क्वारेंटाईन क्या है? क्वारेंटाईन के फायदे। प्राचीन काल का सूतक है-आज का क्वारेंटाईन…..

क्वारेंटाईन के 18 तरीके

जो आपको स्वस्थ्य-सुखी, प्रसन्न रखेंगे!
क्या आपको मालूम है- क्वारेंटाईन…
प्राचीन काल का सूतक है-
गरुड़पुराण” के तेरहवें अध्याय तथा
अन्य वेद-ग्रन्थ, उपनिषदों में भी
एकांतवास यानि ~क्वारेंटाईन“~ 
का जिक्र मिलता है…

क्यों पुराने लोग किसी को छूने या हाथ लगाना 

छुआछूत मानते थे?

खुद को सुन्दर-स्वस्थ्य रखने के 18 सूत्र
【1】सादा-जीवनउच्च-विचार और
7 दिन में एक बार पूरे दिन का एकांतवास।
【2】क्वारेंटाईन आदि क्रियायों को समय-समय पर अपनाएं।
【3】साल में दो बार किसी ऊंची पहाड़ी या एकांत तीर्थ
पर जाकर 2 दिन का मौन व्रत धारण करें।
【4】रोज 15 मिनिट ध्यान में स्वयं को देवें।
【5】एक से 5 माल गायत्री मंत्र का जाप मन ही मन करें
【6】यदि किसी सदगुरू से दीक्षित हों, तो एक माला
नाभि या गुरु का ध्यान कर गुरु मन्त्रं जपें
【7】स्मरण रखें- जो जागत है-वो पावत है….

【8】रोगों से बचने के लिए अपने खानपान, रहन-सहन

और प्राचीन संस्कृति को साधे।
 【9】प्राकृतिक नियमों जैसे-समय पर उठना,
घूमना-दौड़ना जीवन क्रम में जोड़े। यह बहुत जरूरी है।
【10】नियम से योगा-प्राणायाम, ध्यान-साधना करें
【11】नहाकर ही अन्न या अन्य खानपान ग्रहण करें।
【12】छोटी-मोटी, तनिक सी बीमारियों को घरेलू उपचारों से ठीक करने की कोशिश करें।
【13】आयुर्वेदिक या देशी दवाओं को अपने भोजन में जोड़े।
【14】जीवाणुओं का नाश करने हेतु महीने में एक बार द्वार पर गाय का गोबर  लीपकर एक दीपक जलाएं।

【15】वातावरण को विशुद्ध करने के लिए आपकी संकल्प शक्ति, साफ-सफाई जरूरी है।

【16】चन्द्र और सूर्यग्रहण सूतक में भोजन नहीं करें।

【17】 भारत की परम्परा अनुसार जीवन-यापन करें।

【18】दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार, प्रणाम एवं

अभिवादन करने की आदत बनाये

क्वारेंटाईन
आयुर्वेद प्राचीन प्राकृतिक सूत्र है

इस (Healthy) स्वास्थ्यवर्द्धक सबक सन्सार को सीखना और अपनाना चाहिए।
उठ जाग मुसाफिर भोर भई…..
सन्सार में अब इतना वातावरण, वायुमण्डल
इतना दुषित-प्रदूषित हो चुका है कि एक के बाद
एक नई बीमारी महामारी बनकर उभरेगी। 

आगे आने वाले समय में जो भी व्यक्ति इस

अतिसूक्ष्म वैदिक विज्ञान को आत्मसात करेंगे,

वे ही लोग  इस भव में सुखी-स्वस्थ्य, प्रसन्न और

अवसाद रहित जी पाएंगे।

कोरोना जैसे संक्रमण या वायरस के भय से बचकर

विजय प्राप्त कर सकेंगे।

वैदिक परम्पराओं पर भी ध्यान दें….

