-
आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक खाने का आयुर्वेदिक अवलेह EYEKEY MALT ||
नेत्ररोगो को पनपने न दें, बचें से खिलाएं यह देशी दवा। 17 से अधिक 17 जड़ीबुतियो और 7 रस भस्म, मुरब्बा का विधिवत मिश्रण कर आयुर्वेद की ५००० वर्ष पुरानी पद्धति द्वारा अमृतम ने नेत्ररोगों से मुक्ति के लिए आईकी माल्ट निर्मित किया है। EYEKEY MALT में गुलकंद, आंवला मुरब्बा, हरितकी मुरब्बा, सप्तामृत लोह, प्रवाल पुष्टि,…
-
डिप्रेशन मिटाने वाली एलोपैथी से हो रहा है भयंकर साइड इफेक्ट, मेमोरी वीक होकर, मनोभ्रंश रोग (डिमेंशिया) का खतरा बढ़ा! आयुर्वेद में है शर्तिया इलाज.
क्या आप बार बार, हर बात भूल जाते हैं, तो इस अध्यात्मिक लेख को जरूर पढ़ें और जानें दिमाग की कहानी को!. याददाश्त का खो जाना जिसे इंग्लिश में मेमोरी लॉस Memory Loss Causes: कहते हैं। भूलना, मस्तिष्क से जुड़ी एक खतरनाक दिमागी बीमारी है। जो लंबे समय तक तनाव, चिंताग्रस्त, भय, भ्रम, नींद न…
-
जीवन का अंत तुरंत न हो, इसके लिए एलोपैथी से हाथ जोड़े। स्वस्थ्य जीवन, तंदुरुस्ती के लिए आयुर्वेद अपनाएं!
जाने केसे बनाए रोग रहित हिंदुस्तान। जब तन, पतन से बचेगा, तो हमारा वतन सुरक्षित रहेगा। अंग्रेजी मेडिसिन के कारण देश में 50 फीसदी से ज्यादा लोग बीमार हैं। इस रसायनिक चिकित्सा के फेर में जो भी एक बार उलझा, वह बरबाद हो गया। गरीबी की मार… विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एलोपैथी दवाओं की वजह से…
-
सोमरोग यानी पीसीओडी या पीसीओएस महिलाओं की खूबसूरती छीनने वाला रोग जाने क्या है?
नाजुक नारी – नारी रोगों में जब गर्भाशयडिंबकोष या प्रजनन संस्थान किसी कारणवशविकास ग्रस्त ने से ऋतुचक्र बिगड़ जाता है, तब स्त्रियों को अनेक प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक रोग कष्ट पहुंचाने लगते हैं जैसे – प्रजनन संस्थान के विकार (Female reproductive system Disorder) श्वेत प्रदर रक्त प्रदर योनि में शुष्क फुंसिया जख्म गर्भाशय की…
-
कभी जगन्नाथ पुरी जाएं, तो कोणार्क सूर्य मंदिर का भी वैज्ञानिक नजारा जरूर देखें। यही से 45 km दूर ज्योतिष का यंत्र ताड़पत्र आपका भविष्य बदल देगा!
हरेक प्रश्न का उत्तर बिना पूछे जानकर हैरान हो जाएंगे वहां…. जब मैं गुरुदेव मिश्र जी से मिला, तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। अमृतम पत्रिका यात्रा संस्मरण से साभार 1997 से 2011 तक कारोबार के कारण लगभग 50 बार से ज्यादा उड़ीसा जाना हुआ। उड़ीसा के मंदिर और था पर उत्पन्न शिवलिंग पुष्प दर्शनीय तो हैं…
-
देवी मां का शक्ति सिंहासन…
अमृतम मासिक पत्रिका यात्रा संस्मरण से उदगार। ईश्वर के प्रति अटूट आस्था के चलते महादेव ने 25000 से ज्यादा स्वयंभू शिवलिंगों और कराएं। अपनी यात्रा डायरी के पन्नों से लिए गए अनेक दुर्लभ एवम रहस्यमई मंदिरों की जानकारी amrutam.co.in या amrutampatrika.com पर पढ़ सकते हैं। भारत के बिहार की राजधानी पटना से करीब 250 किलोमीटर दूर गोपालगंज से 5 KM मजमाया…
-
एग्जिमा की अचूक सिद्ध आयुर्वेदिक घरेलू ओषधि…
पुरानी खाज खुजली, एग्जिमा, छाजन, दाद आदि त्वचा रोग का घरेलू इलाज…. गंधक, पान की जड़ तथा नीला थोथा तीनों वस्तुएं प्रत्येक १०० ग्राम लेकर तीनों को एक साथ इमामदस्ते या खरल में कूटकर बारीक महीन कर, बारीक कपड़े या मैदे की चलनी से छान लें। रोगानुसार इस दवा में से थोड़ी मात्रा में दवा …
-
काशी के खोए हुए दुर्लभ स्वयंभू शिवालय..
स्वयम्भू-व्याघेश्वर के दक्षिण में स्वयंभू शिवलिंग है तथा वहीं उसके पूर्व ज्येष्ठ स्थान में एक शिवलिंग ओर का था। उसके पश्चिम में पंचचूड़ा द्वारा स्थापित एक शिवलिंग, दक्षिण में प्रहसितेश्वर थे और उत्तर में वासेश्वर। वहीं चतुःसमुद्र नामक एक कूप है। दण्डीश्वर शिवलिंग– चतुःसमुद्र कूप के उत्तर में तथा व्याघ्रश के दक्षिण में। उसके उत्तर में दण्डखात नामक एक तालाब है जिसमें स्नान…
-
सुख समृद्धि के लिए घर के गमलों में ही करें – ग्रह नक्षत्र वाटिका का रोपण…..
वर्तमान में अधिकांश लोग मानसिक रूप से प्रसन्न नहीं हैं। हर किसी को कोई न कोई आधि व्याधि ने पीड़ित कर रखा है। प्राचीनकएल में प्रत्येक घर में ग्रह नक्षत्र संबंधित पेड़ पुष्पों का लगाना अनिवार्य था। आज फ्लैट सिस्टम ने सब कुछ तबाह कर दिया। धनदाता ग्रह नक्षत्र वाटिकाओं को लगाएं… हमारे ऋषि-मुनियों ने…
-
शरीर के भी 10 तंत्र हैं, इनकी शुद्धि के बिना मंत्र फ्लैट नहीं होते…
अमृतम तंत्र, मंत्र और स्वास्थ्य… दुनिया केवल दैवीय शक्ति तंत्र के बारे में जानती है। तंत्र शास्त्रों में दस तंत्र का वर्णन मिलता है और इनकी अधिष्ठात्री देवियां भी 10 ही हैं। जब तक मानव तंत्र शुद्ध होते, तब तक किसी भी तंत्र सिद्धि कामना करना व्यर्थ है। हमारे शरीर में दस तंत्र है – कंकाल तंत्र,…
Talk to an Ayurvedic Expert!
Imbalances are unique to each person and require customised treatment plans to curb the issue from the root cause fully. Book your consultation – download our app now!