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मसूरी हिल स्टेशन का स्वयम्भू नाग तीर्थ
मणिधारी नाग ने शिंवलिंग से लिपटकर अपने प्राण त्यागे थे। बड़े-बड़े सूरी-सूरमा जाते हैं-मसूरी के इस नाग मन्दिर में- पहाड़ों की रानी मसूरी से 8 किलो मीटर दूरी पर हरे भरे पहाड़ों के बीच में लगभग 900 वर्ष पुराना स्वयम्भू नाग मंदिर है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस जगह एक मणिधारी नाग ने शिंवलिंग से…
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उत्तरांचल के गुमनाम सिद्ध स्थान। उत्तराखंड तीर्थ यात्रा पार्ट-6
कालसर्प-पितृदोष दूर करने वाला शर्तिया तीर्थ स्थान, जो पिथौरागढ़ से करीब 90 किलोमीटर दूर है। पिंगल नागदेव मंदिर के बारे में जाने- उत्तरांचल की शिवभूमि में थलकेदार बेरीनाग, डीडीहाट और बागेश्वर जिले के कांडा-कमेड़ीदेवी क्षेत्र में कभी सिद्ध और मणिधारी नागों का आधिपत्य था। इस जगह अभी भी नाग के अवशेष देखने को मिल जाते…
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उत्तराखं के चमत्कारी गुमनाम तीर्थ पार्ट-5
उत्तरांचल की देवभूमि में शापित जगह भी हैं, तो वरदान और आर्शीवाद वाले स्थान भी- जिस क्वीरा गाँव के खेत-खलिहानों में कभी धान की फसलें लहलहाया करती थी, वे अब बंजर भूमि हो चुकी है। उत्तराखंड के भीमताल क्षेत्र में कुछ ऐसे शापित स्थान भी हैं जिसे गोल्जू नाग देव के नाम से प्रसिद्ध ने…
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उत्तराखंड के चारों धाम का रहस्य पार्ट-4
मप्र के मालवा से गहरा नाता है- उत्तराखंड का, क्योंकि भगवान शिव के बाद दूसरे घर-जमाई बने थे, मालवा के राजकुमार- ये बात तो जगतविख्यात है कि भगवान शिव का दूसरा विवाह हिमालय की पुत्री माता पार्वती के साथ हुआ था और हिमालय उत्तर की तरफ, उत्तराखंड से सटा हुआ है। दक्षिण भारत के ग्रंथों में…
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उत्तराखंड में विराजे-,बद्रीनाथ की यात्रा पार्ट-3उत्तराखंड में विराजे-,बद्रीनाथ की यात्रा पार्ट-3
पार्ट-1 और पार्ट-2 बद्रीनाथ यात्रा में जो अपने नहीं पढ़ पाया वही कुछ और अधूरी जानकारी प्रस्तुत है। आगे शेष पार्ट-4 में दिया जाएगा। बद्रीनाथ की यात्रा सफल हो, शुभदायक हो, कष्ट-गरीबी मिटे इसके लिए इसका अध्ययन जरूरी है। बिना ज्ञान के अभाव में अक्सर लाभ की जगह हानि होती है। बद्रीविशाल देते हैं सजा…
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उत्तराखंड-,बद्रीनाथ के सन्त, जिनकी सिद्धियों का कोई अंत नहीं है। पार्ट-1
बद्रीनाथ के और भी सन्तों के बारे में अगले ब्लॉग पार्ट -2 में बताया जाएगा सिद्ध सन्तों का सन्सार है- उत्तराखंड इकहरा शरीर, जर्जर काया, पास नहीं कोई माया, केवल शिव की छाया केवल ईश्वर ही उन्हें भाया और मुख पर तपस्या का तेज, लंबी जटाएं, भरी दाढ़ी, उनकी जिद्दी शिव भक्ति, उनका हठयोग जुनून…
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काल और सर्प दो शब्दों से मिलकर बना है-कालसर्प। क्या है कालसर्प और इसके दुष्प्रभाव को कैसे कम करें
क्या आप कालसर्प के बारे में जानना चाहते हैं – शिवपुराण के अनुसार कालसर्प दो शब्दों से मिलकर बना है — यथा काल का अर्थ है समय और मृत्यु एवं सर्प का आशय गति से माना जाता है। कैसे बनता है कालसर्प- जन्मपत्रिका में जब राहु और केतु के बीच में शेष सातों ग्रह आ जाएं, तो कालसर्प बनता है, लेकिन खतरनाक…
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कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा एक 100 फीसदी आयुर्वेदिक कम्प्लीट ट्रीटमेंट। और जाने- बालो को झड़ने से कैसे रोके
आपके भी हो सकते हैं-घने-लंबे, चमकदार, मजबूत और स्वस्थ्य बाल सबसे पहले हमें बड़े-बुजुर्गों की इस बात पर ध्यान देना पड़ेगा, वे कहते हैं कि- जब मजबूत हों जड़े, तो काहे को बाल झड़े। जड़ों को ही मजबूत बनाने के लिए अमृतम ने हजारों वर्ष पुरानी भारतीय चिकित्सा पध्दति के अनुसार चार बेहतरीन, लाजबाब दवाओं का निर्माण…
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जाने- उत्तराखंड के रहस्य, जहां बद्रीनाथ देते हैं – अथाह सम्पत्ति देने तथा सम्पन्न बनाने का वरदान, पार्ट-2
बद्रीनाथ पार्ट-2 एक बार उत्तरांचल अवश्य जाएं बद्रीनाथ के शिखर पर शिव और साधु, पर्वतों पर परमात्मा बसते हैं, जो आशीर्वाद देकर दुःख-दुर्भाग्य का नाश कर डालते हैं। क्या है उत्तराखंड का टिहरी गढ़वाल आप हैरान हो जाएंगे यह जानकर की टिहरी गढ़वाल को सतयुग के शास्त्रों में त्रि-हरी क्षेत्र बताया है। टिहरी को त्रिहरी यानी ब्रह्मा-…
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क्या कालसर्प अमीर नहीं बनने देता।कालसर्प क्या है इसके बारे में दुर्लभ जानकारी
जय आप जानते हैं? हमारे पापों पर राहु की और हमारे पुण्य पर केतु की नजर है राहु और केतु दोनों छाया ग्रह है। राहु के रहस्य को आज तक कोई समझ नही पाया। परम् शिव उपासक राहु दैत्य होकर भी देवताओं जैसा सम्मान प्राप्त है। इस कारण इन्हें राहुदेव कहकर सम्बोधन किया जाता है। इनके साथ…