चीन का चांडालपन, चालाकी है-कोरोना। चमन उजाड़ डाला चीन ने….

कलयुग में प्यार-मोहब्बत और 
चीन का सामान चले, तो चाँद तक 
या फिर शाम तक…….
शह और मात का खेल-कोरोना!!!!……
विश्व में वायरस फैलाकर खुद “आनंद रस
लेने वाला चीन, अब चैन से दुनिया को
चूस रहा है!
25 पॉइंट्स दिए जा रहे हैं-पढ़ने हेतु
एक पूर्व नियोजित षड्यंत्र है-कोरोना
चीन की राजधानी बीजिंग/शंघाई में कोई
कोरोना का कोई प्रभाव नहीं, जब कि-
पूरी दुनिया त्राहिमाम-त्राहिमाम
कर त्रस्त है।
चीन की चालाकी, चोंचलेबाजी….
कोरोना का खिलौना पूरी दुनिया को
देने वाला चीन अब चैन में है…..
जाने कैसे?
“कोरोनोवायरस” का जानबूझकर स्वयं
चीन द्वारा फैलाया गया था। चाइना
पहले से ही तैयार था। इस नाटक के शुरू होने के तीन हफ्ते में ही चीन ने 12,000
बेड वाले हॉस्पिटल पहले से ही कैसे और क्यों बनवा लिए ?
उनका निर्माण पहले से ही कर चुके थे
क्यों कि- ये सब एक सोची-समझी
साजिश एवं योजना का हिस्सा था।
क्या वास्तव में इनका निर्माण दो सप्ताह
में सम्भव है? हो ही नहीं सकता!
दुनिया में चीन की हरकत को सबसे पहले
ताइवान, उत्तर कोरिया और जापान ने समझकर सावधानी बरती।
ये दोनों भी बौद्ध धर्मी देश हैं।
【1】चीन! कोरोना का रोना, रोकर बीमार हो जाता है, एक “संकट” में प्रवेश करता है और अपने व्यापार को पंगु बना देता है।
【2】 चीनी मुद्रा का अवमूल्यन होता है।
वे कुछ नहीं करते।
【3】 यूरोप और अमरीका की कंपनियों के उद्योग, व्यापार में कमी के कारण 40% तक इन कंपनियों के  शेयरों के भाव गिर जाते हैं।
चीन, चैन की बंशी बजाता है,
कुछ नहीं करता।
【4】दुनिया बीमार है, चीन यूरोप और अमेरिका की कंपनियों के शेयर 30% से भी कम कीमत पर खरीद लेता है। जब दुनिया में इस बीमारी के कारण सारे व्यापार धंधे बंद पड़ जाते है।
【5】चीन कोरोना को
हटो ना यानि बीमारी को नियंत्रित कर लिया है और अब वह  यूरोप और अमेरिका में कंपनियों का मालिक है।
क्यों कि- यहां उधोग,व्यापार धंधे ध्वस्त हो चुके हैं और वह यह तय करता है कि ये कंपनियां चीन में रहें और $ 20,000 बिलियन कमाएं।
【6】कैसे हुआ चिन्ता मुक्त-चीन
 चीन की सोच है, चुन-चुन कर
चैन-अमन वाले देशों की चमक खत्म
करना, ताकि हर कोई उसकी शरण में आ सके। सोशल मीडिया पर पिछले दो दिनों
में दो वीडियो जारी हुए हैं, जिन पर कुछ संदेह हुआ, कोई जरूरी नहीं, हो सकता हो…. यह सिर्फ मेरा भ्रम हो।
पर मुझे विश्वास है कि
कल चीन ने घोषणा की, कि-
चीनी सरकार ने महामारी को रोक दिया है। वे जश्न मनाते हुए वीडियो में दिखाई देते हैं,
वे बता रहे  हैं कि उनके पास एक वैक्सीन
भी है। सभी आनुवंशिक जानकारी के बिना वे इसे इतनी जल्दी कैसे बना सकते हैं? पर यदि आप खुद ही इस नाटक के निर्माता हो, तो यह बिल्कुल मुश्किल भी नहीं है।
और आज मैंने सिर्फ एक वीडियो देखा, जो बताता है कि कैसे “जिनपिंग” जो  दुनिया के  शक्तिशाली देश का राष्ट्रपति है  उसने पूरी दुनिया को बगैर किसी युद्ध के घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
【7】चीन की चमक का कारण
नई नई योजना, खोजना…
 कोरोनावायरस के कारण,
चीन में पश्चिमी देशों की कंपनियों का कारोबार बुरी तरह ध्वस्त होकर नाटकीय रूप से गिर गया जब दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंजों में इन कंपनियों के शेयर के भाव गिर गए, तो उन्हें चीन द्वारा खरीद लिया गया। अब चीन, अमेरिका और यूरोप में
इन्हीं एक्सचेंजों और अपनी
होल्डिंग य पूंजी द्वारा यह निर्णय लेगा
कि- बाज़ार का रुख केसा होगा, औेर कीमतों को निर्धारित करने में सक्षम होगा पश्चिम को अपनी जरूरत की हर चीज बेचने के लिए।
【8】कुंवारी के भाग्य से ब्याही मर गई
चीन में संयोग से कुछ बूढ़े मर गए?
