रोग, दुःख-परेशानियों से बचाकर इम्युनिटी बढ़ाता है-चन्दन। माथे पर तिलक-त्रिपुण्ड, टीका या बिन्दी अवश्य लगाएं।

अमृतम चन्दन-परम आनंद की अनुभुति का अनुभव

चंदन का तिलक ललाट पर लम्बा या छोटी सी बिंदी के

में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है।
चंदन लगाने से तनाव, चिन्ता, भय-भ्रम तथा

 क्रोध कंट्रोल होता है और उत्तेजना काबू में आती है।

उच्च रक्तचाप यानि बीपी हाई  आदि अनेक बीमारियों 

से रक्षा कर, तन-मन स्वस्थ्य रखता है-अमृतम चन्दन

शिव सहिंता के अनुसार त्रिपुण्ड की तीन
रेखाओं में 27 नक्षत्रों का वास है।

मस्तक पर रोज तीन रेखाओं वाला त्रिपुण्ड
लगाने से तन के त्रिदोष मिट जाते है।
सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण
सन्तुलित होता है। त्रिपुण्ड त्रिलोक्य
और त्रिगुण का प्रतीक है।

चन्दन, त्रिदोष, त्रिताप, त्रिपाप नाशक होता है।

धन-सम्पदा, वैभव में बढोत्तरी करे-चन्दन…

संस्कृत श्लोक के अनुसार चन्दन के आठ ~8~ फायदे-

चंदनस्य महतपुण्यं पवित्रं पाप नाशनम।
आपदं हरति नित्यं लक्ष्मी तिष्ठति सर्वदा

अर्थात
[१] चन्दन तिलक पुण्य की वृद्धि करता है।

[२] हृदय औऱ आत्मा में पवित्रता आने लगती है।

[३] पूर्वजन्म कृत पापों का नाश होता है।

[४] मस्तिष्क पर चन्दन लगाने से तन-मन की शुद्धि होती है।

[५] चन्दन टीका सफलता में सहायक होता है।

[६] चन्दन का त्रिपुण्ड लगाने से रुकावट दूर होती हैं।

[७] घर में अष्टलक्ष्मी का आगमन होने लगता है।

[८] चन्दन सभी आपदाओं को हर लेता है!

ज्येष्ठ शिवपुत्र भगवान कार्तिकेय ने स्कंदपुराण

में बताया है कि-

माथे पर चन्दन लगा होने से मस्तिष्क की

5 मूल ज्ञान नर्व जागृत रहती हैं। इसके बारे में

जानने के लिए नीचे लिंक क्लिक करें-

https://amrutampatrika.com/amrutam-chandan/

शिव के तीसरे नेत्र को प्रमस्तिष्क यानि
सेरिब्रम की पीयूष-ग्रंथि (पीनिअल ग्लैंड) माना है।

पीयूष-ग्रंथि उन सभी ग्रंथियों पर नियंत्रण रखती है,

जिनसे उसका संबंध होता है।

दिमाग की मुख्य 5 ज्ञान नाड़ियाँ…

1】मस्तिष्क का सबसे बड़ा हिस्सा

सेरिब्रम (Cerebrum)
यह दिमाग का साेचने वाला हिस्सा है,
साथ ही स्वैच्छिक मांसपेशियों (Voluntary Muscles) को नियंत्रित करता है।

2सेरिबैलम (Cerebellum)
यह मस्तिष्क के पिछली तरफ सेरेब्रम के नीचे स्थित एक महत्वपूर्ण भाग है और  यह सेरेब्रम से बहुत छोटा है।

सेरिबैलम शरीर के संतुलन का आधार है।
मस्तिष्क का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा है,

 जाे मस्तिष्क के पीछे और सेरेब्रम के नीचे

स्थापित हाेता है। लेकिन यह मस्तिष्क का एक

बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सेरिबैलम के कारण ही आप सीधे खड़े हो सकते हैं।

यह संतुलन, गति और समन्वय को नियंत्रित करता है।

3ब्रेन स्टेम (Brain Stem)
यह दिमाग के सचिव अर्थात सेक्रेटरी बतौर

सभी आवश्यक कार्य करता है। सेरेब्रम के नीचे

और सेरिबैलम के सामने स्थापित है।

 यह अत्यंत सूक्ष्म और ताकतवर ब्रेन स्टेम मस्तिष्क

के बाकी हिस्सों को रीढ़ की हड्डी से जोड़ता है,

जो आपकी गर्दन और पीठ को चलाते है।

ब्रेन स्टेम  शरीर को जीवित रखना, भोजन को

पचाना, रक्त को प्रसारित करना जैसे सभी कार्यों

के लिए ब्रेन स्टेम का ही महत्वपूर्ण योगदान है।

4】 पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क का एक छोटा

पर बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका काम आपके

शरीर में नये-नये हार्मोन का उत्पादन और रिलीज

करना है। मटर के दाने जैसी यह ग्रन्थि अनेक 

हार्मोन्स, प्रमेह-मधुमेह और देह में जल की मात्रा

नियंत्रित करती है।

5हाइपोथैलेमस-

आपके मस्तिष्क के भीतरी थर्मोस्टेट की तरह है

(दीवार पर लगा वाे बॉक्स जो आपके घर में गर्मी

को नियंत्रित करता है।

अमृतम चन्दन लगाने से उपरोक्त पांचों ज्ञान ग्रंथियां चलायमान रहती हैं।
मस्तिष्क में ही सेराटोनिन  बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन 

तिलक-त्रिपुण्ड लगाने होता है।

सनातन धर्म में चन्दन लगाना हर प्रकार से

लाभकारी है। लगभग सभी धर्मग्रंथों, पुराण ओर

उपनिषदों में 100 से ज्यादा संस्कृत श्लोक-मन्त्रों

का वर्णन है।

कृपया देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए

स्वदेशी यानि मेड इन भारत अपनाकर अपनी

धरती माँ का सम्मान बढ़ाएं।

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स्वदेश और स्वदेशी का महत्व-

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मैं भी हजारों लोगों को रोजगार दे सकता हूँ 

आत्मनिर्भर बनकर ।यह देश है मेरा- मुझे

स्वदेशी अपनाना है।

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चीन को सबक सिखाने के लिए स्वदेशी अपनाकर 

उसकी कमर तोड़े। यह हमारे लिए वरदान भी 

साबित होगा। गैर चाइनीज बाजार खड़ा करने से

दूसरे देशों के विकल्प खुद ही आने लगेंगे।

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भारत के लोग, व्यापारी, उद्योग पति अभी अनेक 

row मटेरियल के लिए चीन के भरोसे बैठे हैं। 

क्योंकि इनका उत्पादन हमारे देश में कम होता है। 

अगर हम देश में निर्मित वस्तु खरीदेंगे, तो थोड़ा महंगा

जरूर पड़ेगा, लेकिन देश का पैसा देश में रहेगा।

मेड इन भारत खपत बढ़ने पर वही सामान देश में

चीन से सस्ता पड़ने लगेगा। हमारा आज का प्रयास भविष्य में सुखद एहसास कराएगा। देश का सामान देश के लोग खरीदेंगे, तो देश के किसान, मजदूरों, मजबूरन के काम आएगा। बेरोजगारी घटने लगेगी। अवसाद डिप्रेशन चिन्ता, तनांव सब मिटने लगेंगे।

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