क्या घातक हो सकती है!
खांसी की दवा..
देह में कफ का होना भी बहुत जरूरी है-
अभी-अभी नई शोधों से मालूम हुआ कि
कोविड-19 यानि कोरोना वायरस क्यों फैलता जा रहा है-
केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सेन फ्रांसिस्को स्कूल ऑफ फार्मेसी के चिकित्सक वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में खुलासा किया है कि- कोरोना मरीजों
को कोई भी अंग्रेजी कफ सिरप या
दवालेने से संक्रमण और भी गम्भीर
हो सकता है।
वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में इंसानो की कोशिकाओं पर एलोपैथिक कफ सिरप
का परीक्षण करने पर पता चला कि इन दवाओं में उपलब्ध एक रसायन (केमिकल) से शरीर में कोरोना का वायरस और अधिक गति से फैला।
शोध टीम के प्रमुख डॉ ब्रायन सोइलेट ने खोजा कि कफ सीरप में मौजूद डेक्सट्रोमिथोंर्फ़न रसायन या केमिकल कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के लिए भयंकर खतरनाक हो सकता है।
उन्होंने साइंस मैगजीन में प्रकाशित
अपने शोध की एक रिपोर्ट के अनुसार
लिखा है कि-
शरीर में कफ के सूखने से सांस लेना मुश्किल होने लगता है, इसलिए कफ पूरी तरह सूखना नहीं चाहिए। कफ सन्तुलित होने से शरीर क्रियाशील बना रह सकता है। भारतीय लोगों को इसकी ज्यादा जानकारी होती है।
कफ सूखने से देह को होने वाली हानि
के विषय में आयुर्वेद के 40 से ज्यादा
शास्त्रों से ली गई जानकारी पढ़कर
औरों को भी साझा करें।
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https://amrutampatrika.com/ kufvikar/
अंग्रेजी कफ सिरप कफ को पूर्णतः सुखा देते हैं। यह अत्यंत नुकसान दायक है।
डॉ ब्रायन ने बहुत भावुक होकर कहा है कि- हमें प्राकृतिक प्रदत्त परम्पराओं को शीघ्रता से समझना होगा अन्यथा दुनिया के अधिकांश लोग गरीबी रेखा से भी नीचे जाकर खाने को मोहताज हो जाएंगे।
वैज्ञानिकों ने बताया कि– भविष्य में हमें केमिकल युक्त दवाओं को लेने से बचना चाहिए।
किसी भी तरह की खांसी अथवा छोटी-मोटी तकलीफों को ठीक करने के लिए के लिए घरेलू मसालों, आयुर्वेदिक ओषधियों को लेने की सलाह दी है।
फिलहाल अभी आगे की खोज जारी है।
कोरोना संक्रमण से बचाने में भारत की चिकित्सा पध्दति आयुर्वेद के नियमों को
अपनाने की शुरुआत होना चाहिए। इसे पूर्णतः हानिरहित उपाय इलाज बताया है।
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