भोजन करते समय पहला ग्रास
।।ॐ अग्नये स्वाहा।।
हे अग्निदेव! आपको भोजन स्वीकार करें।
ॐ प्राणाय स्वाहा– हे प्राणवायु!
आप भी भोजन पचाने में मदद करो।
प्राण वायु के पांच प्रकार की होती हैं।
१- ॐ प्राणाय स्‍वाहा
२- ॐ अपानाय स्‍वाहा
३- ॐ उदानाय स्‍वाहा
४- ॐ समानाय स्‍वाहा
५- ॐ व्‍यानाय स्‍वाहा
वैदिक मान्यता है कि-पाच ग्रास (कौर)
पाचक अग्नि प्राण वायु के नाम का लगाने से
@ पचनेन्द्रीय प्रणाली और मेटाबोलिज्म
मजबूत होता है।
@ जठराग्नि प्रदीप रहेगी,
@ भूख खुलकर लगती है और
@ खाना जल्दी पच जाता है।
@ कब्ज, गैस विकार, उल्टी सा मन, पित्त की वृद्धि
नहीं होती
पूजा प्रकाश, व्रतराज एवं
अनुष्ठान विधि सहिंता में
ऐसा बताया है।
इस नियम को 5 दिन आजमाकर भी देख सकते हैं।
पित्त को असन्तुलित होने से बचाएं।
शरीर में पित्तदोष सर्वरोगों का
जन्मदाता है। जानने के लिए क्लिक करें-

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★ शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भोजन में

जीरा, धनिया, सौंफ, हल्दी, दालचीनी 

आदि मसालों को को अनिवार्य कर दिया।
★ चन्द्र और सूर्यग्रहण सूतक में भोजन नहीं करते हैैं।

★ उत्सव से उत्साह, उमंग ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिससे इम्युनिटी पॉवर बढ़ता है।

★ साथ ही तीज-त्योहारों में शिवालय-देवालयों में जाकर, दीपक धूप जलाना से वायुमण्डल शुद्ध करने की परम्परा भी पुरानी है।

अघोरी साधकों की तपस्या भी
 एक तरह का  क्वारेंटाईन ही है
अमृतम परिवार का आग्रह-
भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता करें-

कृपया देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए

स्वदेशी यानि मेड इन भारत अपनाकर अपनी

धरती माँ का सम्मान बढ़ाएं।

उन्नति में योगदान देकर कृतार्थ करें।

लोकल को वोकल हेतु इसे क्लिक करें-

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स्वदेश और स्वदेशी का महत्व-

Proudly VOCAL for LOCAL

मैं भी हजारों लोगों को रोजगार दे सकता हूँ 

आत्मनिर्भर बनकर। यह देश है मेरा- मुझे

स्वदेशी अपनाना है।

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चीन को सबक सिखाने के लिए स्वदेशी अपनाकर 

उसकी कमर तोड़े। यह हमारे लिए वरदान भी 

साबित होगा। गैर चाइनीज बाजार खड़ा करने से

दूसरे देशों के विकल्प खुद ही आने लगेंगे।

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भारत के लोग, व्यापारी, उद्योग पति अभी अनेक 

row मटेरियल के लिए चीन के भरोसे बैठे हैं। 

क्योंकि इनका उत्पादन हमारे देश में कम होता है। 

अगर हम देश में निर्मित वस्तु खरीदेंगे, तो थोड़ा महंगा

जरूर पड़ेगा, लेकिन देश का पैसा देश में रहेगा।

मेड इन भारत खपत बढ़ने पर वही सामान देश में

चीन से सस्ता पड़ने लगेगा। हमारा आज का प्रयास भविष्य में सुखद एहसास कराएगा। देश का सामान देश के लोग खरीदेंगे, तो देश के किसान, मजदूरों, मजबूरन के काम आएगा। बेरोजगारी घटने लगेगी। अवसाद डिप्रेशन चिन्ता, तनांव सब मिटने लगेंगे।

जाने क्या सोच है महान हस्तियों की-

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आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वस्थ्य शरीर रखना 

जरूरी कदम है। देह रोगरहित कैसे रहे क्लिक करें-

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