कम उम्र के लोग भी मारे गए पर ना,
तो चीन ने इसकी परवाह नहीं की और
ना ही कोई  बड़ी समस्या वो इनके परिजनों को थोड़े समय मुआवजे के रूप में पेंशन दे देगा , पर इसके एवज चीन ने विश्व से कितनी बड़ी लूट की है। यह हमें सोचना है।
【9】 अभी पश्चिमी देश आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं-पराजित है।
 संकट के दौर में इस वायरस और बीमारी से स्तब्ध हैं और बिना कुछ जाने की यह सब एक षड़यंत्र का हिस्सा है। बहुत ही सोच समझ कर बनाई गई कारगर योजना।
【10】 चीन अब बिना चें-चें
के  1.18 ट्रिलियन होल्डिंग वाले जापान के बाद अमेरिकी खजाने के सबसे बड़े
शेयर होल्डर है।
【11】अपनी आंख सेंके और देखें कि-
 इस क्यों-रोना, कोरोना, करोना नाटक
के दूसरे किरदारों की भूमिका के
चलते  रूस और उत्तर कोरिया में करोना नामक घातक बीमारी के केस, कैसे इतने कम है या है ही नहीं, जबकि वे, तो चीन के सहयोगी है उनके आपस में साढूं
भाई जैसे सम्बन्ध हैं। ऐसी रिश्तेदारी में आवाजाही भी ज्यादा होती है।
इन चीनी दोस्त देशों में कोरोना ने अपना
विकराल रूप क्यों नहीं दिखाया जैसा कि- अन्य अमेरिकी और यूरोपीय देशों में देखने को मिला?
【12】दूसरी तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, स्पेन
और एशिया गंभीर रूप से प्रभावित हैं
【13】कौन से लोभान ने वुहान को अचानक घातक वायरस से मुक्त किया..
चांडाल चीन का कहना है कि-
उसके द्वारा उठाए गए कठोर उपाय के कारण वुहान करोना मुक्त हो गया।
केसे वो कोंन उपाय थे?
 चीन ने उनका खुलासा नहीं किया।
चलिए- हम इसको इस तरह से देखते है कि वुहान ही क्यों, जो वायरस पूरी दुनिया में फेल गया वो कोरोना चीन के दूसरे हिस्सों में क्यों नहीं फेला! बीजिंग,
 जो कि चीन की राजधानी है-
वहाँ इसका कोई भी असर देखने को
क्यों नहीं मिला।
【14】क्यों-कैसे एक भी कोरोना
वायरस बीजिंग तक नहीं पहुंचा
जबकि पूरी दुनिया में संक्रमण फेल चुका है या फिर इस नाटक को सिर्फ वुहान के लिए रचा गया था।
 क्या एक भी  संक्रमित व्यक्ति ने नवम्बर से लेकर जनवरी तक वुहान से चीन के अन्य हिस्सों में यात्रा नहीं की, जबकि इसके उलट ये संक्रमित  दुनिया लगभग हर कोने  में पहुंच गए,
वो भी खाँसते-खाँसते अच्छी खासी
तादाद  केसे? क्यू ?
【15】बीजिंग में करोना से एक व्यक्ति नहीं मरा? और सिर्फ “बुजुर्गों के वुहान
 में हजारों काल के गाल में समा गए।
 इस पर मंथन करना और  दिलचस्प है। अब चीन ने कैसे कोरोना को कंट्रोल
कर इस पर काबू पा लिया।
 चीन ने इसकी चिकित्सा क्या की।
 पुनः उसे व्यापार के लिए खोल भी दिया आखिर केसे जबकि दुनिया भर के डाक्टर इसका इलाज ढूंढ रहे हैं, तो चीनियों ने 
कौन सी चीनी खाकर-खिलाकर कैसे ये चमत्कार कर लिया!
