता था कि सालों
से वजन बढ़ने की वजह से पाचनतन्त्र
की धीमी गति और कफ की वृद्धि
होने से मोटापे की समस्या विकराल
रूप धारण कर लेती है।
पाचन तंत्र ठीक से क्रियाशील न
होने से लोगों के लिए चर्बी को प्रभावी
रूप से कम करना कठिन हो जाता है।
मोटापा-चर्बी, थोन्द घटाए, 
50 दिनों में असर दिखाए….
आयुर्वेद का एक बेहतरीन योग
जिसे सेवन विधि बदलकर वसा
विकार को विश्वास के साथ मिटा
सकते हो।
(चर्बी का कारगर इलाज)
सुबह खाली पेट या नाश्ते के समय
200 मिलीलीटर गुनगुने गर्म
पानी में 2 से 3 चम्मच अमृतम माल्ट
अच्छी तरह मिलाकर चाय की तरह
धीरे-धीरे दिन में 2 से 3 बार 5 महीने
तक सेवन करें।
१■ यह माल्ट लेने से शरीर में सभी
आवश्यक विटामिन्स, प्रोटीन,
केल्शियम की पूर्ति हो जाती है।
२■ शरीर कमजोर नहीं होता।
३■ चक्कर नहीं आते।
४■ बहुत ज्यादा भूख नहीं लगती।
५■ कफ सन्तुलित रहता है।
६■ मेटाबोलिज्म करेक्ट हो जाता है।
७■ कब्जियत नहीं रहती।
८■ पेट एक बार में साफ होता है।
९■ शनै-शनै कमर की चर्बी, वसा
गलने लगती है।
१०■ हाजमा ठीक रहता है।
११■ यकृत क्रियाशील होने लगता है।
१२■ पेशाब साफ और खुलकर आती है।
१३■ त्वचा मुलायम, चमकदार, सुन्दर
होने लगती है।
१४■ चेहरे के दाग-धब्बे, निशान
मिटने लगते हैं।
१५■ शरीर इकहरा हो जाता है।
यदि गुनगुने दूध से लेवें, तो
वजन बढ़ाकर हेल्दी बनाता है-
पतले-दुबले व दुर्बलों की दवा-
जो लोग अपनी हेल्थ बनाना चाहते हैं।
तन को हष्ट-पुष्ट,तंदरुस्त करने का मन हो।
वजन बढ़ाने की प्रबल इच्छा शक्ति हो।
खूबसूरत व सुन्दर बनने की तीव्र भावना हो।
कमजोर शरीर को ताकतवर बनाना चाहते हों,तो दुपहर व रात के खाने में एक से 2 चम्मच अमृतम गोल्ड माल्ट
को एक रोटी या पराँठे पर
जैम की तरह लगाकर गर्म दूध के
साथ खावें। इसप्रकार
दिन में 2 से 3 बार 3 महीने तक
बड़े धैर्य व विश्वास के साथ
लगातार लेने पर 4 से 5 किलो
वजन बिना किसी नुकसान के
शरीर में वृद्धि करता है।
यह अमृतम का सबसे बिक्री होने
वालय ब्रांडेड उत्पाद है, जो
अनेक ज्ञात-अज्ञात आधि-व्याधि
का जड़ से नाश करता है।
अमृतम गोल्ड माल्ट
१०० फीसदी आयुर्वेदिक
हानिरहित सप्लीमेंट है।
इसे आँवला मुरब्बा, सेव मुरब्बा,
गुलकन्द, द्राक्षा, किसमिस,
गोल्ड भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म
और 15 तरह की जड़ीबूटियों के काढ़े,
5 प्रकार के बहुमूल्य मसाले आदि असरकारक द्रव्यों से मिलाकर
निर्मित किया है।
अमृतम गोल्ड माल्ट में त्रिफला एवं
आँवला चूर्ण मिलाया गया है। त्रिफला
के फायदे जाने क्लिक करके-
आयुर्वेद का ऐसा योग है जो
50 से अधिक रोग का वियोग
कर देता है।
सदैव स्वस्थ्य रहने के लिए रोज
सीधी नाक से सांस लेकर सीधी
नाक से ही धीरे-धीरे छोड़े।
यह प्रयोग दिनभर में 50 से 100
बार अवश्य करके देखें।
देह के लिए बहुत लाभकारी रहेगा।
स्वस्थ  जीवन का सूत्र है
रोग रहित होने पर ही
उन्नति के योग बनते हैं।
निरोग रहने के लिए योगा
करने की भी परम्परा प्राचीन है।
मोटापा घटाता भी है और
वजन बढ़ाने में विशेष उपयोगी है-
यह तन-मन के सारे विकारों-
बीमारियों का जड़ से नाश करता है।
सुनिश्चित और अच्छे परिणाम
के लिए इसे कम से कम 3 से 5 माह तक उपरोक्त सेवन विधि अनुसार लेना चाहिए।
यदि मोटापा, चर्बी, वसा कम
करना हो, तो गर्म पानी के साथ लेवें
तथा वजन बढ़ाने हेतु गर्म दूध के
साथ सेवन करें।
एक आश्चर्यजनक खोज
 अमृतम गोल्ड माल्ट
आयुर्वेद के जाने-माने ग्रन्थ
● भावप्रकाश निघण्टु
● माधव निदान
● आयुर्वेदिक निघण्टु
● रसतन्त्र सारः
● आयुर्वेद सार संग्रह
● द्रव्यगुण विज्ञान
के मुताबिक तैयार किया है।
इसके परिणाम बेहद आश्चर्यजनक है
वो भी बिना किसी कसरत,
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पैकिंग 400 ग्राम, ₹-1125/-
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चेहरा चमकाने और खूबसूरती 
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डिप्रेशन का ऑपरेशन…
किसी कारण वश यदि आप अवसाद
यानि डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं, तो
नीचे ब्लॉग को पढ़कर डिप्रेशन से मुक्ति
पा सकते हैं।

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