Category: Amrutam Mythology & Indian Culture
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विषमता ही विष है- एक व्यंग
जाने- 21 तरह के विष और विषमता के बारे में पहली बार। एक बहुत ही रोचक ब्लॉग ◆ वृद्ध-बुजुर्ग आदमी के लिए युवा यानि जवान पत्नी विष समान हो जाती है। ◆ इश्क में उलझे प्रेमी के लिए यादें विष हो जाती हैं। आगे पढ़ें – कोंन किसके लिए विष है। और कैसे बनती है विष से विषम परिस्थियां जानेंगे…
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वेद-ग्रंथों के अनुसार धर्म क्या है। धर्म को चार पुरुषार्थ में से एक कहा है:
आपको मालूम है कि- इंसान का पहला पुरुषार्थ क्या है- पार्ट -1 【भाग-1】 भगवान विष्णु ने जब सृष्टि रचना कि, तो मानव जाति के सुखी और सम्पन्न जीवन हेतु कुछ नियम-धर्म स्थापित किये थे। जिसमें धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष इन चतुर्थ पुरुषार्थ के विषय में वेद-पुराण, ग्रंथो में इनका विस्तृत वर्णन है। सुखमय जीवन के लिए शास्त्रों में धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष इन चार सिद्धान्तों का…
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पूजा शिंवलिंग की करें या मूर्ति की। क्या कहते हैं वेद-पुराण
क्या मूर्ति पूजा धर्म है- ‘न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य नाम महाद्यश:। हिरण्यगर्भस इत्येष मा मा हिंसीदित्येषा यस्मान जात: इत्येष:।। यजुर्वेद 32वां अध्याय। अर्थात जिस परमात्मा की हिरण्यगर्भ, मा मा और यस्मान जात आदि मंत्रों से महिमा की गई है उस परमात्मा (आत्मा) का कोई प्रतिमान नहीं। वेद कहते हैं सृष्टि में सब कुछ रूद्र ही है। विष्णुपुराण में श्रीविष्णु जी ने नारद मुनि को बताया…
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जाने-राहु शिंवलिंग के बारे में
मन्त्रमहोदधि ग्रन्थ के अनुसार राहु ग्रह के शिंवलिंग की पूजा शनि, राहु और केतु जैसे क्रूर ग्रह-नक्षत्रों के दुर्लभ रहस्य तथा राहुकी तेल के विषय में जानने के लिए एवं कालसर्प-पितृदोषों से मुक्ति पाने के लिए पढ़े “अमृतमपत्रिका” www.amrutampatrika.com ग्रुप से जुड़कर पाएं बहुत सी दुर्लभ जानकारियां। ध्यान देवें- आप बिना खर्च के छोटे-छोटे प्रयोगों, उपायों तथा पूजा के…
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बड़े से बड़ा कष्ट काटने वाला मन्त्र
एक मन्त्र-जो 16 तरह की भयंकर दुःख-तकलीफों से तुरन्त राहत देता है– !!यह कथा शिवमहापुराण की है!! भगवान शिव के परम भक्त श्री वृषभ देव यानि नन्दीजी ने महादेव से जानना चाहा कि “हे नीलकण्ठ भोलेनाथ!” 【१】जब कोई व्यक्ति बहुत कष्ट में हो अर्थात उसकी चारों और से दुर्गति हो रही हो, 【२】हर रात में बुरे सपने…
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वृक्ष हमें स्वस्थ्य बनाते हैं
“पर्यावरण दिवस” की अन्तर्मन से शुभकामनाएं — संस्कृत का एक श्लोक है कि: 【】दस कुओं के बराबर एक बावड़ी होती है । 【】दस बावड़ियों के बराबर एक तालाब है, 【】दस तालाबों के बराबर एक पुत्र है, 【】दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष है! अतः वृक्षों को वन-जंगल, नदी-तालाब किनारे, शहर-ग्रामों, घर-भवन में तथा खेत-खलियान की…
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उत्तराखंड के रहस्यमयी तीर्थ और उनका महत्व पार्ट-7
10 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित महासरताल में है-शेषनाग तीर्थ पार्ट-7 केदारखंड हिमालय ऋषि-महर्षियों, मुनियों की तपस्या स्थली रही है। हमारे भारत के महान महर्षि वैज्ञानिकों ने सन्सार के जन कल्याण के लिए यहां अनेकों वैज्ञानिक, धर्म-शास्त्रों तथा ज्योतिष ग्रन्थॊ की रचना की है, जॊ कि भारतीय संस्कृति के मूल श्रॊत हैं। कील, भील,…
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उत्तराखंड के सिद्ध 108 नाग मन्दिर
जानिए उत्तराखण्ड के प्रमुख धाम निम्नलिखित सभी मन्दिरों के बारे में सब कुछ बताया जाएगा। अमृतमपत्रिका पढ़ते रहें www.amrutampatrika.com {{१}} चार छोटे धाम – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रनाथ। {{२}} पंचकुण्ड – तप्तकुण्ड, नारथकुण्ड, सत्यपथकुण्ड, मानुसीकुण्ड, त्रिकोणकुण्ड। {{३}} पंचधारा – प्रहलाद धार, कूर्मुधारा, उर्वशीधारा, वसुधारा, भृगुधारा {{४}} पंचकेदार – केदारनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर नाथ, रुद्रनाथ, कल्पेश्वरनाथ। {{५}} पंचबद्री – बद्रीनाथ, आदिबद्री, भविष्यबद्री, वृद्धबद्री, योगध्यानबद्री। बद्रीनाथ धाम के…
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केदारनाथ के अलावा एक ओर थलकेदार शिंवलिंग है-उत्तराखंड
पिथौरागढ़ का थलकेदार स्वयं प्रकट शिंवलिंग, जो ज्योतिष से सम्बंधित है- उत्तराखंड का पिथौरागढ़ प्राचीन तीर्थपीठ है। वहाँ बहुत से अनोखे और अदभुत शिवमंदिर हैं। हम आज आपको एक दुर्लभ शिंवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। शायद अभी तक थलकेदार शिवालय के बारे में कम ही सुना…
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यहाँ एक बार के दर्शन से गरीबी हो जाती है दूर। लक्ष्मीपति बद्रीनाथ के रहस्य जानकर आप हैरान हो जाएंगे। पार्ट-1
हारे का सहारा हरिधाम है -बद्रीनाथ पार्ट-1 ब्रहाण्ड के एक मात्र देवता बद्रीनाथ, जो आदमी को अथाह धन-सम्पदा के मालिक बना देते हैं। श्रीमद्भागवत पुराण के एक श्लोक अनुसार सिद्ध क्षेत्र बद्रिकाश्रम में भगवान बद्री सभी जीवित मनुष्यों की घोर गरीबी, दुःख दूर करने और जीव-जगत का उद्धार करने के लिए नर तथा नारायण के रूप में…