【16】चीन की चालबाजी….
करोना को हमे व्यापार युद्ध में यूएसए द्वारा चीन की बांह मोड़ने की पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए!
आज की तारीख में अमेरिका जैसे बहुत
से दबंग देश आर्थिक रूप से लाचार हैं।
जल्द ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था चीन की योजना के अनुसार ढह जाएगी।
चीन सब चीनता,जानता है कि वह
अमेरिका को सैन्य रूप से नहीं हरा सकता क्योंकि अमरीका वर्तमान में दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश है।
तो  उसने यहां संक्रमण का उपयोग किया … जो कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षमताओं को अपाहिज बना दें।
【17】ट्रम्प का ट्रेम्प्रेचर डाउन….
शायद अमेरिकी विपक्षी दल की नेता
नैन्सी पेलोसी को भी इसमें एक हिस्सा मिला होगा …. ट्रम्प को पछाड़ने के लिए …।
राष्ट्रपति (राढ़ पति) ट्रम्प! यह कुछ
शौकीन, अय्यास प्रवृत्ति के भी हैं।
 ट्रम्प हमेशा से यह बताते रहे हैं कि कैसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था सभी मोर्चों पर सुधार कर रही थी और नौकरियां संयुक्त राज्य अमेरिका में वापस आ रही थीं।
अमेरिका ग्रेट अगेन
{AMERICA GREAT AGAIN}
 बनाने की उनकी दृष्टि को नष्ट करने का एकमात्र तरीका एक आर्थिक तबाही
 (ECONOMIC HAVOC) है।
नैन्सी पेलोसी महाभियोग के माध्यम से
ट्रम्प को नीचे लाने में असमर्थ थी ….. इसलिए क्यों ना, कोरोना के सहारे
चीन के साथ मिलकर एक वायरस जारी करके ट्रम्प की शक्ति को नेस्तनाबूद कर
दिया जाए।
【18】वुहान की जान के बल पर जहान की महामारी एक सोची समझी साजिश थी…
आप ही सोचिए महामारी के चरम पर …. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग …
उन प्रभावी क्षेत्रों का दौरा करने के लिए
जाते वक़्त बस एक साधारण आरएम 1 फेसमास्क पहने हुए थे, जबकि इटली में
इस महामारी का इलाज कर रहे डाक्टर
पूरी तरह कवर होने और सावधानी
बरतने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं।
आज चाइना ने इटली का चयन कर उसकी इडली बना डाली। 
यूएसए को, तो चीन ने कहा…. 
“यू ऐसे” ही हो। 
चीन के राष्ट्रपति के रूप में उन्हें
कोरोना से सुरक्षा हेतु सिर से पैर तक ढंका जाना चाहिए था … लेकिन ऐसा नहीं था क्यों?  क्या इसीलिए कि- इस महामारी से होने वाले किसी भी प्रकार नुकसान से बचने के लिए उन्होंने पहले से ही कोई टीका लगा रखा था।
 मतलब साफ है कि- कोरोना के क्लेश
का या  इस महामारी का इलाज पहले
से ही चीन ने ढूंढ लिया गया था, बाद में पूरे विश्व में इस वायरस को फैलाया गया है।
शायद यह सब चीन की योजना थी।
 अब आर्थिक मंदी के कगार पर बैठी
दुनिया के देशों से अधिकतर शेयर स्टॉक खरीदने के बाद  विश्व अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने  की …..
【19】चीन को चैन कब मिलेगा….
बाद में चीन यह घोषणा करेगा कि उनके चिकित्सा वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं ने
कोरोना के खात्मे का इलाज ढूंढ लिया है। इस तरह इस कोरोना कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की जाएगी।
इस तरह चीन बिना किसी वाद-विवाद, युद्ध के अपना सिक्का पूरी दुनिया में
जमा लेगा।
【20】चीन का चिंतन….
अपने देश में बैठेकर ही सन्सार की
संस्कृति को नष्ट कर, किसी भी देश की अर्थवयवस्था को हिला सकता है।
【21】भारत के विरुद्ध भड़काऊ भाषण से दिवालिया हुआ मलेशिया….
