कामसूत्र में भरा है काम का ज्ञान….
कामदेव ने स्त्रियों और पुरुषों के लिए
जीवन के चार जरूरी आयाम बताए हैं।
सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए
प्रत्येक नर या नारी को काम/सेक्स
के विषय में जानना जरूरी है।
{१} सेक्स से स्वास्थ्य के लाभ
{२} क्यों जरूरी है काम/ सेक्स ?
{३} सेक्स के आसान ८४आसन, क्रियाएं
{४} काम/सेक्स रोगों का उपचार
{५} सेक्स से नुकसान और फायदे
सेक्स के विषय में फैली भ्रांतियां एवं
भ्रम मिटायें और समझे कामसूत्र के
अनुसार स्त्रियों की 20 ख़ास बातें
और सेक्स के फायदे…
【1】सेक्स मानसिक शांति प्रदाता है।
【2】प्रतिदिन सेक्स या इंटरकोर्स से
कोई हानि नहीं होती।
【3】सेक्स की कोई समय सीमा निर्धारित
नही है। अपनी क्षमता अनुसार कितने भी
समय तक कर सकते हो।
【४】प्रत्येक स्त्री को भी सेक्स में संतुष्टि, चरमसुख देना जरूरी रहता है।
【५】सहवास के समय स्त्री को जितना
आनंद मिलेगा, उसमें निखार आएगा।
तृप्त होने पर वह सदैव प्रसन्नचित्त रहती है।
【६】अधिक सेक्स-सहवास शरीर के लिए नुकसानदेह नहीं होता है।
【७】सेक्स करने से तनाव दूर होता है।
【८】 सेक्स, इंटरकोर्स (सम्भोग-सहवास)
तन को तंदुरुस्त बनाये रखता है।
【९】दीर्घायु होने के लिए सेक्स आवश्यक है।
【१०】शारीरिक स्फूर्तिदायक है सेक्स।
【११】अवसाद, तनाव, डिप्रेशन, चिन्ता
दूर कर मानसिक स्वास्थ्य सुखदाता है।
【१२】साहचर्य सुख और वंशवृद्धि प्राप्ति
के लिए सेक्स एक कला है।
【१३】सम्भोग या सेक्स द्वारा पति-पत्नी के बीच अंतरंगता में वृद्धि होती है।
【१४】सेक्स एक समाजिक प्रथा है।
【१५】सेक्स हमेशा मानसिक और भावनात्मक रूप से जुड़े दो ऐसे पार्टनर्स
के बीच होता है, जिसमें दोनों बराबर
आनंद लेना चाहते हैं।
अपनी मर्दांगनी, पुरुषार्थ बल-वृद्धि के
लिए तीन महीने तक नियमित
दोनो आयुर्वेदिक ओषधियों को
सुबह-शाम दूध के साथ लेवें।
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स्त्रियों की सोच< सेक्स के बारे में….
◆ पति-पत्नी दोनों ही चाहते हैं कि
सहवास की समय-सीमा अधिक हो,
पर इसके लिए दोनों पति-पत्नी का स्वस्थ्य
एवं फिट होना जरूरी है।
◆ फ्रांस में हुए एक सर्वे में अक्सर यह देखा
गया कि सेक्स के दौरान महिलाओं को
संतुष्टि प्राप्त नहीं होती।
◆ कहने का मतलब है कि-
महिलाएं अपने ऑर्गैज़म को प्राप्त
नहीं कर पाती। क्योंकि अधिकांश
लोग पुरुषार्थ वृद्धि के लिए लंबे समय
नेचुरल ओषधियों का उपयोग न करके रसायनिक दवाओं का सेवन करते हैं,
जिससे कोशिकाओं एवं शरीरकोष में संग्रहित वीर्य खत्म होकर पुनः निर्मित
नहीं हो पाता। कुछ अंतराल बाद पुरुष नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं।
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