मलेशिया के राष्ट्रपति ने धारा 370 के खिलाफ बयान दिए थे, उसके बाद भारत ने वहां के शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया। यह घटना पुरानी नहीं है।
अभी-अभी भारत ने मलेशिया के साथ किया था जब ऐसा ही अब चीन भी अपने सभी पश्चिमी गठबंधनों के साथ मिलकर विश्व की अलग देशों की अर्थव्यवस्था के साथ करेगा, और ये देश बहुत जल्द ही अपने नए चाण्डाल गुरु ….. चीन के गुलाम हो जाएंगे।
【22】पैसा ही जब छठी इन्द्रिय हो…
आगे भविष्य में युद्ध हथियारों से नहीं,
धन और मन से होंगे।  व्यापार से शेयर स्टॉक से लड़ा जाएगा और चीन ने इस आर्थिक विश्व युद्ध का श्रीगणेश कर दिया है।
【23】चीन ने एक षडयंत्र के तहत, पूरी तैयारी के साथ पहले वुहान में एक वायरस फैलाकर एक निश्चित सीमा तक बढ़ने दिया और तुरन्त काबू कर लिया। लेकिन इससे निपटने हेतु पूरा विश्व समुदाय की कोई तैयारी नहीं थी।
अब कोरोना का रोना यह है कि-
 इटली, ईरान, यूरोप देशो व अमेरिका
सहित देशों में बडे पैमाने पर लोगों की
मृत्यु और पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था
तहस-नहस हो चुकी है।
चीन के सभी वाणिज्यिक क्षेत्र सुरक्षित हैं और अब वो पुन: तैयार है दुनिया को पूर्ति करने के लिये, लेकिन आज कई देशो की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। आज भारत की हालात भी धीरे धीरे बिगड़ रही है…
 और चीन दुनिया के अनेक कमजोर देशों में घुसने की प्रतीक्षा कर रहा है।
भारत भाग्य विधाता….
अब भारत को भाग्य और विधाता के
सहारे के साथ-साथ भागम-भाग्य
पर भी जोर लगाना होगा। भारत वासियों को समझना होगा कि इस तरह के नीचता पूर्ण  युद्ध में हमारी रणनीति क्या हो।
इस वायरस हमले से चीन ने क्या
हासिल किया ?
[१] प्रमुख कंपनियों में हिस्सेदारी को नियंत्रित कर, शेयर मार्केट में अपनी
होल्डिंग बढ़ाना।
[२] वुहान की बुजुर्गों बुजदिल बनाकर
खत्म या कम करना।
पढ़ते रहें- अमॄतम पत्रिका
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One response to “चीन का चांडालपन, चालाकी है-कोरोना। चमन उजाड़ डाला चीन ने….”

  1. […] इस शिवालय परिसर में पांचपत्ती एवं सात पत्ते का बेल पत्र पाया जाता है, जो दुनिया में दुर्लभ है। शुक्र का संस्कृत में अर्थ है.…  साफ, शुद्ध, चमक तथा स्पष्ट। ये दैत्यों के गुरु (शुकराचार्य) व शिक्षक हैं। ये मनुष्य के जीवन में धन, खुशी व प्रजनन का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि मनुष्य की कुंडली में शुक्र दूसरे, आठवें, बारहवें भाव में शुभकारक होता है। शुक्र के  मजबूत स्थान पर होने से धन, भाग्य व ऐशो-आराम की प्राप्ति होती है। जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह की महादशा बीस वर्षों तक सक्रीय रहती है। कमलगट्टे की माला इन्हें अत्यन्त प्रिय है। शुक्र को रजत अतिप्रिय है…. शुक्र का तत्व-जल, रंग-सफेद रत्न-हीरा, धातु-चांदी (रजत) होती हैं। हीरा रत्न यदि चांदी की धातु में पहिने, तो बहुत ही ज्यादा शुभ असरकारी होता है। “ज्योतिष नक्षत्र सहिंता“ में भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढा ये तीनो शुक्र के नक्षत्र प्राचीन काल से ही निर्धारित हैं। यह तुला-वृष राशि के स्वामी है। कन्या राशि में नीचत्व और मीन राशि में उच्च के होते हैं। शुक्रवार इनका दिन है। मुस्लिम धर्म में शुक्रवार क्यों है खास तथा जुमे की नमाज का विशेष महत्व क्या है… जानने के लिए अमॄतम पत्रिका पढ़ते रहिये। http://www.amrutam.co.in http://www.amrutampatrika.com ओर अधिक जानने के लिए नीचे की लिंक क्लिक करें- https://amrutampatrika.com/chinacorona/ https://amrutampatrika.com/virus-2/ https://amrutampatrika.com/chinakachandalpan/ […]

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